रिकांगपिओ में MSME जागरूकता कार्यशाला आयोजित

कार्यशाला का उद्देश्य अधिक से अधिक उद्यमियों और पारंपरिक कारीगरों को नई योजनाओं की जानकारी देना 

किन्नौर : उद्योग विभाग ने  MSME जागरूकता कार्यशाला का आयोजन आज किन्नौर जिले के रिकांगपिओ में किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य क्षेत्र के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और पारंपरिक कारीगरों को नई योजनाओं की जानकारी देना, उनकी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाना तथा पर्यावरण अनुकूल औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना रहा। इस अवसर पर विभिन्न औद्योगिक इकाइयों, कारीगरों तथा विभागीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में 70 से अधिक प्रतिभागियों ने उपस्थिति दर्ज कराते हुए MSME योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।

इस कार्यक्रम में गुरु लाल नेगी, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र किन्नौर मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यशाला हमारे MSMEs और कारीगरों को मजबूत बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। RAMP योजना के अंतर्गत शामिल MSE-CDP, SFURTI और Greening of MSMEs जैसी पहल उद्यमों को आधुनिक सुविधाएं, कौशल और पर्यावरण-सुरक्षित कार्यप्रणालियां अपनाने की दिशा में आगे बढ़ाती हैं। हमारा प्रयास है कि इन योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक उद्यमियों और कारीगरों तक पहुंचे, ताकि वे कौशल, संसाधन और बाज़ार की बेहतर समझ के साथ नई सफलता अर्जित कर सकें।

कार्यक्रम के दौरान उद्योग विभाग शिमला के अधिकारियों ने प्रतिभागियों को MSE-CDP योजना के तहत क्लस्टर विकास, Greening of MSMEs पहल के तहत पर्यावरण हितैषी और ऊर्जा-संरक्षण आधारित कार्यप्रणालियां, तथा MSMEs की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने से जुड़े विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। इसके अतिरिक्त प्रतिनिधियों द्वारा SFURTI योजना पर भी एक विस्तृत और उपयोगी विवरण प्रस्तुत किया गया। इसमें बताया गया कि यह योजना पारंपरिक कारीगरों और स्थानीय उद्योगों के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो उन्हें संसाधन, वित्तीय सहयोग और बाज़ार से मज़बूत जुड़ाव उपलब्ध कराती है।

उद्योग विभाग ने यह आश्वासन दिया कि MSME क्षेत्र को मज़बूत बनाने के उद्देश्य से जागरूकता अभियानों, ज्ञान-साझेदारी और प्रभावी नीति क्रियान्वयन की समान पहलें आगे भी जारी रहेंगी। विभाग का लक्ष्य प्रदेश को प्रतिस्पर्धात्मक और सतत औद्योगिक विकास की दिशा में अग्रसर करना है। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने MSME क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की तथा नवाचार और संसाधन दक्षता से जुड़े सुझाव भी साझा किए।

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