हिमाचल: प्रदेश में स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का शुभारम्भ; 2 अक्टूबर तक होगी 8 लाख महिलाओं के स्वास्थ्य जांच 

शिमला: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि जब प्रदेश की हर महिला स्वस्थ होगी तभी हर एक परिवार सशक्त होगा और एक सशक्त समाज का निर्माण होगा।

डॉ. शांडिल आज यहां आईजीएमसी में आयोजित स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के शुभारंभ के दौरान अपने विचार साझा कर रहे थे। 15 दिवसीय स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्य प्रदेश के धार क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम से किया।

डॉ. शांडिल ने कहा कि स्वस्थ शरीर ही हमारी पूंजी है इसलिए समय-समय पर अपनी सेहत की जांच करवाते रहे ताकि हमारे परिवार स्वस्थ रहे और स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। उन्होंने कहा कि आज के समय में कोई भी व्यक्ति किसी भी बीमारी का शिकार हो सकता है इसलिए स्वास्थ्य की नियमित जाँच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी इस अभियान को प्रदेश के हर कोने-कोने तक पहुँचाने का काम करें ताकि प्रदेश में हर एक परिवार को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत दूर-दराज के क्षेत्र हैं जहाँ महिलाओं को भी काफी काम करना पड़ता है, जिससे उनकी सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच के अनुरूप आज प्रदेश के हर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोले जा रहे हैं, जिसमें 6 विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर बेहतर बनाया जा रहा है। 

सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एम. सुधा देवी ने बताया कि स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक चलाया जाएगा, जिसमें प्रदेश की 8 लाख महिलाओं के स्वास्थ्य जांच का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र की महिलाओं को जाँच हेतु स्वास्थ्य केंद्र तक लेकर आएंगी। 

प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रदीप ठाकुर ने स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया तथा निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बैरी ने धन्यवाद सम्बोधन प्रस्तुत किया। 

इससे पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित एक नन्हे बालक का अन्नप्राशन कर उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। 

कार्यक्रम में विधायक शिमला शहरी हरीश जनारथा, उपमहापौर नगर निगम शिमला उमा कौशल, निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (भारत सरकार) डॉ गोविन्द बंसल, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, प्रधानाचार्य आईजीएमसी डॉ सीता ठाकुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डॉ. यशपाल रांटा सहित अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे। 

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान का उद्देश्य 

  • महिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2025 तक पूरे प्रदेश में चलाया जाएगा। इस अभियान का लक्ष्य महिलाओं के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना और परिवारों को सशक्त बनाना है। इस अभियान का उद्देश्य लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार लाना तथा परिवारों को सशक्त बनाना है। यह पोषण अभियान, आयुष्मान भारत और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित है, साथ ही हिमाचल के अद्वितीय जनसांख्यिकीय और भौगोलिक संदर्भ के अनुरूप समाधान भी तैयार करता है।

  • इस अभियान में सभी महिलाओं के लिए चिकित्सा जांच और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएगी, जिसमें ईएनटी, नेत्र, रक्तचाप, मधुमेह और दंत जांच, कैंसर-मुख/स्तन/ग्रीवा, गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व जाँच, टीकाकरण सेवाएँ, एनीमिया का स्तर, टेलीमानस सुविधाएं, टीबी जांच, सिकल सेल एनीमिया तथा विशेष परामर्श शामिल है। 

  • स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आसान बनाने के लिए मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना नामांकन, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सिकल सेल कार्ड तथा पोषण ट्रैकर में लाभार्थियों का पंजीकरण किया जाएगा। 

  • स्वास्थ्य हस्तक्षेप और सेवा वितरण की गतिविधियों में एनीमिया जांच, मासिक धर्म स्वच्छता शिक्षा, मातृ स्वास्थ्य जांच, पोषण परामर्श और किशोर स्वास्थ्य आउटरीच शामिल हैं। सभी जिलों में, विशेषकर जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य टीमें और स्वास्थ्य शिविर तैनात किए जाएंगे।

  • महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभागों के साथ सहयोग से अभियान का समग्र प्रभाव सुनिश्चित किया जायेगा। संयुक्त योजना और समन्वित कार्यान्वयन से संसाधन उपयोग और सामुदायिक भागीदारी अधिकतम होगी।

  • आउटरीच, सेवा वितरण और स्वास्थ्य संकेतकों पर नज़र रखने के लिए डिजिटल डैशबोर्ड और वास्तविक समय रिपोर्टिंग का उपयोग किया जायेगा। जिला स्तरीय स्कोरकार्ड और फीडबैक लूप मध्य-पाठ्यक्रम सुधार और नीति परिशोधन का मार्गदर्शन करेंगे।

  • सेवा की गुणवत्ता और सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के लिए आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया जायेगा। मनोबल और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उच्च प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मान्यता और प्रोत्साहन दिया जायेगा।

  • स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य और प्रजनन स्वास्थ्य पर विशेष सत्र का आयोजन किया जायेगा। किशोरों में नेतृत्व और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए सहपाठी शिक्षक मॉडल और युवा क्लब का आयोजन होगा।

  • ग्राम सभाएं और महिला मंडल जागरूकता लाने में प्रमुख भागीदार होंगे। भागीदारी और सूचना का प्रसार तथा सांस्कृतिक संवेदनशीलता सुनिश्चित करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों और स्थानीय प्रभावशाली लोगों को शामिल किया जाएगा।

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