ढाई साल का कुशासन – हिमाचल में विकास नहीं, विश्वास टूटा है : राकेश जमवाल

मण्डी: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा अपनी सरकार के ढाई साल पूरे होने पर दिया गया वक्तव्य न केवल तथ्यों से परे है, बल्कि आमजन की पीड़ा और निराशा का उपहास है। बीते ढाई वर्षों में कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की जनता को केवल भ्रम, बदइंतज़ामी और झूठे वादों का ही स्वाद चखाया है। भाजपा मुख्य प्रवक्ता व विधायक राकेश जमवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जिस ‘व्यवस्था परिवर्तन’ की बात कर रहे हैं, वह वास्तव में प्रशासनिक ठहराव, विकास की रफ्तार में अवरोध और जनता से संवादहीनता का पर्याय बन चुका है। इस सरकार के कार्यकाल में जनता को न राहत मिली, न भरोसा।

जमवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार का ढाई साल का कार्यकाल आर्थिक कुप्रबंधन की पराकाष्ठा है। राज्य पर कर्ज़ का बोझ दिन-ब-दिन बढ़ता गया, लेकिन कोई दीर्घकालिक वित्तीय नीति नहीं बनी। कर्मचारियों का वेतन तक समय पर देने में असमर्थ सरकार, आर्थिक आत्मनिर्भरता की बात कैसे कर सकती है?ओपीएस के नाम पर चुनाव जीता, लेकिन आज तक उसके क्रियान्वयन को लेकर कोई स्पष्ट वित्तीय खाका नहीं है। बेरोजगारी खत्म करने के नाम पर युवाओं से धोखा हुआ, अब – ना नौकरी, ना सहायता। प्रदेश में तबादलों का बाज़ार खुला है। अधिकारियों की पोस्टिंग में खुलेआम लेन-देन की चर्चा आम हो गई है। क्या यही पारदर्शिता है?
उन्होंने कहा आज मात्र केंद्र सरकार से टकराव की राजनीति प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है।मोदी सरकार द्वारा प्रदेश हित में दी गई योजनाओं और पैकेजों को भी लागू करने में कोताही बरती गई। राजनीतिक द्वेष के चलते प्रदेश का नुकसान हुआ।

राकेश जमवाल ने कहा कि प्रदेश में विकास की गति थमी, मात्र मंत्री फेसबुक पर ही विकास कर रहे है धरातल में कुछ भी दिखाने को सरकार के पास नही, उद्घाटन ऐसे कार्य के हो रहे भाजपा सरकार के काल में हुए बल्कि फोटो खिंचवाने मात्र के लिए पूर्व कार्य का दुबारा शिलान्यास और उद्घाटन भी इस सरकार में देखने को मिलेगा हैं। जनता पर लगातार टैक्स थोपे गए। जल कर, भवन कर, सफाई शुल्क जैसे निर्णयों से आम आदमी त्रस्त है। महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है।

उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खु पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री करते हैं कहते हैं कि उन्होंने “हर मुश्किल को अवसर में बदला”, पर जनता जानती है कि इन ढाई सालों में हिमाचल ने अवसर नहीं, सिर्फ़ समस्याएं देखीं और संघर्ष झेला।उन्होंने कहा कि यह तो स्पष्ट है कि प्रदेश की जनता अब भ्रमित नहीं है। उसे सच्चाई समझ आ चुकी है – और यही सच्चाई इस सरकार को अगले चुनाव में पूरी तरह नकार देगी। ये ढाई साल हिमाचल के लिए गंभीर निराशा और दिशाहीनता के साल रहे हैं।

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