शिमला: विश्व संवाद केन्द्र ने किया देवर्षि नारद जयंती कार्यक्रम आयोजित
शिमला: विश्व संवाद केन्द्र ने किया देवर्षि नारद जयंती कार्यक्रम आयोजित
सत्य और जिम्मेदारी की ओर लौटे मीडिया: अजय श्रीवास्तव आज के सूचना युग में भी देवर्षि नारद जी के संवाद-साधना की प्रासंगिकता: प्रो. वीर सिंह रांगड़ा शिमला: विश्व संवाद केन्द्र, शिमला द्वारा आज देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन शिमला के रोटरी टाउन हॉल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. वीर सिंह रांगड़ा, आचार्य भौतिक शास्त्र विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय उपस्थित रहे। प्रो. रांगड़ा ने कहा कि नारद मुनि केवल एक पौराणिक पात्र नहीं हैं, बल्कि वे संचार, संवाद और ज्ञान के प्रतीक रहे हैं। वे त्रिकालदर्शी महर्षि थे, जो तीनों लोकों में निर्बाध गति से विचरण करते हुए ज्ञान, भक्ति और संस्कृति का प्रचार-प्रसार करते थे। उन्होंने अपने मधुर संवाद और वाणी के माध्यम से समाज में प्रेम, भक्ति और अध्यात्म का बीजारोपण किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज के आधुनिक युग में, जहाँ सूचना क्रांति और संचार माध्यमों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है, वहाँ नारद मुनि की प्रासंगिकता और भी अधिक बढ़ गई है। वे संवाद की शक्ति को समझते थे और उसका उपयोग जनहित के लिए करते थे। प्रो. रांगड़ा ने कहा कि देवर्षि नारद ने आम जनमानस को सत्य, धर्म और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि संवाद के माध्यम से सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और आध्यात्मिक उन्नति संभव है। नारद जयंती कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अजय श्रीवास्तव संस्थापक अध्यक्ष उमंग फाउंडेशन एवं सह आचार्य पत्रकारिता एवं जनसंचार (सेवानिवृत्त) हिमाचल विश्वविद्यालय ने कहा कि विश्व संवाद केन्द्र शिमला जो कार्य कर रहा है संभवतः व पत्रकारों से जुड़ी कोई अन्य संस्था आज तक नहीं कर पाई है। इसका मुख्य मकसद पत्रकारिता में राष्ट्रीयता को सर्वाेपरि रखना है। अजय श्रीवास्तव ने कहा कि देवऋषि नारद ब्रह्मा के मानस पुत्र थे। जिन्हें संचार व संवाद में अहम भूमिका निभाई है। पत्रकार के नाते आज भी कई लोग ये काम कर रहे हैं लेकिन उनकी विश्वसनीयता संदेह के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में पत्रकारों की अभूतपूर्व भूमिका रही। अजय श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व संवाद केन्द्र शिमला जिस दिशा में बढ़ रहा है उसमें रिसर्च की अत्यंत आवश्यकता है जिससे देश के खिलाफ बनाए जा रहे नैरेटिव को अप्रभावी किया जा सके। आज जब सोशल मीडिया और तेज़ी से बदलते समाचार चक्र के कारण भ्रम फैलाना आसान हो गया है, तब पत्रकारिता को और भी अधिक सजग, संवेदनशील और उत्तरदायी बनने की आवश्यकता है। समाचारों की पुष्टि किए बिना या किसी पूर्वग्रह के साथ प्रस्तुत की गई जानकारी न केवल समाज को गुमराह करती है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी कमजोर करती है। श्री श्रीवास्तव ने विश्व संवाद केंद्र, शिमला द्वारा देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित इस सार्थक और विचारोत्तेजक कार्यक्रम की सराहना की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्रीमती नंदिनी मित्तल, क्षेत्रीय समाचार प्रमुख, दूरदर्शन केंद्र शिमला ने कहा कि आज के दौर में सत्य को सरलता और स्पष्टता से प्रस्तुत करना आवश्यक है। उन्होंने हाल ही में भारत-पाक ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में मीडिया की भ्रामक कवरेज पर चिंता व्यक्त की और मीडिया की जिम्मेदार भूमिका पर बल दिया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश बंसल अध्यक्ष विश्व संवाद केन्द्र शिमला द्वारा की गई। उन्होंने मुख्यअतिथि, मुख्य वक्ता एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया एवं विश्व संवाद केंद्र के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नारद जयंती जैसे आयोजनों की आज के समय में आवश्यकता है, इस तरह के कार्यक्रम निरंतरता से किए जाने चाहिए। अंत में न्यास के कार्यकारी सदस्य श्री अनिल भारद्वाज जी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग की पूर्व निदेशक श्रीमती आरती गुप्ता जी, प्रांत प्रचार प्रमुख श्री प्रताप समयाल, प्रांत सह प्रचार प्रमुख श्री मोतीलाल, श्री महीधर प्रसाद जी, श्री यादविन्द्र चौहान सहित न्यास के विभिन्न पदाधिकारियों, बुद्धिजीवियों, पत्रकारों, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पत्रिकारिता के छात्रों और समाजसेवियों ने भाग लिया।