हिमाचल: प्रदेश सरकार ने विमल नेगी मामले की जांच ACS ओंकार शर्मा को सौंपी ; परिवार ने 3 अधिकारियों को की सस्पेंड करने की मांग; परिवार अधिकारियों को सस्पेंड करने पर अड़ा
हिमाचल: प्रदेश सरकार ने विमल नेगी मामले की जांच ACS ओंकार शर्मा को सौंपी ; परिवार ने 3 अधिकारियों को की सस्पेंड करने की मांग; परिवार अधिकारियों को सस्पेंड करने पर अड़ा
हिमाचल: प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले पर परिजन अधिकारियों को सस्पेंड करने पर अड़ गए हैं। बुधवार को विमल नेगी की पार्थिव देह को लेकर परिजन शिमला पावर कॉरपोरेशन के बीसीएस कार्यालय के बाहर पहुंचे। इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विमल नेगी के परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा और निदेशक इलेक्ट्रिक देशराज को निलंबित करने की मांग उठाई है। परिजनों ने कहा कि जब तक तीनों अधिकारी निलंबित नहीं होंगे, तक तब पार्थिव देह नहीं हटाएंगे।
परिवार ने सीबीआई जांच की मांग उठाई है। परिजनों व कर्मियों ने हरिकेश मीणा और देशराज के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के महाप्रबंधक (जीएम) विमल नेगी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद राज्य सरकार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने इस मामले में गृह एवं राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को जांच सौंपी है जो 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। इस जांच के दौरान मृतक अधिकारी के परिजनों, कर्मचारियों और अन्य इच्छुक पक्षों के बयान लिए जाएंगे।
सरकार ने जांच की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए पावर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निर्देशक इलेक्ट्रिकल देशराज को निगम की सेवाओं से हटा दिया गया है। जांच पूरी नहीं होने तक दोनों अधिकारी काॅरपोरेशन कार्यालय में ड्यूटी नहीं देंगे। उनकी जगह राकेश प्रजापति (आईएएस, 2012) को एमडी का प्रभार सौंपा गया है, जबकि सुरिंदर कुमार निदेशक (सिविल) को निदेशक (इलेक्ट्रिकल) का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
वहीं, पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।