रामकृष्ण मिशन और ब्रह्म समाज के बीच कोई विवाद नहीं, आश्रम में घुसे कुछ लोग भू-माफिया- सचिव तन्महिमानंद

शिमला: शिमला स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम में हाल ही में हुए विवाद पर मिशन ने कहा  कि यह मामला रामकृष्ण मिशन और ब्रह्म समाज के बीच विवाद का नहीं है। मिशन का कहना है कि यह विवाद आश्रम में घुसे कुछ लोग भू-माफियाओं के कारण उत्पन्न हुआ है।

शिमला में हिमालय ब्रह्म समाज और राम कृष्ण मिशन के पदाधिकारियों ने संयुक्त पत्रकार वार्ता कर कहा कि शिमला में हिमालय ब्रह्म समाज का कोलकाता में शुरू हुए ब्रह्म समाज से कोई नाता नहीं है। हिमालय ब्रह्म समाज के असल ट्रस्टी ने राम कृष्ण मिशन को धार्मिक कार्यों के लिए जमीन सौंपी है जिसके कानूनी दस्तावेज मिशन के पास है। इस दौरान मिशन ने सरकार और प्रशासन पर उनकी अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है।

रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी तन्महिमानंद ने बताया कि  यह विवाद आश्रम में घुसे कुछ लोग भू-माफियाओं के कारण उत्पन्न हुआ है। हिमालय ब्रह्म समाज, जिसे वर्ष 2014 में कानूनी रूप से आश्रम के लिए जमीन सौंपी गई थी, का कोलकाता के ब्रह्म समाज से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में स्थानीय प्रशासन और सरकार ने अनदेखी की, जिससे हालात बिगड़े।  स्वामी तन्महिमानंद ने बताया कि जब आश्रम में तोड़फोड़ हो रही थी तो उन्होंने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और मुख्य सचिव को फोन मिलाया मगर किसी ने फोन नहीं उठाया। आखिर में उन्हें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से मदद मांगनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि यह विवाद हिमालयन ब्रह्म समाज और रामकृष्ण मंदिर मिशन आश्रम के बीच नहीं है। यह विवाद अतिक्रमणकारियों और भूमाफिया के बीच है। इन्हें प्रदेश उच्च न्यायालय ने वर्ष 2011 में आदेश दिए कि वह हिमालयन ब्रह्म समाज के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके बावजूद नाम में थोड़ा बहुत बदलाव करके संस्था के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। तत्कालीन उपायुक्त ने भी हाईकोर्ट के आदेशों पर मामले जांच की। इसके बावजूद आज तक पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शनिवार शाम कुछ लोग भक्त बनकर मंदिर में आए और धार्मिक कार्यक्रम में भाग लिया। जब हमने कहा कि अब मंदिर बंद करने समय है तो उन्होंने विवाद शुरू कर दिया। मामले की न्यायिक जांच या सीबीआई जांच करवाई जाए। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा कि इससे पहले ही रामकृष्ण मिशन आश्रम के दो अध्यक्षों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है और मेरी भी हत्या करवाई जा सकती है।

मिशन ने शिमला पुलिस प्रशासन पर मामले को राजनीतिक रंग देने और अनदेखी करने का आरोप लगाया है। मिशन के अनुसार, विवाद के पीछे विशाल शर्मा नाम का व्यक्ति है, जो पहले आश्रम में माली के रूप में काम करता था। 2007 में उसने हिमालय ब्रह्म समाज के समानांतर एक फर्जी ट्रस्ट बना लिया, जिसे 2011 में उच्च न्यायालय ने अवैध घोषित कर दिया था। बावजूद इसके, वह अभी भी ब्रह्म समाज के नाम का दुरुपयोग कर रहा है। मिशन का कहना है कि यह मामला अभी भी न्यायालय में लंबित है। उन्होंने प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई और भू-माफियाओं पर रोक लगाने की मांग की है।

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