नई दिल्ली: कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सरकारी अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे सक्रिय रूप से अधिक से अधिक जानकारी दें ताकि अधिकारियों द्वारा रोकी गई जानकारी प्राप्त करने के लिए लोगों को आरटीआई आवेदन करने की जरूरत न पड़े।
इस संबंध में समय-समय पर सरकारी अधिकारियों के ध्यान में यह बात लाई है कि वे किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत सूचना को प्रकट नहीं कर सकते क्योंकि यह लोकहित से नहीं जुड़ा है। कुछ हितधारकों ने व्यक्तिगत सूचना दिए जाने पर आपत्ति की है, क्योंकि इससे सूचना मांगने वाले की जान खतरे में आ सकती है।
अविषेक गोयनका बनाम भारत संघ मामले में कोलकता उच्च न्यायालय के निर्देशों के आधार पर तथा हितधारकों के हित में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग 15 दिनों के अंदर हितधारकों से प्रारूप ओएम पर टिप्पणियां आमंत्रित कर रहा है। इन टिप्पणियों को आर. के. गिरधर, अवर सचिव (आरटीआई) को ई-मेल आईडी usrti-dopt@nic.in. पर भेजा जा सकता है।