हिमाचल बजट- किसानों, बागवानों और पशुपालकों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में रोज़गार के अवसर व आय में वृद्धि

शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया। बजट की प्रमुख घोषणाएं:

किसानों को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत रोज़गार के अवसर तथा आय में वृद्धि

 बेरोजगार युवाओं को प्राकृतिक खेती के लिए प्राकृतिक रूप से उगाए गये गेहूँ को 40 रुपये तथा मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य।

36,000 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा।

 ‘हिमाचल प्रदेश कृषि मिशन’ के अन्तर्गत 2 हजार 500 कृषि क्लस्टर समूहों को विकसित करके विभिन्न क्षेत्रों में high value फसलों को बढ़ावा।

मोटे अनाज (Millets) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना।

 शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू तथा कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण।

सिरमौर में पाँवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार; कुल्लू में चौरीबिहाल, पतलीकुहल और खेगसू; मण्डी में टकोली और कांगनी; काँगड़ा में जसूर, पासू तथा पालमपुर; तथा सोलन में परवाणू, कुनिहार और वाकनाघाट मंडियों का उन्नयन।

किसानों की सुविधा के लिए Chat Bot और Al पर आधारित भू-अभिलेख, हेल्पडेस्क तथा किसानों के database सहित एक web आधारित कृषि पोर्टल और Mobile App बनाया जाएगा।

सब्जी उत्पादन के माध्यम से किसानों को उचित गुणवत्ता की पौध तथा उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए एक ‘Centre of Excellence Hi-Tech Vegetable Nursery Production’ खोला जाएगा।

पशुपालन तथा दूध उत्पादन को प्राकृतिक खेती से जोड़कर 1 अप्रैल 2024 से गाय तथा भैस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को  वर्तमान में 38 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 45 रुपए प्रति लीटर और  47 रुपये प्रति लीटर से 55 रुपये प्रति लीटर की बढ़ौतरी।

‘हिम-गंगा’ योजना के अन्तर्गत काँगड़ा के ढगवार में 1.5 LLPD (Lakh Litre Per Day) की क्षमता वाले ‘Fully Automated Milk and Milk Products Plant’ की स्थापना।

ऊना तथा हमीरपुर में भी आधुनिकतम तकनीक से ‘Milk Processing Plants’ स्थापित किये जाएंगे।

स्थानीय युवाओं को दूध ले जाने के लिए 50 प्रतिशत् उपदान पर 200 refrigerated milk vans उपलब्ध ।

सोलन जिले के दाड़लाघाट में ‘कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केन्द्र’ की स्थापना।

प्रदेश में भेड़-बकरियों के लिए FMD Vaccination शुरू करने तथा ऊन की अन्य समस्याओं के निदान के लिए “भेड़-बकरी पालक प्रोत्साहन योजना” प्रारम्भ ।

 1 अप्रैल, 2024 से दुग्ध उत्पादन सोसाइटियों से APMC द्वारा ली जाने वाली फीस माफ।

बेसहारा पशुओं की समस्या के निदान के लिए एक ‘State LevelTask Force’ का गठन किया जाएगा।

 निजि गौ-सदनों में आश्रित गौवंश के लिए दिये जाने वाले अनुदान 700 रुपये प्रति गौवंश प्रतिमाह से बढ़ाकर 1,200 रुपये।

एक ‘बागवानी उत्कृष्टता केन्द्र’ की स्थापना। जो गुणवत्ता, कौशल, पर्यटन तथा बाज़ार सम्बन्धित आवश्यकताओं हेतु ‘One Stop Resource Centre’ के रूप में कार्य करेगा।

 राज्य के Sub-tropical क्षेत्रों में 2 Processing Unit’ स्थापित किये जाएंगे। अत्याधुनिक ‘Fruit

अमरूद, नीम्बू तथा अन्य sub-tropical फलों को बढ़ावा देने के लिए mother trees/ bud wood banks के लिए ‘Foundation Block’ की स्थापना की जाएगी।

2024 के सेब सीजन से universal carton का प्रयोग आरम्भ कर दिया जाएगा।

 20 हेक्टेयर क्षेत्र में नए मत्स्य पालन तालाबों के निर्माण के लिए मछुआरों को 80 प्रतिशत् उपदान पर आर्थिक सहायता दी जाएगी।

जिला हमीरपुर में ‘Centre of Excellence’ के रूप में एक नए ‘Carp Fish Farm’ की स्थापना।

 मछुआरों को मोटरसाईकिल, थ्री-व्हीलर तथा उपदान पर उपलब्ध करवाए जाएंगे ice-boxes

 10-10 नए ‘Biofloc Fish Production’ तालाबों तथा इकाईयों की स्थापना की जाएगी।

 तीन नई ‘Feed Mills’ की स्थापना की जाएगी।

 150 नई ट्राउट मछली उत्पादन इकाईयों सहित नई trout hatcheries की स्थापना की जाएगी।

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