हिमाचल बजट : आगामी वित्त वर्ष में 6 हजार प्री-प्राइमरी टीचर होंगे भर्ती, ICMR की सहायता से प्रदेश में बढ़ते कैंसर रोगियों के कारणों का लगेगा पता

शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में यह भी घोषणा की कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को एक सुरक्षित एवम् स्वच्छ पानी की बोतल उपलब्ध करवाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि आगामी वित्त वर्ष में 6 हजार प्री-प्राइमरी टीचर भर्ती होंगे। इन पदों के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एनटीटी करने वाले भी पात्र होंगे। इन्हें ब्रिज कोर्स करवाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

‘Dr. Radhakrishnan Medical College, Hamirpur’ में आधुनिकतम diagnostic तथा treatment facilities के साथ ‘State Cancer Institute’ की स्थापना।

कैंसर पीड़ित मरीजों को chemotherapy तथा Palliative Care की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला अस्पतालों तथा चयनित ‘आदर्श स्वास्थ्य केन्द्रों’ पर “Cancer Day Care Centres” की स्थापना।

Indira Gandhi Medical College, Shimla में कैंसर पीड़ित रोगियों के Advanced Radio Therapy तकनीक से उपचार के लिए LINAC (Linear Accelerator Machine) स्थापित । ICMR की सहायता से प्रदेश में बढ़ते कैंसर के रोगियों के कारणों का भी पता लगाया जायेगा।

‘PGI Satellite Centre, Una’ में चल रहे सभी कार्यों को गति।

 53 स्वास्थ्य संस्थानों में Hospital Management Information Service (HMIS)’ की स्थापना।

Scrub Typhus के बढ़ते हुए मामलों के दृष्टिगत्  ‘State Level Scrub Typhus Research Unit’ स्थापित ।

 Dr. Rajinder Prasad Government Medical College, Tanda और Kamla Nehru Hospital, Shimla में नवजात शिशुओं में स्तनपान को प्रोत्साहित करने के लिए उनके तथा जच्चाओं के लिए “Lactation Management Centres’ स्थापित।

प्रत्येक जिले में सभी टेस्ट सुविधाओं सहित एक ‘Integrated Public Health Lab’ की स्थापना।

Dr. Rajindra Prasad Medical College, Tanda में General Nursing and Midwifery (GNM) स्कूल को नर्सिंग कॉलेज में स्तरोन्त्रत।

बदी, बरोटीवाला, नालागढ, परवाणु, पाँवटा और ऊना औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत प्रवासी कामगारों की health screening के लिए एक ‘Guest Worker Screening Project’ आरम्भ।

‘हिमकेयर’ तथा ‘सहारा’ योजनाओं के कार्यान्वयन राष्ट्रीय स्तर के domain experts की सहायता से आवश्यक सुधार।

प्राथमिक, प्रारम्भिक तथा उच्च शिक्षा संस्थानों में उचित गुणवत्ता और size के class-rooms, smart class-rooms with smart boards, audio-visual teaching aids, leaning software, proper seating arrangements; full strength of teachers, playground, clean toilets के साथ-साथ अन्य सभी सुविधाएं।

‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप प्रदेश में स्कूली स्तर पर 5+3+3+4 शिक्षा प्रणाली लागू की जाएगी जिसमें तीन साल का pre-school ‘बाल वाटिका’ पाठ्यक्रम भी शामिल।

शिक्षण संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से पूर्व निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ‘Institutions of Excellence’ के रूप में विकसित किया जाएगा।

स्कूलों और समाज के बीच बेहतर ताल-मेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए “अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा सम्मान” योजना प्रारम्भ।

प्रत्येक उप-मण्डल में उप-मण्डलाधिकारियों को सभी primary schools का महीने में एक दिन बारी-बारी से अनिवार्य रूप से review meeting.

सभी शिक्षण संस्थाओं की वार्षिक Ranking और उनके लिए Performance Based Grant की व्यवस्था की शुरूआत।

पढ़ने-पढ़ाने की संस्कृति के विकास के लिए प्रदेश में “पढ़ो हिमाचल” के नाम से एक व्यापक जन अभियान प्रारम्भ ।

शिक्षा स्तर में सुधार लाने में प्रशिक्षित अध्यापकों के प्रशिक्षण को और अधिक result oriented बनाने के लिए District Institute of Education Training (DIETs) तथा State Council of Educational Research (SCERT) के नियमों में बदलाव लाकर State Institute of Educational Management and Training (SIEMAT) का पुनर्गठन ।

पाँचवी कक्षा से हिमाचल के इतिहास एवम् संस्कृति, भारतीय संविधान, स्वास्थ्य, basic hygine तथा अन्य सामान्य ज्ञान के विषयों पर अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम आरम्भ।

प्रत्येक जिला मुख्यालय, उपमण्डल तथा पंचायत मुख्यालय पर एक आधुनिकतम सुविधाओं सहित पुस्तकालय।

पाँच राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों क्रमशः लाहडू और नगरोटा बगवां (काँगड़ा), अमलेहड़ और भोरंज (हमीरपुर), तथा संगनाई (ऊना) का निर्माण कार्य आरम्भ।

श्रम विभाग की EEMIS पोर्टल पर निजी क्षेत्र के और employers को जोड़ा जाएगा तथा 2024-25 में 180 campus interviews आयोजित किये जाएंगे।

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