प्रदेश के विश्वविद्यालयों का स्तर गिराने में लगी प्रदेश की कांग्रेस सरकार – एबीवीपी

हिमाचल के उच्च शिक्षण संस्थानों को राजनीति का अड्डा बनाने में लगी प्रदेश की कांग्रेस सरकार : अ.भा. वि. प

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने प्रेस वार्ता  के माध्यम से प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हिमाचल प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थाओं का लगातार शोषण करने के आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी विश्वविद्यालयों का स्तर गिराने में लगी हुई है। हिमाचल में अगर प्रदेश के सबसे पुराने विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की बात की जाए तो विश्वविद्यालय में लगभग 200 से अधिक शिक्षकों के पद खाली होने के बाद भी कुछ ऐसे विभागों में ही शिक्षकों की भर्ती करवाना जिन में कॉंग्रेसी विचारधारा के लोग बैठे हों कहीं ना कहीं भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

केवल यही नहीं, अपितु हिमाचल प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालय सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मंडी में भी शिक्षकों को बायोमेट्रिक हाज़िरी का बहाना बना कर उनकी तनख्वाह नहीं दी जा रही। अब इस कारण अध्यापक संघ भी विश्वविद्यालय में अपने कामकाज को छोड़ने के लिए तैयार हैं जिस कारण सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के छात्रों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।मंडी विश्वविद्यालय में अधिकतर विभाग विज्ञान संकाय के हैं, इस कारण एक भी दिन की पढ़ाई ठप्प होने का मतलब छात्रों का पढ़ाई में और पिछड़ जाना होगा। वहीं वहाँ अभी फ़रवरी माह में परीक्षाएँ भी होनी हैं। ऐसे में यदि यह गतिरोध दूर नहीं हुआ तो छात्रों को भारी नुक़सान उठाना होगा।

साथ ही साथ कृषि एवं किसानों की हितैषी होने का दम भरने वाली सरकार प्रदेश के दो प्रमुख कृषि विश्वविद्यालयों, वानिकी विश्वविद्यालय नौणी व कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में भी अपना हस्तक्षेप बढ़ाने में लगी है।  नौणी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति हेतु विधायक को पारित करना तथा कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 100 हेक्टेयर भूमि गोविंद टूरिज्म विलेज बनाने के नाम पर विश्वविद्यालय से हड़पना प्रदेश सरकार की ख़राब नियत को दर्शाता है।

वहीं धर्मशाला (जदरांगल) में बनने जा केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर के लिए 30 करोड़ की धनराशि जो प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में जमा करवानी है उसे पिछले कई  महीनों  से जिस GSI  (geological  survey  of इंडिया)   रिपोर्ट  के इंतज़ार में रोक रखा है। जबकि वह रिपोर्ट जून 2023 में आ  चुकी है और उसनें साफ लिखा है की भूमि निर्माण कार्य के लिए उपयुक्त है ।  उन्होंने  कहा  की सरकार  के नकारात्मक रवैये  के कारण  छात्रों को स्कूल से  भी कम सुविधाओं के साथ शिक्षा  ग्रहण करनी पड़ रही है ।  प्रदेश के सभी विशावविद्यालयों में विभिन्न बहानों से राजनीति कर छात्रों  का भविष्य अंधकार की  तरफ  ले  जाने  का काम  प्रदेश सरकार  कर  रही  है ।

प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए वर्तमान सरकार का यह रवैया साफ दिखाता है के सरकार को छात्रों के भविष्य से ज़्यादा अपनी राजनीति चमकाने की चिंता है। इससे पूर्व किसी सरकार ने शिक्षण संस्थानों में इतना राजनीतिक हस्तक्षेप् कर शिक्षा के स्तर को गिराने का कार्य नहीं किया। विद्यार्थी परिषद इस प्रेस वार्ता के माध्यम से प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करवा देना चाहती है कि अगर जल्द से जल्द शिक्षण संस्थानों में मनमाना हस्तक्षेप बंद ना किया गया तो आने वाले समय में प्रदेश भर के छात्रों का रोष झेलने के लिए प्रदेश की सरकार को तैयार रहना होगा। इस प्रेस वार्ता में हिमाचल प्रदेश की सह मंत्री नैंसी अटल जी व प्रदेश छात्र उद्घोष प्रबंधक अनूप जी भी उपस्थित रहे।

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