शिमला: विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से हॉस्टलों के लिए पूरे वर्ष की फीस लेता है फिर हॉस्टल बंद क्यों? – SFI

शिमला: विश्वविद्यालय एसएफआई ने छात्रों को हॉस्टलों से बहार निकलने पर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ धरना आज प्रदर्शन किया। एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने प्रशासन द्वारा छात्रों को शीतकालीन अवकाश में हॉस्टलों से बाहर निकलने के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। एस एफ आई पिछले तीन दिनों से लगातार छात्रों को हॉस्टलों से बाहर निकालने के फरमान के खिलाफ छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रही है परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की किसी भी तरह की बात मानने को तैयार नहीं है एस एफ आई का मानना है कि कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से हॉस्टलों के लिए पूरे वर्ष की फीस लेता है फिर वह बिना किसी कारण से क्यों छात्रों को शीतकालीन अवकाश के समय हॉस्टलों से बाहर निकालने की बात कर रहा है।

विश्वविद्यालय के अंदर 1 जनवरी से 18 फरवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित हो चुका है जिसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय के हॉस्टलों को बंद रखने का फरमान निकाला है। जिसमें विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस शीतकालीन अवकाश में यहां पर सिर्फ पीएचडी शोधार्थी और ट्राइबल छात्रों को रोकने प्रबंध किया है। इसके अलावा सभी छात्रों को घर जाने को कहा है। जिसका एस एफ आई लगातार विरोध कर रही है।

इस धरने में बात रखते हुए एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष साहिल ने कहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के तुगलकी फरमान निकाल कर छात्रों को शिक्षा से दूर करने का काम कर रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन को जंहा छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए था। वहां उल्टा वह हॉस्टलों से बाहर निकाल कर छात्रों को प्रताड़ित करने का काम कर रहा है जिसके चलते छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आगे बात रखते कहा कि सभी छात्र हॉस्टलों के अंदर रहना चाहता है पर विश्वविद्यालय प्रशासन जबरदस्ती तरीके से उन्हें बाहर निकलने में लगा हुआ है

एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई सह सचिव संतोष कुमार ने करने में आगे बात रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों के अंदर हॉस्टलों को खुला रखना जरूरी है क्यूंकि आने वाले समय के अंदर प्रतियोगिता परीक्षा आनी है जिसकी तैयारी के लिए छात्र यहां पर रुकता है और वह अपनी तैयारी आने वाले समय के लिए करता है।

एसएफआई ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस मांग को विश्वविद्यालय प्रशासन अगर जल्द से जल्द पूरा नहीं करता है तो विश्वविद्यालय के अंदर सभी छात्रों को लामबंद करते हुए शीतकालीन अवकाश के अंदर भी आंदोलन जारी रखेगा। जिसका जिम्मेदार खुद विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।

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