हिमाचल: वेतन और पेंशन न मिलने पर बिजली बोर्ड कर्मियों ने किया प्रदर्शन

शिमला: राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों-अधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों ने बुधवार को भी वेतन और पेंशन की अदायगी नहीं होने पर विरोध स्वरूप बिजली बोर्ड के प्रदेश भर के कार्यालयों के बाहर भोजन अवकाश के दौरान कर्मचारियों ने गेट मीटिंग कर प्रदर्शन किया। बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला में कर्मचारियों-अधिकारियों की संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन किया गया।  संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक इंजीनियर लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार मांगों का निवारण समय रहते नहीं करेगी तो संयुक्त संघर्ष समिति राज्यव्यापी आंदोलन का आगाज छह जनवरी को जिला ऊना से करेगी। समिति ने फैसला लिया है कि जब तक बिजली कर्मचारियों व पेंशनरों को वेतन व पेंशन की अदायगी नहीं होती है तब तक भोजन अवकाश के दौरान बिजली कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन जारी रहेंगे।

उन्होंने कहा कि बोर्ड प्रबंधन की गलत नीतियों और वित्तीय कुप्रबंधन का खमियाजा करीब 50 हज़ार बिजली कर्मचारियों और पेंशनरों सहित प्रदेश के 26 लाख बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। बोर्ड का निजीकरण किसी के भी हित में नहीं है। आज प्रदेश के उपभोक्ताओं को सस्ती दरों में बिजली दी जा रही है। उच्च वोल्टेज की लाइन का सीधा लाभ भी प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिल रहा है लेकिन इस क्षेत्र के निजीकरण में जाने से यह सब लाभ नहीं मिलेंगे। बिजली दरों में कई गुना वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड जैसी महत्वपूर्ण संस्था को अस्थाई प्रबंध निदेशक से चलाया जा रहा है। इससे बोर्ड की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है। इस कारण ही बोर्ड के कर्मचारियों और पेंशनरों को दिसंबर का वेतन व पेंशन आज तीसरे दिन भी नहीं मिल पाया है।

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