मजबूत और जीवंत राष्‍ट्र के निर्माण में महिलाओं का योगदान महत्‍वपूर्ण

नई दिल्ली: उपराष्‍ट्रपति का राष्‍ट्र निर्माण में महिला कानून निर्माताओं की मूमिका पर आयोजित देश के पहले सम्‍मेलन पर संबोधन उपराष्‍ट्रपति मो. हामिद अंसारी ने कहा है कि जीवंत और मजबूत राष्‍ट्र के निर्माण में महिलाओं का योगदान महत्‍वपूर्ण है। वे यहां राष्‍ट्र निर्माण में महिला कानून निर्माताओं की भूमिका पर आयोजित पहले सम्‍मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्‍मेलन में राश्‍ट्रपति  प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी,लोकसभा की अध्‍यक्ष  सुमित्रा महाजन,बांग्‍लादेश संसद के अध्‍यक्ष डा. शिरीन शमीम चौधरी और अन्‍य गणमान्‍य लोग उपस्थित थे।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी से लोकतांत्रिक शासन में व्‍यावाहारिक लाभ मिलता है साथ ही इससे नागरिकों की जरूरतों के प्रति अधिक जिम्‍मेदारी भी आती है। उन्‍होंने कहा कि महिला नेतृत्‍व और उसकी मतभेद के प्रस्‍ताव की शैली लोकतांत्रिक विचारों को आकार देते हैं। आपने पुरुष सहयोगियों की तुलना में वे श्रेणीबद्ध तरीके से कम और भागीदारी तथा सामूहिक तरीके से काम करने की इच्‍छा रखती हैं।

उन्‍होंने कहा कि जिस तरह स्‍थानीय इकाइयों में महिलाओं की संख्‍या बढ़ी उस तरह राज्‍यों और केन्‍द्र में महिला सदस्‍यों की संख्‍या नहीं बढ़ी।  हामिद ने कहा कि संसद में महिलाओं की संख्‍या बहुत ही कम है। संसद की कुल संख्‍या की तुलना में महिला सदस्‍यों की संख्‍या केवल 12 प्रतिशत है। लोकसभा और राज्‍यों की विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्‍व देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को सभी राजनैतिक दलों को अपना समर्थन देना चाहिए।

उपराष्‍ट्रपति  ने लोकसभा की माननीय अध्‍यक्ष को इस अवसर पर सम्‍मेलन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करने पर उनका धन्‍यवाद किया और कहा कि इस सम्‍मेलन का उद्देश्‍य राष्‍ट्र के विकास में महिला कानून निर्माताओं की उत्‍प्रेरक जैसी भूमिका पर प्रकाश डालना है। राष्‍ट्र निर्माण में महिला कानून निर्माताओं की भूमिका पर आयोजित यह सम्‍मेलन बहुत ही उचित और सामयिक है। आज से केवल दो दिन बाद ही अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस पर हम इस बात को याद करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि महिलाएं बिना किसी तरह के भेदभाव के अपनी आजादी की हकदार हैं। राष्‍ट्रीय एजेंडे पर यहां दो विचारों पर प्राथमिकता के अधार पर विचार करने का शुभअवसर है। पहले का संबंध महिलाओं के राजनैतिक प्रतिनिधत्‍व से है और दूसरे का विधायिका में महिला जनप्रतिनिधियों के प्रदर्शन से। दोनों को एक साथ देखा जाना चाहिए ताकि वास्तिविकता के आधार पर इसका मूल्‍यांकन और इसमें सुधार हो सके।

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