भारत और अमेरिका कैंसर तथा पारंपरिक औषधि अनुसंधान प्रयास में करेंगे सहयोग

नई दिल्ली: पारंपरिक औषधि के बारे में पहली अमेरिका भारत कार्यशाला आज नई दिल्‍ली में शुरू हुई। कल तक चलने वाली इस कार्यशाला का उद्घाटन संयुक्‍त रूप से आयुष (स्‍वतंत्र प्रभार) तथा स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्रीपद यशो नायक तथा भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा और अमेरिकी स्‍वास्‍थ्‍य और मानव सेवा विभाग (एचएचएस) में वैश्विक मामलों के सहायक सचिव एमबेसेडर जीम कोलकेर ने किया। इस कार्यशाला में अमेरिकी स्‍वास्‍थ्‍य तथा मानव सेवा के वैश्विक मामलों के प्रतिनिधि राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थान (एनआईएच) के प्रतिनिधि और राष्‍ट्रीय कैंसर संस्‍थान (एनआईएच) तथा अमेरिका के शैक्षिक संस्‍थानों के प्रतिनिधि आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्‍सा , यूनानी सिद्ध तथा होम्‍योपैथी (आयुष) मंत्रालय के अधिकारियों तथा भारतीय अनुसंधान संस्‍थानों तथा विश्‍वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे।

यह कार्यशाला वाशिंगटन में सितम्‍बर 2015 में हुए पहले अमेरि‍का-भारत स्‍वास्‍थ्‍य संवाद के तत्‍वाधान में आयोजित की गई है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति तथा भारत के प्रधानमंत्री ने पारंपरिक औषधि पर द्विपक्षीय संवाद को प्रोत्‍साहन देने पर बल दिया था। दो दिन की कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिनिधि अमेरिका और भारत में कैंसर निवारण के लिए वर्तमान पारंपरिक औ‍षधि और व्‍यवहार पर विचार-विमर्श करेंगे। प्रतिनिधि कैंसर के इलाज में होने वाली पीड़ा को कम करने के लिए उपलब्‍ध आयुष उत्‍पादों के साक्ष्‍यों की समीक्षा करेंगे। भारत और अमेरिका पेशेवर प्रशिक्षण तथा वैज्ञानिक आदान-प्रदान पर सहयोग करेंगे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए आयुष मंत्री श्रीपद नाईक ने कहा कि सरकार आयुष के वैश्‍वीकरण पर बल दे रही है। उन्‍होंने कहा कि पारं‍परिक औ‍षधियों में और अधिक वैज्ञानिक परिणाम हासिल करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच रचनात्‍मक सहयोग महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने बताया कि भारत पारंपरिक औषधि के क्षेत्र में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के साथ सहयोग कर रहा है। इससे आयुष प्रणाली को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍वीकार्यता प्राप्‍त करने में मदद मिलेगी।

भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला राष्‍ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी के संयुक्‍त वकतव्‍य तथा अमेरिका-भारत स्‍वास्‍थ्‍य संवाद को समर्थन देने वाला है। इसमें भारत और अमेरिका दोनों भारतीय पारंपरिक औषधि के बारे में पारस्‍परिक सहयोग की संभावना तलाशने पर सहमत हुए थे। एचएचएस में वैश्विक मामलों के सहायक सचिव ऐमबेसेडर जिमी कोलकेर ने कहा कि यह कार्यशाला कैंसर तथा पारंपरिक औषधि अनुसंधान पर द्विपक्षीय सहयोग में समर्थन का संकल्‍प व्‍यक्‍त करती है।

आयुष सचिव अजित मोहन शरण ने बताया कि मंत्रालय में अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग प्रभाग से ऐसे द्विपक्षीय सहयोगों को सक्रियता देने के लिए कहा गया है ताकि बड़ी संख्‍या में लोग आयुष चिकित्‍सा पद्धति से लाभ उठा सकें।

 

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