हिमाचल: मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शीतकालीन तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित

बोले- ऊंचे दर्रोंं व अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की ओर ट्रैकर्स या यात्रियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए तत्काल आदेश जारी हों

शिमला: सर्दी के मौसम से संबंधित तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों के प्रमुखों और सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां  बैठक की।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को हिमस्खलन और भारी बर्फबारी वाले क्षेत्रों में मानव संसाधन, मशीनरी और अन्य आवश्यक सामग्री की अग्रिम तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपायुक्तों से यह भी कहा कि भारी बर्फबारी के खतरों को देखते हुए ऊंचे दर्रोंं या अन्य संवेदनशील क्षेत्रों की ओर ट्रैकर्स या यात्रियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के लिए तत्काल आदेश जारी किया जाए।
बैठक के दौरान, भारतीय मौसम विभाग ने सर्दियों के मौसम के पूर्वानुमान, पिछले रुझानों और मौसम संबंधी सलाह के प्रसार के लिए वर्तमान व्यवस्था पर एक प्रस्तुति दी। सामान्य सर्दी के पूर्वानुमान को देखते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी विभाग मौसम की चुनौतियों के लिए तैयार रहें।
उन्होंने संबंधित विभागों को सड़कों का प्रभावी ढंग से रख-रखाव करने और सड़क के किनारे नालियों और पुलियों से बर्फ हटाने, किसी भी अप्रिय घटना के मामले में तत्परता सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में अग्नि हाइड्रेंट का एक नेटवर्क बनाने, पानी के पाइप और बिजली के खंभों के भण्डारण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों से जरूरत पड़ने पर जेसीबी, ट्रक और 4ग्4 वाहनों सहित अन्य मशीनरी किराए पर लेने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने उपायुक्तों से उन क्षेत्रों में पर्याप्त भोजन और ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा जहां भारी बर्फबारी और सड़क अवरोध के कारण सर्दी के मौसम में सम्पर्क कट जाता है। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि ऐसे क्षेत्रों में संचार व्यवस्था सुचारू रखें।
बैठक में शिमला और अन्य जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की पूर्व तैनाती के मामले पर भी चर्चा की गई। एनडीआरएफ ने अपनी बचाव टीमों के लिए 9,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थान प्रदान करने का भी प्रस्ताव दिया। इससे बचाव कर्मियों को अधिक ऊंचाई की स्थितियों के अनुरूप ढलने में आसानी होगी जो आपातकालीन बचाव कार्यों की स्थिति में फायदेमंद होगा।

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