हिमाचल में कानून व्यवस्था की हालत खस्ता; पूरे प्रदेश में नशा, चोरी, मर्डर, महिला उत्पीड़न के मामले तेजी से बढ़ रहे – संदीपनी

शिमला : भाजपा प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने कहा की हिमाचल प्रदेश में दिन-प्रतिदिन कानून व्यवस्था की हालत खस्ता होती जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में विभिन्न प्रकार के अपराधों की संख्या बढ़ती चली जा रही है और यह प्रदेश के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा की हरोली क्षेत्र में आपराधिक घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। गोलीबारी और मारपीट की घटना के बाद अब चाकू की नोक पर युवक से एक लाख रुपये लूट कर इन घटनाओं को अंजाम दिया गया है।  

जिला ऊना में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र की आड़ में नशे का कारोबार चलाया जा रहा था । इस बात का खुलासा उस समय हुआ, जब हमीरपुर में एनआईटी में एमटेक छात्र मौत मामले की जांच चली। जांच में पाया गया कि पुलिस गिरफ्त में चल रहे चिट्टा सप्लायर के तार पंजाब से जुड़े हैं। एनआईटी में चिट्टा सप्लाई करने वाला युवक पंजाब के करमपाल के खाते में पैसा ट्रांसफर करता था। 

कीरतपुर – नेरचैक फोरलेन, जहां आवाजाही के लिए एक सुगम और जल्द पहुंचने में सहायक सिद्ध हुआ है, वहीं अब इस 100 किलोमीटर मार्ग के सुनसान स्थानों पर असमाजिक तत्व भी सक्रिय हो गए हैं। चंडीगढ़ से निजी वाहन बिलासपुर फोरलेन पर एक ढाबे से कुछ दूर पहले छत नामक स्थान पर छह से सात नकाबपोशों द्वारा बीच सड़क पर खड़े, उनके द्वारा आगे जा रही एक जीप और कार को रोकने का प्रयास किया, जिनके द्वारा वाहन स्लो करने और भगाने पर नकाबपोशों द्वारा शीशे पर प्रहार किए गए। 

31 अक्टूबर को ऊना जिले के हरोली क्षेत्र के घालूवाल में मंगलवार रात को एक चलती कार पर गोलियां चलाए जाने का मामला सामने आया है। इस गोलीबारी में सलोह गांव का युवक घायल हुआ है।

ऐसे कई मामले हैं अगर उनकी बात की जाए तो श्रृंखला खत्म ही नहीं होगी। उन्होंने कहा की प्रदेश में नशाखोरों व ड्रग पैडलरों के खिलाफ इस वर्ष 9 माह में पुलिस ने एन. डी. पी. एस. एक्ट के 1715 मामले दर्ज किए हैं, जिसमें शिमला जिला पुलिस एन. डी. पी. एस. एक्ट के मामलों को दर्ज करने में पूरे राज्य में अव्वल रही है। नशे का व्यापार पूरे प्रदेश में बढ़ता चला जा रहा है और यह चिंता का विषय है इससे आने वाली युवा पीढ़ी को खतरा है। इस पर सरकार को पूर्ण रूप से लगाम करनी चाहिए, जिसको लेकर सरकार असफल है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सुख की नहीं दुख की सरकार चल रही है और कानून व्यवस्था की नजर से हिमाचल प्रदेश काफी नीचे की ओर बढ़ रहा है।

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