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एमएनआरई ने 21 राज्‍यों में लगभग 19,900 मेगावाट क्षमता के 33 सौर पार्कों को दी मंजूरी

  • ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक
  • सौर पार्क योजना के कार्यान्‍वयन की प्रगति और एनटीपीसी द्वारा उत्‍सर्जन घटाने को लेकर उठाए गए कदमों की समीक्षा

 

नई दिल्ली : ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित संसदीय सलाहकार समिति की आंध्र प्रदेश के तिरुपति में कल एक बैठक हुई। इसमें सौर पार्क योजना के कार्यान्‍वयन की प्रगति, उत्‍सर्जन घटाने और कार्यकुशलता बढाने के लिए एनटीपीसी द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। इस बैठक की अध्‍यक्षता केंद्रीय ऊर्जा, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने की। इस बैठक में लोकसभा सदस्‍य भारत सिंह, ओम प्रकाश यादव, सुशील किशोर सिंह, जयदेव गाला और राज्‍यसभा सदस्‍य बशिष्‍ठ नारायण सिंह शामिल हुए।

पीयूष गोयल ने सदस्‍यों का स्‍वागत करते हुए जानकारी दी कि एनडीए सरकार ने विश्‍व के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसमें वर्ष 2022 के लिए लक्ष्‍य को पांच गुना बढ़ाकर 35 हजार मेगावाट से 175 गीगावाट कर दिया गया है। गोय़ल ने़ सदस्‍यों को बताया कि इस साल जनवरी में भारत ने पांच हजार मेगावाट सौर ऊर्जा की क्षमता हासिल करने का लक्ष्‍य पार कर लिया है। अगले साल के अंत तक 18 हजार मेगावाट क्षमता का लक्ष्‍य हासिल कर लिया जाएगा।

मंत्रालय के सचिव  उपेन्‍द्र त्रिपाठी ने सदस्‍यों को बताया कि इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सौर पार्कों के विकास की योजना जैसी कई परियोजनाओं की शुरुआत की है। अल्‍ट्रामेगा सौर पार्कों के माध्‍यम से 20 गीगावाट की क्षमता हासिल करने का लक्ष्‍य रखा गया है।

भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार ने सौर पार्क योजना की भौतिक एवं वित्‍तीय स्थिति और योजना की मुख्‍य विशेषताओं पर विस्‍तार से प्रकाश डाला। जानकारी देते हुए उन्‍होंने कहा कि योजना में निर्धारित 25 सौर पार्कों के बदले मंत्रालय ने 21 राज्‍यों में 33 सौर पार्कों को मंजूरी दी है। इनकी क्षमता लगभग 19,900 मेगावाट होगी। एसईसीआई इसके लिए कार्यान्‍वयन एजेंसी बनाया गया है और 374 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। संबंधित राज्‍यों की विकास एजेंसियों को 54.93 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। कार्य की प्रगति के आधार पर सौर पार्कों को ए,बी या सी श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।

अपनी प्रस्‍तुति में एनटीपीसी के सीएमडी गुरदीप सिंह ने सदस्‍यों को एनटीपीसी द्वारा हवा और पानी में उत्‍सर्जन घटाने और कार्यकुशलता बढाने के लिए उठाए गए विभिन्‍न कदमों की जानकारी दी। चर्चा के दौरान सभी सदस्‍यों ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और एनटीपीसी द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। सदस्‍यों ने छत के ऊपर सौर ऊर्जा, स्‍मार्ट ग्रिड और लोड ले‍बलिंग योजना के लिए कुछ सुझाव भी दिए। चर्चा के दौरान बहुमूल्‍य विचारों के लिए पीयूष गोयल ने सभी सदस्‍यों को धन्‍यवाद दिया। एमएनआरई के सचिव उपेन्‍द्र त्रिपाठी, ऊर्जा मंत्रालय के सचिव पी.के. पुजारी, एनटीपीसी, एनएचपीसी, डीबीसी के सीएमडी और एनटीपीसी के निदेशक, ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए।

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