मुख्यमंत्री ने शोघी में विज्ञान अध्ययन एवं सृजन केन्द्र का किया लोकार्पण

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत में लाए थे कम्प्यूटर क्रांति: मुख्यमंत्री
विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला शिमला के शोघी में 11 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित विज्ञान अध्ययन एवं सृजन केन्द्र का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शत प्रतिशत वित्त पोषित विज्ञान अध्ययन एवं सृजन केन्द्र (सीएसएलसी) विज्ञान शिक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति लाने के साथ-साथ विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगा। यह अत्याधुनिक संस्थान हिमकोस्टे और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) के संयुक्त तत्वावधान में तैयार किया गया है। इसके सभी संस्थागत खण्डों में 60 इंटरैक्टिव विज्ञान प्रदर्शनियां, विषयवार दीर्घाएं और सूचना विज्ञान प्रदर्शनियां हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र में एक आधुनिक तारामंडल का संचालन वर्ष 2024 के अंत तक पूरा हो जाएगा जो खगोलीय शिक्षा को प्रोत्साहित करने में मददगार साहिब होगा। उन्होंने केंद्र में प्रदर्शित प्रदर्शनियों का गहराई से अवलोकन करते हुए कहा कि यह केन्द्र प्रदेश में नवीन विचारों और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में आधारशिला रखने के साथ शुरू हुई इस परियोजना को वर्ष 2023 को मूर्तरूप मिला है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी भारत में सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार क्रांति के जनक हैं और आज उनके प्रयासों के फलस्वरूप देश सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
उन्होंने कहा कि इस केंद्र की स्थापना से युवा मन में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होगी और वे वैज्ञानिक सिद्धांतों को अधिक प्रभावी ढंग से समझ सकेंगे। इसके अलावा, प्रदेश के विद्यार्थियों को विज्ञान के अध्ययन व अनुभव के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि देश के अग्रणी वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए इस केंद्र में एक हॉल ऑफ फेम स्थापित किया गया है। इसके अतिरिक्त, इसने एक पुस्तकालय और एक यू-टयूब स्टूडियो भी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और शिक्षकों की सुविधा के लिए एक छात्रावास का निर्माण किया गया है, जिससे प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों के लोगों को विज्ञान से संबंधित गतिविधियों में सम्मिलित होने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण बदलाव ला रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश का अव्वल राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आगामी चार वर्षों में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और आगामी दस वर्षों में हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण बदलाव लागू कर रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। सरकार का मुख्य उद्देश्य प्रदेश को निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर करना है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट भी जारी की।
मुख्यमंत्री ने विज्ञान प्रश्नोत्तरी एवं चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सेंट ल्यूक्स स्कूल सोलन ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जबकि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला दूसरे और जेसीबी पब्लिक स्कूल तीसरे स्थान पर रहा। चित्रकला प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में राजकीय मॉडल कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर की प्रेरणा ने प्रथम, सेंट ल्यूक्स स्कूल सोलन की श्रेया कटोच ने द्वितीय तथा सेंट ल्यूक्स स्कूल सोलन की नव्या सोहनी और इशिता शर्मा संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया। कनिष्ठ वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला के अभिषेक कुमार ने प्रथम तथा इसकी स्कूल के लव चौहान दूसरे और सेंट ल्यूक्स स्कूल सोलन की धन्वी तीसरे स्थान पर रहीं।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में इस केंद्र को खोलने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह केंद्र युवाओं की वैज्ञानिक प्रतिभा को पोषित करने और विज्ञान के प्रति उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि विषय को बेहतर ढंग से समझने के लिए किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक एवं अनुभव आधारित शिक्षा भी जरूरी है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि यह कार्यक्रम पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के आधुनिक भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने के परिकल्पना को साकार करता है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बनेगा।
इससे पहले, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और इस केंद्र की विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान की।
आईसीआईसीआई बैंक के आंचल प्रमुख हमिंदर गुजराल ने आईसीआईसीआई फाउंडेशन के सहयोग से कुल्लू और मंडी जिलों में आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 4 गुरखा वाहनों और 4 बोलेरो कैंपर के साथ ग्रामीण संपर्क सुविधा के लिए 20 फुट ओवर-ब्रिज बनाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र प्रस्तुत किए। बैंक ने शिमला जिले के लिए 2 गुरखा वाहन और कांगड़ा जिले के लिए एक शव वाहन भी प्रदान किया। लाहौल-स्पीति के 2 सीमावर्ती गांवों के लिए एक-एक किलोवाट ऑफ-ग्रिड सौर संयंत्र प्रदान किए। जिससे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इस अवसर पर शरणागत कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश गुप्ता एवं निदेशक हेमन्त पोपली ने मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष के लिए 5 लाख रुपये का चेक भी भेंट किया।
अतिरिक्त सचिव पर्यावरण एवं विज्ञान सतपाल धीमान, शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीके खोसला और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

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