हिमाचल प्रदेश सरकार की तीन वर्ष के महत्त्वपूर्ण निर्णय एवं प्रमुख उपलब्धियाँ

शिमला: वर्तमान प्रदेश सरकार ने हाल ही में अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे कर लिये हैं। ये तीन वर्ष प्रदेश में अभूतपूर्व विकास, प्रगति, शांति व सौहार्द के साक्षी रहे हैं। कांग्रेस विकास का पर्याय है और इस अवधि में भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सभी वर्गों व सभी क्षेत्रों का समान एवं संतुलित विकास किया है। यह बात आज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला में अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर मीडिया से कही।

मुख्य बिंदु:

  • प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मार्गदर्शन में विकास एवं जन कल्याण के सभी क्षेत्रों में नये आयाम स्थापित किये हैं।
  • गत तीन वर्षों में हमारा प्रयास प्रदेशवासियों को पारदर्शी, जबावदेह एवं कुशल शासन प्रदान करना तथा सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के लाभ बेहतर ढंग से आम लोगों तक पहुंचाने का रहा है।
  • सरकार ने कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र को सरकार का नीति दस्तावेज बनाया है तथा इसमें किये गए अधिकांश वायदों को पूरा कर दिया गया है।
  • हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायती राज एवं स्थानीय शहरी निकायों के चुनावों में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने 70 प्रतिशत से अधिक सीटें जीती हैं। जिला परिषद के अध्यक्ष पदों में 11 में से 8 पर कांग्रेस ने विजय प्राप्त की है।
  • सरकार का प्रत्येक दिन, प्रत्येक पल प्रदेश के विकास और प्रदेशवासियों के कल्याण में बीता है। मुझे इस बात की खुशी और संतोष है कि हम अपना दायित्व निभाने में सफल रहे हैं।
  • इस सब में प्रदेशवासियों और आप सबका पूर्ण सहयोग हमें मिला है, जिसके लिए हम हार्दिक आभारी हैं।
  • आम आदमी की बेहतरी हमारी सरकार की विकास नीति का मूल मंत्र है।
  • प्रदेश सरकार ने गत तीन वर्षों में सरकारी व निजी क्षेत्र में 60 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान किया है। इनमें से 27 हजार रोजगार के अवसर सरकारी क्षेत्र में उपलब्ध करवाये गए हैं। हम अगले दो वर्षों में अकेले सरकारी क्षेत्र में 25 हजार नये रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के प्रति वचनबद्ध हैं।
  • प्रदेशवासियों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने के लिए 15 विभागों की 86 सेवाएं लोक सेवा गारन्टी अधिनियम के अंतर्गत लाई गई है।
  • हिमाचल प्रदेश सभी लोक सेवाओं के लिए, जहाँ न्यायालय की अनिवार्यता न हो, शपथ पत्र की अनिवार्यता समाप्त करने वाला देश का पहला राज्य है।
  • कल्याण योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए वार्षिक आय सीमा को 20 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 35 हज़ार रुपये की गई।
  • सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 450 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये प्रतिमाह किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत 3,63,825 वृद्ध विधवाएं तथा विशेष रूप से सक्षम लोग लाभान्वित हुए हैं। 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वृद्धजनों को बिना किसी आय सीमा के मापदंड के 1100 रुपये प्रतिमाह की सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है।
  • राजीव गांधी अन्न योजना कार्यान्वित कर प्रदेश के लगभग 37 लाख लोगों को 3 किलो गेहूं, दो रुपये प्रति किलो तथा दो किलो चावल 3 रुपये प्रति किलो की दर से प्रतिमाह प्रति व्यक्ति प्रदान किए जा रहे हैं।
  • प्रदेश में बेरोज़गार युवाओं के कौशल विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की कौशल विकास भत्ता योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना के अन्तर्गत बेरोज़गार युवाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह तथा विशेष क्षमता वाले युवाओं को 1500 रुपये प्रति माह भत्ता दिया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक 1,07,887 युवा लाभान्वित हो चुके हैं।
  • वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान जनजातीय उप योजना के अन्तर्गत 432 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं। प्रदेश में अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों के कल्याण एवं विकास के लिए 1503 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं।
  • प्रदेश में 111.19 करोड़ रुपये की डॉ. वाई.एस. परमार, किसान स्वरोज़गार योजना कार्यान्वित की जा रही है, जिसके अन्तर्गत किसानों को पॉलीहाउस के निर्माण के लिए 85 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है।
  • किसानों को टपक/फव्वारा सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए 154 करोड़ रुपये की राजीव गांधी सूक्ष्म सिंचाई योजना आरम्भ की गई है।
  • राज्य के लिए 1000 करोड़ रुपये की हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना स्वीकृत करवाई गई है। एंटी हेलनेट पर उपदान को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया गया है तथा सेब, आम एवं किन्नू प्रजाति के फलों के समर्थन मूल्यों में वृद्धि की गई है।
  • इंदिरा आवास योजना के अन्तर्गत 85 करोड़ रुपये व्यय कर 13,652 घरों का निर्माण किया गया है, जबकि राजीव आवास योजना के अन्तर्गत गत तीन वर्षों में 22.80 करोड़ रुपये खर्च कर 2141 घर निर्मित किए गए हैं।
  • प्रदेश में मनरेगा को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत 1447.34 करोड़ रुपये व्यय कर 708.63 लाख श्रम दिवस सृजित किए गए हैं, जिनमें से 438.94 लाख श्रम दिवस महिलाओं द्वारा सृजित किए गए हैं।
  • पंचायती राज संस्थाओं तथा स्थानीय शहरी निकायों को धनराशि के समयबद्ध हस्तांतरण हेतु संस्तुतियां प्रदान करने के लिए पांचवें राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है। वर्ष 2013-14 के दौरान राज्य वित्त आयोग के अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं 81.55 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2014-15 में 85.26 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान पंचायती राज संस्थाओं को 194 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
  • गत तीन वर्षों के दौरान प्रदेश में 994 नए स्कूल खोले अथवा स्तरोन्नत किए गए तथा 25 नए महाविद्यालय खोले गए।
  • सरकारी स्कूलों एवं केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की जा रही है।
  • राजीव गांधी डिजिटल विद्यार्थी योजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 10वीं तथा 12वीं के 10,000 मेधावी विद्यार्थियों को निःशुल्क नेटबुक/लेपटॉप प्रदान किए जा रहे हैं।
  • प्रदेश के ऊना ज़िले में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान तथा सिरमौर जिले में भारतीय प्रबन्धन संस्थान खोला गया है। राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, नगरोटा बगवां में कक्षाएं आरम्भ हो गई हैं।
  • प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर 19 नए आईटीआई खोले गए हैं तथा दो नई आईटीआई अधिसूचित की गई हैं।
  • इस अवधि के दौरान प्रदेश में 100 नए स्वास्थ्य संस्थान खोले गए अथवा उनका दर्जा बढ़ाया गया है।
  • चम्बा, हमीरपुर तथा सिरमौर जिलों में 190 करोड़ रुपये प्रति मेडिकल कॉलेज के प्रावधान के साथ तीन नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। इन मेडिकल कॉलेजों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 1775 पद सृजित किए गए हैं।
  • प्रदेश के लिए एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान स्वीकृत किया गया है, जिसे बिलासपुर जिले में खोला जाएगा।
  • शिमला के निकट घणाहट्टी में 150 करोड़ रुपये की लागत से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला के दूसरे परिसर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 100 बिस्तरों वाला अस्पताल, दंत महाविद्यालय तथा नर्सिंग कॉलेज होंगे।
  • डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज, टांडा में 145 करोड़ रुपये की लागत से एक सुपरस्पेशिलिटी खण्ड का निर्माण किया गया है। ईएसआईसी मण्डी को शीघ्र ही प्रदेश सरकार द्वारा अधिगृहित किया जाएगा।
  • गत तीन वर्षों के दौरान प्रदेश में 1365.65 किलोमीटर नई सड़कों तथा 134 पुलों का निर्माण किया गया। इस अवधि में 255 गांवों को सड़कों से जोड़ा गया।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दौरान 532 करोड़ रुपये की लागत से 2267 किलोमीटर सड़कों की 241 परियोजनाएं भारत सरकार से स्वीकृत करवाई गई हैं। इस दौरान 603 करोड़ रुपये लागत की 2489 किलोमीटर लम्बाई की 378 सड़क परियोजनाएं भी पूरी की गई हैं।
  • गत तीन वर्षों के दौरान 6949 अतिरिक्त बस्तियों को ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अन्तर्गत लाया गया है। इस अवधि के दौरान पेयजल आपूर्ति योजनाओं पर 773 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं तथा जलाभाव वाले क्षेत्रों में 4887 हैंडपम्प स्थापित किए गए हैं। 400 करोड़ रुपये की लागत से 10,586 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा प्रदान की गई है।
  • ऊना जिले में 922 करोड़ रुपये की स्वां तटीकरण परियोजना तथा कांगड़ा जिले में 180 करोड़ रुपये की छोंछ खड्ड परियोजना का कार्य प्रगति पर है। शिमला जिले के लिए 191 करोड़ रुपये की पब्बर नदी तटीकरण परियोजना स्वीकृत की गई है।
  • राज्य सरकार ने प्रदेश के बेहतर एवं तीव्र औद्योगीकरण के लिए औद्योगिक सलाहकार परिषद्् का गठन किया है। उद्यमियों को प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित करने हेतु मुम्बई, बैंगलुरू, अहमदाबाद तथा नई दिल्ली में ‘इंवेस्टर मीट’ आयोजित की गई हैं।
  • प्रदेश के कांगड़ा ज़िले के कंदरौड़ी में 95.77 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत तथा ऊना ज़िले के पंडोगा में 88.05 करोड़ रुपये की लागत से नए आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं।
  • प्रदेश में नए उद्योगों की स्थापना को एक ही आवेदन पत्र पर 45 दिनों के भीतर सभी स्वीकृतियां प्रदान की जा रही हैं।
  • एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण द्वारा इस अवधि के दौरान 11,663 करोड़ रुपये निवेश की 219 इकाइयों को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनमें लगभग 22000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध होगा।
  • नए उद्यमियों की सुविधा के लिए स्टाम्प शुल्क एवं भूमि उपयोग हस्तांतरण शुल्क में कटौती की गई है।
  • 300 से अधिक हिमाचलियों को रोज़गार प्रदान करने वाली नई औद्योगिक इकाइयों से पांच वर्षों तक केवल एक प्रतिशत विद्युत शुल्क वसूला जाएगा।
  • प्रदेश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में कांगड़ा जिले के बीड़-बिलिंग में पैराग्लाइडिंग विश्व कप का आयोजन किया गया।
  • धर्मशाला-मैकलोड़गंज, हिमानी-चामुण्डा, शिमला बाईपास-लिफ््ट तथा पलछान-रोहतांग रज्जू मार्गों के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
  • वर्ष 2014-15 के दौरान 956 मैगावाट क्षमता का दोहन किया गया है, जबकि वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान 1050 मैगावाट क्षमता के दोहन का लक्ष्य।
  • प्रदेश सरकार ने एक वृहद् एलईडी प्रोत्साहन योजना आरम्भ की है, जिसके अन्तर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को बाजार भाव से आधे से भी कम मूल्य पर एलईडी बल्ब प्रदान किए जा रहे हैं।
  • गत दो वर्षों के दौरान प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को उपदानयुक्त दरों पर बिजली उपलब्ध करवाने के लिए 708 करोड़ रुपये का उपदान दिया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में उपदान पर 380 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।
  • राज्य पथ परिवहन निगम के बेड़े में 1231 नई बसें शाामिल की गई हैं, जबकि 69 और बसें शीघ्र उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • सभी महिलाओं को राज्य पथ परिवहन निगम की सामान्य बसों में प्रदेश के भीतर किराये में 25 प्रतिशत छूट दी जा रही है।
  • राज्य सरकार ने टीडी नीति/नियमों में संशोधन कर टीडी धारकों को राहत पहुंचाई है।
  • अकुशल श्रमिकों की दिहाड़ी को बढ़ाकर 180 रुपये किया गया है। 31 मार्च, 2015 को 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अनुबंध कर्मियों, 7 वर्ष का नियमित सेवाकाल पूरा करने वाले दिहाड़ीदारों को नियमित किया गया है तथा आठ वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले अंशकालिक कर्मियों को दिहाड़ीदार बनाया गया है।
  • प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से वंचित सभी दिहाड़ीदारों, अंशकालिक कर्मियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं, मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाया है, ताकि उन्हें सामान्य एवं गम्भीर बीमारियों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
  • प्रदेश सरकार लोगों को जवाबदेह व कुशल प्रशासन प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है, ताकि प्रदेश के सभी क्षेत्रों तथा सभी वर्गों का समान व संतुलित विकास सुनिश्चित बनाया जा सके।

 

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