एसजेवीएन ने आरई एवं धर्मल परियोजनाओं के लिए 1,18,000 करोड़ पीएफसी के साथ किया एमओयू हस्ताक्षरित – सीएमडी नन्दलाल शर्मा

सीएमडी नन्दलाल शर्मा बोले- परियोजना लागत के 70% पर सावधि ऋण वित्तीय सहायता अस्थायी रूप से प्रस्तावित हैजिसे परियोजना आवश्यकताओं के अनुसार नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए  जा सकता है बढ़ाया

शिमला: एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने जानकारी देते हुए अवगत कराया कि एसजेवीएन के विविध परियोजना पोर्टफोलियो के वित्तपोषणार्थ एसजेवीएन ने पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

नन्द लाल शर्मा ने कहा कि पीएफसी ने लगभग 1,18,826 करोड़ रुपए की कुल परियोजना लागत पर स्थापित होने वाली एसजेवीएन की नवीकरणीय परियोजनाओं सौरजल विदयुत और पंप भंडारण एवं थर्मल परियोजनाओं को वितपोषित करने पर सहमति व्यक्त की है। परियोजना लागत के 70% पर सावधि ऋण वित्तीय सहायता अस्थायी रूप से प्रस्तावित हैजिसे परियोजना आवश्यकताओं के अनुसार नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बढ़ाया जा सकता है।

एसजेवीएन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा एसजेवीएन और पीएफसी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक परमिंदर चोपड़ा की गरिमामयी उपस्थिती में एसजेवीएन निदेशक (वित्त) अखिलेश्वर सिंह  और पीएफसी निदेशक (वाणिज्यिक) मनोज शर्मा,  द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान एसजेवीएन निदेशक (कार्मिक) गीता कपूर  एवं पीएफसी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

हाल ही मेंएसजेवीएन ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए अन्य विद्युत सीपीएसई के साथ विभिन्न समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एसजेवीएन की उपस्थिती और मजबूत होंगी और वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित क्षमता के भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। यह कंपनी के वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट के नए मिशन और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के महत्वाकांक्षी साझा विजन को प्राप्त करने में सहायक होगा ।

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