सोलन: नौणी विवि के 10 छात्र प्रशिक्षण के लिए बैंकॉक रवाना

आईसीएआर एन.ए.एच.ई.पी. परियोजना के तहत पूर्ण वित्तपोषित प्रशिक्षण

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के 10 स्नातक छात्र एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एआईटी) बैंकॉक में महीने भर चलने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए मंगलवार शाम को रवाना किया गया। डॉ. संजीव चौहान, निदेशक अनुसंधान, डॉ. मनीष शर्मा, डीन औदयानिकी महविद्यालय, डॉ. सीएल ठाकुर, डीन वानिकी महाविद्यालय, डॉ. कमल शर्मा, डीन नेरी महाविद्यालय, डॉ. अनिल सूद, डॉ. राजेश कौशल और डॉ. भूपेन्द्र दत्त इस अवसर पर उपस्थित रहे।

छात्र 6 जुलाई से एक महीने की अवधि के लिए एआईटी में कृषि प्रणाली और इंजीनियरिंग शैक्षणिक कार्यक्रम में में भाग लेंगे।

प्रशिक्षण का विषय ‘बागवानी और वानिकी के सतत विकास के लिए स्मार्ट फार्मिंग टेक्नोलॉजीज’ होगा। पूरी तरह से वित्त पोषित इस अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को आईसीएआर राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना की आईडीपी के तहत आयोजित किया गया है। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एक सार्वजनिक वित्त पोषित, अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान है जो 1959 से उच्च शिक्षा, अनुसंधान और आउटरीच गतिविधियों के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तकनीकी परिवर्तन और सतत विकास को बढ़ावा दे रहा है।

मुख्य परिसर के दोनों कॉलेजों के बागवानी और वानिकी विषयों से तीन-तीन और नेरी में विश्वविद्यालय के घटक कॉलेज से चार स्नातक छात्रों को उनके शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर कार्यक्रम के लिए चुना गया है। चयनित छात्र- स्वधा सूद, अनुशुमन ठाकुर और सिया बागवानी महाविद्यालय, नौणी और शैफाली शर्मा, धृति और तान्या मुख्य परिसर में वानिकी महाविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं। अपूर्वा शर्मा, पलक, आर्यन महाजन और अंजलि शर्मा हमीरपुर जिले के बागवानी और वानिकी महविद्यालय, नेरी के छात्र है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल और वैधानिक अधिकारियों ने चयनित छात्रों से दिल्ली रवाना होने से पहले बातचीत की। प्रोफेसर चंदेल ने कार्यक्रम के लिए चुने जाने पर छात्रों को बधाई दी और स्नातक छात्रों के लिए वैश्विक ख्याति वाले संस्थानों में प्रशिक्षण पाना संभव बनाने के लिए आईसीएआर और सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने छात्रों से मूल्यवान ज्ञान प्राप्त करने के लिए इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया और इस यात्रा का उपयोग दुनिया को अपने देश, राज्य और विश्वविद्यालय के बारे में बताने के अवसर के रूप में भी करने का आवाहन किया। उन्होंने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए आईडीपी के प्रधान अन्वेषक डॉ. केके रैना और पूरी टीम को बधाई दी।

यह छात्रों का तीसरा बैच है जिन्हें आईडीपी के तहत विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना गया है। इससे पहले, 32 छात्रों के एक बैच ने एआईटी में एक महीने के कार्यक्रम में भाग लिया था, जबकि 10 छात्रों के एक अन्य बैच ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में तीन सप्ताह का कार्यक्रम पूरा किया था। इसके अतिरिक्त, 31 संकाय सदस्यों को ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इजराइल, जर्मनी, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया और यूनाइटेड किंगडम में अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कौशल को बढ़ाने का अवसर मिला था। 15 छात्रों का एक और बैच इस महीने के अंत में जर्मनी के लिए रवाना होगा, जबकि चार संकाय सदस्यों को जर्मनी भेजने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

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