जानिए शहतूत खाने के फायदे…..

 शहतूत के वृक्ष में हरे रंग के दानेदार फल निकलते हैं जिनका रंग फल पकने के बाद काला हो जाता है इसका स्वाद मीठा और तासीर ठंडी होती है। पके हुए शहतूत ठंडे मीठे भारी एवं रक्तपित्त का नाश करते हैं इसके सेवन से छाती और शरीर की जलन शांत होती है।

गर्मियों में शहतूत का सेवन करना लाभकारी होता है। शहतूत का सेवन प्यास की अधिकता को रोकता है और उसे सामान्य करता है।

शहतूत के सेवन से भोजन के प्रति रुचि कम हो जाती है और वमन की शिकायत दूर होती है यह गर्मी के दिनों में बहुत उपयोगी फल है। शहतूत स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी है।

शहतूत के पत्तों का काढ़ा गला बैठ जाने और सूजन में लाभकारी है। इसके लिए शहतूत के पत्तों को पानी में उबालकर उससे कुल्ले करें।

तेज़ बुखार की स्थिति में तेज व्यास लगने पर शहतूत का शरबत पिलाने से प्यास शांत हो जाती है। बुखार की तेजी भी कम हो जाती है।

मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करने में भी शहतूत का बहुत बड़ा योगदान रहता है। शहतूत के पके फलों का रस निचोड़ कर शरबत बनाकर पीने से मस्तिष्क की दुर्बलता दूर होती है और शरीर को ठंडक पहुंचती है।

मुंह के छाले होने पर शहतूत को पानी में लगातार खुले करें जिससे मुंह के छाले दूर हो जाएंगे।

कैंसर से बचाव करता शहतूत का सेवन करने से कैंसर में बचाव होता है। कैंसर होने के कारणों को खत्म करने में शहतूत कारगर होता है। बता दें कि शहतूत में शहतूत में पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनॉयड जैसे प्लांट बेस्ड यौगिक उपस्थित होते हैं, जो कैंसर सेल्स को कम करने में मदद करते है। कैंसर रोगियों को कैंसर की परेशानियों से बचाता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद बाल झड़ने की समस्या आम है लेकिन इस पर काबू पाने के लिए शहतूत बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल शहतूत में एंटीऑक्सीडेंट एलिमेंट पाए जाते हैं जो त्वचा और बालों के लिए लाभदायक होते हैं। त्वचा को रूखा और बेजान होने से शहतूत बचाता है।

 बाल झड़ने और उसे काले घने नेचुरल बनाने में शहतूत फायदेमंद होता है। कई तरह की बीमारियों से बचाता है शहतूत इस सीजन में शहतूत का इस्तेमाल करने से कई तरह की बीमारियों से बचाव होता है।

पेट की समस्या हो डाइजेस्टिव सिस्टम में कोई परेशानी हो तो शहतूत का सेवन फायदेमंद होता है।

शुगर लेवल को कम करता है इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण की तरह है।

 कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।

इसके पत्तों को उबाल कर कुल्ला करने से गले का इंफेक्शन, जड़ों को उबाल कर पीने से हाई ब्लड प्रेशर और फल खाने से बुखार, पेट की गैस और घबराहट से आराम मिलता है। छाल को पीसकर खाने से आंतों और पेट की कीड़ों से आराम मिलता है।

शहतूत में विटामिन K, कैल्शियम के साथ ही फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों के ऊतकों के निर्माण और रखरखाव के लिए लाभकारी हो सकते हैं। यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और हड्डियों से संबंधित विकारों को रोकने में महत्वपूर्ण होता है।

शहतूत की पत्तियों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन के लिए जरूरी हैं। यह पाचक रसों के बनने की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। वहीं, फल के अलावा, कच्चे फल से बने पाउडर का सेवन पाचन प्रक्रिया को मजबूत कर सकता है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि बिगड़ी पाचन शक्ति को फिर से दुरुस्त करने में शहतूत के लाभ मददगार साबित हो सकते हैं।

कश्मीर, पंजाब, बंगाल, बिहार एवं मयांमार और हिमाचल प्रदेश आदि में शहतूत के वृक्ष बहुत तादाद में लगाए जाते हैं।

प्रतिदिन दो-तीन बार शहतूत का रस 20-25 ग्राम की मात्रा में 40 दिनों तक पीने से हिस्टीरिया रोग में लाभ होता है।

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