हिमाचल: जान्हवी बनेगी मुख्यमंत्री; 12 जून को विधानसभा में होगा “बाल सत्र”

 – कल जारी होगी कैबिनेट की सूची

 शिमला: जान्हवी विधानसभा बाल सत्र की मुख्य मंत्री चुनी गयी है।मण्डी जिले के सुंदरनगर की दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली जान्हवी का चयन मुख्यमंत्रीके लिए हुआ है। यह बच्चे हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्वाधान में तीन माह तक चले बच्चों की सरकार कैसी होअभियान के तहत चुने गए हैं।आज शिमला मे विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर उन्होंने सदन की कार्यवाही को समझा वहीं बाल सत्र में शामिल होने वाले बाल विधायक भी इस मौके पर विधानसभा भवन पहुंचे। अगले दो दिन बच्चे शिमला में रहेंगे । गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र  विश्व बाल श्रम निषेध दिवसपर आयोजित किया जा रहा है। बच्चों की राजनीतिक सहभागिता सुनिश्चित करने के लिये इस सत्र का आयोजन होगा ।

 कुल 1108 बच्चों ने बाल विधायक बनने के लिये रजिस्ट्रेशन कराया। 25 अप्रैल शाम 6 बजे तक रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख थी तब तक 1085 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन किया लेकिन रात बारह बजे तक भी बच्चे रजिस्ट्रेशन कराते रहे और बाल मन का ख्याल रखते हुये उन सभी बच्चों को भी शामिल किया गया। लिहाजा कुल दावेदारी प्रेषित करने वाले बच्चों की संख्या 1108 हो गयी। जिन बच्चों ने अपनी बात को प्रभावशाली तरीके से रखा उन 68 का चयन किया गया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस समय 68 सीट है। जिन न्यायधीशों ने इन बच्चों का चयन किया वो भी सदन में उपस्थित रहेंगे।

 बाल विचारों को नीति निर्माण में स्थान प्रदान कराना इसका मकसद है। बच्चों के मुददो/ विषयों को उनके द्वारा प्रस्तुत किये जाने से मौलिकता और नवीनता को जगह मिलती है। दुनिया के कुछ देशों में बच्चे राजनीतिक प्रतिनिधित्व हासिल कर चुके हैं। हमारे देश में भी नयी पीढ़ी में राजनीतिक जागरुकता बढ़ाने के लिये यह सत्रविधानसभा भवन में आयोजित किया जा रहा है। हमारे देश में युवा संसदके ज़रिये बच्चों को सुनने का अवसर पहले भी मिलता रहा है। लेकिन विधानसभा भवन में इसका आयोजन बच्चों के विचारों को गंभीरता से लेने की प्रतिबद्धता बताता है।

 बच्चों की सरकार कैसी हो’’ ये सवाल बच्चों से पूछा गया और बच्चों ने ही इसका जवाब दिया। 12 जून को विधानसभा बाल सत्रमें जो विषय रखे जायेंगे वो सब बच्चों द्वारा ही उठाये गये विषय होंगे। बच्चे जो अपने आस – पास की परिस्थितियों को देखने के बाद महसूस करते हैं उन विषयों को नीति निर्माण में शामिल करने का प्रयास है ऐसे बाल सत्र। इसमें शामिल होने वाले 68 बच्चे 68 स्कूल का प्रतिनिधित्व करते हैं। हिमाचल प्रदेश की 43 विधानसभा क्षेत्रों के 63 बच्चे चुने गये। वहीं 5 राज्यों से पांच बच्चों का चयन हुआ है। इसमें 40 लड़कियां और 28 लड़के बाल विधायक के रुप में शामिल हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान सहित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से एक-एक बच्चे का चयन हुआ है। पंजाब और दिल्ली आसाम और गुजरात के बच्चों ने भी रजिस्ट्रेशन किया था लेकिन वहां के बच्चों का चुनाव नहीं हुआ है।

 सच्चाई ये है कि हमारी पूरी जीवन शैली बच्चों पर केंद्रित है लेकिन अक्सर बच्चे परिवार, समाज और देश की मुख्यधारा से दूर रहते हैं। उन्हें बचपन मे उन विचार विर्मशों में शामिल ही नहीं किया जाता जिनसे उनका व्यवहारिक विकास संभव हो सके। यही वजह है कि बच्चे कई बार खुद को उपेक्षित भी पाते हैं – ‘तुम चुप रहो’ ‘अभी तुम्हारे समझ में नहीं आयेगाया ये आपके काम की बात नहीं हैबच्चे अक्सर ऐसे वाक्य अपने बड़ों से घरों में सुनते हैं। इसलिये डिजिटल बाल मेलाने बच्चों को घर से ही अपने विचार दुनिया तक पहुंचाने का रास्ता निकाला। बच्चों के हाथ में मौजूद गैजेट्स का कैसे सही इस्तेमाल हो यही इस पूरे कार्यक्रम का मकसद है। बाल सत्र में शामिल होने वाले सभी 68 बच्चे डिजिटल माध्यम से चुने गये। डिजिटल माध्यम से ही उन्होंने विधायी प्रक्रिया को जाना और समझा है।

 विधानसभा बाल सत्र में राज्य और समाज के सभी बच्चों को भाग लेने का अवसर मिले इसका प्रारुप इसी तरह से तैयार किया गया है। सभी वर्गों के बच्चों का प्रतिनिधित्व हो इसी मकसद से अभियान को आगे बढ़ाया गया है। सरकारी, निजि और स्कूली शिक्षा से वंचित रहने वाले सभी बच्चों को ये अवसर समान रुप से प्रदान किया जाता है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र में कुल 68 बाल विधायक शामिल होंगे जिनका चयन उनके विचारों के आधार पर किया गया है। बच्चों ने अपने विचार दो महिने चले अभियान के दौरान वीडियो बनाकर डिजिटल बाल मेला की वेबसाइट और मोबाइल नंबर पर भेजे। करीब 25 हज़ार बच्चे इस अभियान से जुड़े।

 हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, ब्यूरोक्रेट्स, साहित्यकारों और समाज के वरिष्ठ जनों से इन बच्चों ने संवाद स्थापित किया। इन्हीं बच्चों में से मुख्यमंत्री, स्पीकर, कैबीनेट मंत्री और संसदीय सचिव चुने जायेंगे।

 हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तत्वाधान में डिजिटल बाल मेला द्वारा संचालित विधानसभा बाल सत्र बच्चों की आवाज़ मुखर करने का एक प्रयास है। डिजिटल बाल मेलाकोरोना के मुश्किल काल में जयपुर के सवाई मानसिंह विद्यालय में पढ़ने वाली जान्हवी शर्मा द्वारा शुरु किया गया एक नवाचार है जिसका संचालन फ्यूचर सोसायटी कर रही है। फ्यूचर सोसायटी पिछले 16 सालों से बच्चों, युवाओँ और महिलाओं की समान भागीदारी के छोटे छोटे प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राजस्थान विधानसभा में 14 नवंबर 2021 को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के तत्वाधान में विधानसभा बाल सत्र का आयोजन किया गया था जिसके मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला थे।

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