मेले और त्यौहार हमारी आस्था और विश्वास के प्रतीक: कुलदीप सिंह पठानिया
समोट में आयोजित छिंज मेले मे बतौर मुख्यातिथि की शिरकत
चंबा : मेले और उत्सवों के आयोजन से हमारी संस्कृति को संजोने और सहेजने को बल मिलता है, साथ ही साथ नई पीढ़ी को हमारी समृद्ध संस्कृति एवं परम्पराओं का भी ज्ञान होता है। यह बात आज भटियात विधानसभा क्षेत्र के समोट में आयोजित छिंज मेले मे बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर अपने संबोधन में कही।
उन्होंने कहा कि मेलों में खेल प्रतियोगिताओं एवं कुश्तियों के आयोजन से लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ ग्रामीण प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा दिखाने एवं उभारने के लिए मंच भी मिलता है। उन्होंने कहा मेले और त्यौहार हमारी आस्था और विश्वास के प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि मेले और त्योहार हमें अपने पूर्वजों से विरासत में मिले हैं जिनका आयोजन पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी इन मूल्यवान विरासतों को संजोए रखना जरूरी है।उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश हमेशा अपनी विशेष संस्कृति, लोक शिल्प एवं लोक कलाओं के लिए प्रसिद्ध रहा है। प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। राज्य की धार्मिक एवं सांस्कृतिक परम्पराएं अत्यंत समृद्व हैं।
इस दौरान उन्होंने समोट छिंज मैदान के निर्माण कार्य के लिए 5 लाख और छिंज कमेटी को 25 हजार रुपए देने की भी घोषणा की।
उन्होंने मेला कमेटी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सदस्यों की कड़ी मेहनत और स्थानीय लोगों के सहयोग से इन मेलों का सफलतापूर्वक आयोजन सुनिश्चित हुआ है।
छिंज मेला कमेटी के प्रधान संजीव महाजन तथा अन्य कमेटी के सदस्यों ने मुख्य अतिथि को पगड़ी, शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।