अन्तराष्ट्रीय कुल्लू दशहरे का 11 अक्तूबर से आगाज, लोकनृत्य ‘लालड़ी’ पुनः होगा आरम्भ

  • मुख्यमंत्री ने की अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता
  • कुल्लू दशहरे के दौरान लोकनृत्य ‘लालड़ी’ को पुनः किया जाएगा आरम्भ
  • भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) उपलब्ध करवाएगा विभिन्न सांस्कृतिक दल
कुल्लू दशहरे के दौरान लोकनृत्य ‘लालड़ी’ को पुनः किया जाएगा आरम्भ

कुल्लू दशहरे के दौरान लोकनृत्य ‘लालड़ी’ को पुनः किया जाएगा आरम्भ

शिमला: सप्ताह भर चलने वाला अन्तराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा 11 अक्तूबर से आरम्भ होगा, जिसमें हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी के 200 स्थानीय देवी-देवता भाग लेगें और ‘अन्तर हिमालयाई सांस्कृतिक महोत्सव’ के लिए देश के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों, जैसे लेह लद्धाख, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर आदि के सांस्कृतिक दलों को आमंत्रित करने के प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की राज्य स्तरीय बैठक में यह जानकारी दी गई।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि कुल्लू दशहरे के दौरान पारम्परिक लोकनृत्य ‘लालड़ी’ को पुनः आरम्भ किया जाए। इस नृत्य के दौरान स्थानीय लोग रात भर नाटी का आयोजन करते हैं। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण खेल उत्सव के आयोजन के लिए एक समिति का पुनः गठन करने का भी निर्णय लिया गया, जो इस दौरान कबड्डी, वॉलीबॉल, रस्साकशी जैसे खेलों का आयोजन करवाएगी।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि कुल्लू दशहरा अपने स्थानीय देवी-देवताओं और प्राचीन परम्पराओं, जोकि निचले हिमालयाई क्षेत्र में रहने वाले समुदायों की जीवन शैली को प्रदर्शित करता है तथा यह उत्सव प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरा हिमाचल प्रदेश की परम्पराओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है और इसमें सभी स्थानीय देवी-देवताओं को आमंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन को उत्सव के दौरान साफ-सफाई की उचित व्यवस्था बनाए रखने तथा स्थानीय देवी-देवताओं को उचित सम्मान प्रदान करने के साथ-साथ उनके ‘प्रोटोकॉल’ का ध्यान रखने के निर्देश दिए। ये देवी-देवता भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा के साथ शामिल होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोक नृत्य दलों को अपनी कला प्रस्तुत करने के लिए दोपहर के समय एक कला केन्द्र उपलब्ध करवाना चाहिए, जहां इन दलों के बीच प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन होगा और इनमें से श्रेष्ठ दल का चयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रात्रि के समय आयोजित होने वाले ‘लालड़ी’ लोक नृत्य के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

  • आईसीसीआर से भूटान, श्रीलंका, रूस व जापान के सांस्कृतिक दलों को उपलब्ध करवाने की स्वीकृति प्राप्त : यूनस

उपायुक्त कुल्लू यूनस ने कहा कि अभी तक भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) से भूटान, श्रीलंका, रूस तथा जापान के सांस्कृतिक दलों को उपलब्ध करवाने की स्वीकृति प्राप्त हुई है तथा उत्तरी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र से विभिन्न राज्यों के श्रेष्ठ लोक कलाकारों को उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

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