हिमाचल: सत्ती बने छठे वित्त आयोग के अध्यक्ष

प्रदेश जंगलों में लगी आग की भट्टी में तप रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है : सत्ती

बड़े नुकसान का आकलन लाखों रू. में दिखाकर जनता की आखों में धूल झोंकने का प्रयास : सत्ती

वन विभाग ने जो 62 लाख रू. के नुकसान की रिपोर्ट

 

शिमला: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि पूरा हिमाचल प्रदेश जंगलो में लगी आग की भट्टी में तप रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरकर बैठी है।

सतपाल सिंह सत्ती ने आरोप लगाया कि सरकार को और वन विभाग को यह पूर्व अनुमान था कि इस बार जंगलो में आग अन्य वर्षों की तुलना में अधिक लगेगी क्योंकि सर्दियों में बारिश बहुत कम हुई थी और सब तरफ सूखा पड़ा हुआ था। ऐसे में जंगलो की आग को रोकने के लिए जो प्रभावी कदम उठाए जा ने चाहिए थे, वह नहीं उठाए।

सत्ती का मानना है कि वन विभाग ने जो 62 लाख रू. के नुकसान की रिपोर्ट दी है और आज के अखबारों में प्रकाशित हुई है, वह भ्रामक है। पूरे प्रदेश में अरबों रू. के जंगल खाक हो गए, नए निकलने वाले पौधे समाप्त हो गए, जंगलो के साथ लगते बगीचों, खेतों, रिहायशी मकानों, पशुशालाओं को भारी नुकसान पहुंचा है और जंगली जानवरों की शरण स्थलियां भी समाप्त हुई है। इतने बड़े नुकसान का आकलन लाखों रू. में दिखाकर जनता की आखों में धूल झोंकने का प्रयास हो रहा है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश पेयजल की गंभीर समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री और आई.पी.एच. मंत्री का यह बयान कि प्रदेश में पेयजल की कोई कमी नही, यह निंदनीय है। लोगों को सुविधा उपलब्ध कराने के बजाए इस बयान में अधिकारियों को यह क्लीन चिट दे दी है कि पानी दो या न दो सरकार तुम्हारे साथ है। सतपाल सत्ती ने सरकार से कहा कि जंगलों में लगी आग और पेयजल संकट के उपर तुरंत श्वेत-पत्र जारी करे।

 

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