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सीबीआई से केस वापस लेने के लिए बेकरार होने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं सुक्खू : जयराम ठाकुर

सरकार के प्रयासों से साफ है बहुत बड़ी धांधली से जुड़े हैं विमल नेगी की मौत के तार

सरकार की बेताबी बता रही है बहुत लोगों का जेल इंतजार कर रही है

पहले सीबीआई को जांच सौंपने और अब वापस लेने के लिए सिर के बल खड़ी है सरकार

शिमला : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एचपीपीसीएल के इंजीनियर विमल नेगी की मौत से सुक्खू सरकार के तार बहुत गहरे और नजदीकी से जुड़े हैं। इसीलिए यह सरकार विमल नेगी की मौत की जांच को सीबीआई से वापस लेने के लिए हर हथकंडे अपना रही है। देश के इतिहास का यह पहला मामला है जहां एक चीफ इंजीनियर की मौत के मामले की जांच के मामले में सरकार सहयोग करने की बजाय जांच को बाधित करने की प्रयास कर रही है। ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया कि सरकार ने किसी भी सीबीआई जांच की प्रक्रिया में दखल देने की कोशिश की हो। वह भी तब जब सीबीआई जांच के आदेश माननीय न्यायालय द्वारा दिए गए हो। सबसे बड़ा सवाल यह है की विमल नेगी की मौत के मामले में किस-किस की गर्दन फंस रही है जो पूरी सरकार छटपटा रही है। किसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री और उनका संरक्षण पाए अधिकारी सबसे ऊपर होकर, कानून की धज्जियां उड़ाकर काम कर रहे हैं। उन अधिकारियों को नियमों की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट देकर मुख्यमंत्री ने भी पूरे प्रदेश के लोगों की शक की सुई अपनी तरफ कर ली है। विमल नेगी के मौत के मामले में पहले जहां दाल में काला लग रहा था अब वहीं पूरी दाल ही काली नजर आ रही है। सरकार जिस तरीके से विमल नेगी की मौत के मामले में बेसब्र है और बार-बार झूठ बोल रही है उसे यह साफ है कि विमल नेगी की मौत या हत्या में सरकार पूरी तरह शामिल है। सरकार को  उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से सीबीआई की जांच के बीच में मुख्यमंत्री द्वारा संरक्षित कुछ अधिकारी नियमों की धज्जियां उड़ाकर जांच को प्रभावित करना चाहते हैं उससे लगता है कि इस मामले में जेल बहुत लोगों की राह देख रही है। जो वरिष्ठ अधिकारी इस व्यवस्था पतन पर खामोश हैं, उन्हें अपने दायित्वों के लिए खाई गई संविधान की शपथ याद करनी चाहिए। सरकार जिस जांच को  संरक्षण दे रही है उस जांच के अधिकारियों ने विमल नेगी के पास मिला सबसे अहम सबूत  पेन ड्राइव को थाने के अंदर फॉर्मेट किया और फिर उसे फॉरेंसिक को सौंपा। जब थाने में पेन ड्राइव फॉर्मेट करके सबूत को मिटाने के मामले में पुलिस का एक कर्मचारी जेल में हैं। ऐसे में प्रदेश की पुलिस सीबीआई जांच पर कैसे सवाल उठा सकती है। पुलिस खुद यह मानती है कि पुलिस द्वारा पेन ड्राइव फॉरमैट की गई। यह तो इस घटना का सिर्फ एक सत्य है जो मछुआरों द्वारा बनाई गई वीडियो के जरिए सामने आया है। विमल नेगी की मौत से जुड़े न जाने कितने राज पुलिस ने अपने आकाओं को बचाने के लिए दफन कर दिए हो, यह कौन जानता है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि थाने में पेन ड्राइव को फॉर्मेट किए जाने के बाद प्रदेश पुलिस द्वारा क्या कार्रवाई की गई? प्रदेश की पुलिस खास करके सुखविंदर सिंह सुक्खू के चहेते अधिकारी न सिर्फ सीबीआई पर उंगली उठाकर प्रदेश पुलिस की साख दाव पर लगा रहे हैं बल्कि माननीय उच्च न्यायालय पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। क्योंकि यह जांच माननीय उच्च न्यायालय की देखरेख में चल रही है। इसके पहले भी जिन अधिकारियों ने नियम कानून और प्रदेश के व्यवस्था की धज्जियां उड़ा दी मुख्यमंत्री उसका बाल भी बांका नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री अधिकारियों, भ्रष्टाचारियों के काले कारनामों के मकड़जाल में फंस चुके हैं और उनकी कठपुतली बनकर रह गए हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस दिन से विमल नेगी  गायब हुए हैं उस दिन से ही उनके परिवार के लोग पेखु बेला प्रोजेक्ट से उनके गायब होने के तार जुड़े होने के आरोप लगा रहे थे। उनका शव मिलने के बाद परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग की तो मुख्यमंत्री ने विधानसभा के भीतर न्याय का भरोसा दिलाया। हिमाचल पुलिस से जांच के लिए परिवार से दो हफ्ते का समय मांगा नहीं तो जांच सीबीआई को सौंपने का भरोसा दिया। परिवार वालों को सीबीआई जांच के लिए कैंडल मार्च निकालना पड़ा।  न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। मुख्यमंत्री के इशारे पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर जितने भी अड़ंगे डाले जा सकते थे, सरकार ने डलवाए। जब न्यायालय ने सरकार और जांच कर रही शिमला पुलिस का रवैया देखा तो न्याय के लिए सीबीआई जांच के आदेश किया और साथ ही यह भी निर्देश दिए कि हिमाचल से जुड़ा कोई भी अधिकारी इस जांच में शामिल नहीं होगा। और सरकार को जांच में सहयोग का निर्देश दिया।  मुख्यमंत्री ने मीडिया के सामने इस मामले में जांच में सहयोग देने का विमल नेगी के परिवार और प्रदेश को आश्वासन दिया। जो व्यक्ति झूठ को ही सत्ता चलाने का साधन समझता हो उससे किसी भी आश्वासन की उम्मीद नहीं की जा सकती। कुल मिलाकर विमल नेगी की मौत में साजिशों के तार बहुत गहरे हैं जो बहुत ऊंची कुर्सियों से जुड़े हैं। सभी मुख्यमंत्री उनके आरोपियों को न तो सजा दिला पाए और नहीं उन्हें महत्वपूर्ण पोस्टिंग से दूर रख पाए। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्था पतन का यह दौर अब बंद होना चाहिए।

प्रतिभा सिंह ने करवा चौथ व्रत पर दी महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं

शिमला : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने पति पत्नी के पवित्र रिश्ते के संकल्प करवा चौथ व्रत पर महिलाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
प्रतिभा सिंह ने एक संदेश में कहा है कि करवा चौथ का व्रत महिलाओं का उनके सुहाग के प्रति प्रेम व समर्पण का निराहार व्रत है जो उनके दीर्घ आयु की कामना करती हैं। प्रतिभा सिंह ने उम्मीद जताई है कि यह व्रत सभी को खुशियों के साथ साथ पति पत्नी के प्रगाढ़ रिश्ते को मजबूत करेगा।

लाडा के तहत सभी प्रोजेक्ट 3 दिन में दें वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट : डीसी शिमला

स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित

शिमला : उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण के तहत विभिन्न प्रोजेक्ट की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट 3 दिन के भीतर प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि सभी प्रोजेक्ट स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से सम्बंधित शेष राशि जल्द से जल्द जमा करवाएं ताकि विकास कार्यों को धरातल पर उतरा जा सके और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की जा सके। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) पंकज शर्मा सहित, एसजेवीएन, एनटीपीसी व अन्य प्रोजेक्ट के अधिकारी मौजूद रहे।

उपायुक्त आज यहां स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे। बैठक में कूट हाइड्रो प्रोजेक्ट, राजपुरा विद्युत परियोजना, लुहरी प्रोजेक्ट, कोल डैम प्रोजेक्ट तथा हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड की परियोजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा हुई।उपायुक्त ने प्रोजेक्ट संचालकों को निर्देश दिए कि प्रभावित पंचायतों में निर्धारित कार्यों को शीघ्र अति शीघ्र पूरा किया जाए।

अगले सत्र से प्रदेश में शुरू होंगे 100 सीबीएसई स्कूल : मुख्यमंत्री

स्कूल के भवन व बच्चों की वर्दी का अलग होगा रंग

शिक्षा विभाग को इस संबंध में सभी तैयारियां समय सीमा के भीतर पूरी करने के निर्देश 

शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिक्षा विभाग की एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से प्रथम चरण में प्रदेश भर में 100 स्कूलों को सीबीएसई पाठ्यक्रम पर संचालित किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा विभाग को इस संबंध में सभी तैयारियां समय सीमा के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीबीएसई पैटर्न आधारित स्कूलों का अलग रंग होगा और यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों की अलग रंग की वर्दी होगी। इन स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं के साथ-साथ मैस का प्रबंध भी किया जाएगा और विद्यार्थियों को पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाएगा। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत शर्मा सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश में सीबीएसई के मापदंड पूरा करने वाले अब तक 86 स्कूलों की पहचान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शेष स्कूलों में सीबीएसई के मापदंड जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के प्रयास कर रही है और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। शिक्षा विभाग में खाली पड़े अध्यापकों के पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा में 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गया है और राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए निरन्तर प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाने की समीक्षा भी की और अधिकारियों को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में एक अच्छा कैम्पस तैयार होना चाहिए, जहां खेलकूद गतिविधियों के लिए भी पर्याप्त जगह हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल मील का पत्थर सिद्ध होंगे।
सुक्खू ने कहा कि हर जिला में स्टेट ऑफ आर्ट कॉलेज बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है, जहां विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ सभी प्रकार की गतिविधियां उपलब्ध होंगी ताकि इनका सर्वांगीण विकास हो सके।

पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राजा वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम पूरे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण, हर छोटी चीज का रखें विशेष ध्यान : उपायुक्त

राज्य स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित

शिमला : उपायुक्त ने कहा कि यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका आयोजन प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह की स्मृति में किया जा रहा है। उन्होंने सभी अधिकारियों को कार्यक्रम से संबंधित तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि तैयारियों को लेकर छोटे से छोटे स्तर पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि किसी भी चीज में कोई कमी न रहे। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह की रिज मैदान पर स्थापित प्रतिमा के अनावरण को लेकर 13 अक्तूबर को आयोजित किए जा रहे राज्य स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों के संदर्भ में बैठक का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्यक्रम के दौरान मेडिकल टीम तैनात रखने, अग्निशमन विभाग को कार्यक्रम स्थल के दोनों छोर पर अग्निशमन टीम तैयार रखने, नगर निगम को रिज मैदान पर साफ-सफाई व सजावट सुनिश्चित करने तथा एसजेपीएनएल को पीने के पानी की उचित व्यवस्था रखने के निर्देश दिये।
अनुपम कश्यप ने कहा कि कार्यक्रम में बहुत से गणमान्य अतिथि व हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे इसलिए सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त दिव्यांशु सिंगल, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) पंकज शर्मा सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

आपदा के समय प्रधानमंत्री हिमाचल आए पर कांग्रेस के झूठी गारंटी वाले भाई-बहन नहीं आए : श्रीकांत

कांग्रेस सरकार के समय टैक्स एक लूट का साधन था

शिमला : भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने संजौली एवं कसुम्पटी ग्रामीण मंडल की संगठनात्मक बैठकों में मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया। प्रदेश प्रभारी  शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा के समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल आए और आपदा प्रभावितों के मिले, पर झूठी गारंटी देने वाले राष्ट्रीय स्तरीय कांग्रेसी भाई बहन नहीं आए। उन्होंने कहा यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री हिमाचल के प्रति कितने संवेदनशील है और वह हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं।

उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर केंद्र से अभी तक 5323 करोड़ रुपए हिमाचल के खाते में आ चुके हैं, 1500 करोड़ प्रधानमंत्री ने धर्मशाला से घोषित किए और 7 राज्य केंद्र मंत्री अपना दौरा कर अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौंप चुके है, पर इस मौके पर हिमाचल प्रदेश में जहां-जहां आपदा आई वहां मुख्यमंत्री, मंत्री और मंत्री मित्र गायब रहे। कल बिलासपुर में भी एक दुखद हादसा हुआ पर मुख्यमंत्री वहां नहीं गए।

शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय टैक्स एक लूट का साधन था, इसलिए कांग्रेस पार्टी को जीएसटी को लेकर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। जबसे प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी देश में लागू किया तबसे टैक्स में लूट समाप्त हुई है। कांग्रेस को टॉफी से लेकर घरेलू सामान पर भी टैक्स लगाती और वो भी टैक्स पर टैक्स। श्रीकांत शर्मा ने जीएसटी से हिमाचल को लाभ की बात करते हुए कहा, हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योग की दृष्टि से वस्त्र उद्योग के अलावा, हिमाचल प्रदेश विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों का केंद्र है, और इन सभी को जीएसटी के युक्तिकरण से लाभ हुआ है। अधिकांश हस्तशिल्प वस्तुओं पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है; इसका राज्य भर के कारीगरों पर सीधा प्रभाव पड़ा है।

चंबा रुमाल कढ़ाई : चंबा रुमाल एक जीआई-टैग वाला, लघु हस्त-कढ़ाई वाला कपड़ा है, जिसे मुख्य रूप से चंबा जिले की महिला कारीगरों द्वारा बनाया जाता है। स्थानीय समूहों की सैकड़ों महिलाएं इसके उत्पादन में शामिल हैं। अब 5% जीएसटी होने से, खरीदारों के लिए लागत कम है, जिससे इन रुमालों की माँग बढ़ सकती है। कर में कटौती शिल्प के सांस्कृतिक मूल्यों की मान्यता और विरासत कला रूपों के प्रचार का भी प्रतीक है।

वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए पांच लाख रुपये

प्रतिनिधिमंडल ने 301 वन रक्षकों को उप-वन राजिक के पद पर पदोन्नति देने पर जताया मुख्यमंत्री का आभार

शिमला : हिमाचल प्रदेश वन अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज वन विभाग के वन बल प्रमुख डॉ. संजय सूद की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से सचिवालय में भेंट की।
प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में वन विभाग में 301 वन रक्षकों को उप-वन राजिक के पद पर पदोन्नति देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर महासंघ ने हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत पांच लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया।
महासंघ के राज्य महासचिव दिनेश शर्मा, प्रतिनिधि और एन.जी.ओ. अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

विक्रमादित्य सिंह का कार्यकर्ताओं से ‘वोट चोर, कुर्सी छोड़’ अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने का आह्वान

शिमला : लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर पार्टी की मजबूती व राहुल गांधी के वोट चोर, कुर्सी छोड़ अभियान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने का आह्वान किया हैं। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा व जनमत का अपमान न हो इसके लिए सभी को जागरूक करना होगा।
आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में शिमला ग्रामीण के वोट चोर,कुर्सी छोड़ हस्ताक्षर अभियान के शुभारंभ अवसर पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के इस अभियान को सफल बनाने के लिये इस हस्ताक्षर अभियान को हर स्तर पर सफल बनाना होगा।
विक्रमादित्य सिंह ने इस अभियान को अपने हस्ताक्षर से शुरू करते हुए शिमला ग्रामीण के हर परिवार को इस मुहिम में जोड़ने के लिये सभी कार्यकर्ताओं से घर घर दस्तक देने को कहा।

संस्कृत भाषा में बसी है भारतीय संस्कृति की आत्मा : राज्यपाल

शिमला : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की आत्मा और सभी भाषाओं की जननी है। खगोल विज्ञान, आयुर्वेद जैसे विज्ञान पर आधारित प्रमुख विषय तथा ज्योतिष एवं योग जैसे विषय हमारे प्राचीन शास्त्रों के अभिन्न अंग हैं।  संस्कृत विकसित भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि यह भारत की शाश्वत परंपराओं और चिकित्सा, भौतिक एवं गूढ़ विज्ञान तथा विभिन्न अन्य विषयों के गहन ज्ञान का भंडार है।
राज्यपाल ने आज लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘विशिष्ट दीक्षांत महोत्सव’ में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
संस्कृत और इसकी विशाल ज्ञान विरासत को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, विशेषकर धर्म ग्रंथों में निहित ज्ञान के प्रति तेजी से जागरूक हो रहा है। यह बढ़ती जागरूकता साबित करती है कि आधुनिकता और प्राचीन संस्कृति समन्वय स्थापित कर आगे बढ़ सकती हैं।
उन्होंने संस्कृत में शिक्षा प्रदान करने और लोगों के बीच इस भाषा को लोकप्रिय बनाने के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्राचीन ग्रंथों पर शोध के महत्व पर बल देते हुए कहा कि जनहित में इनकेे सार को सरल रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि हमारे संतों और विद्वानों ने मानवता, प्रकृति और पृथ्वी के कल्याण के लिए इन ग्रंथों की रचना की। उनके ज्ञान को सभी के लिए सुलभ बनाने से समाज लाभान्वित होगा।
केंद्रीय हिंदी संस्थान के उपाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र दुबे ने भी सभा को संबोधित किया और समकालीन समाज में संस्कृत की प्रासंगिकता पर चर्चा की तथा विश्वविद्यालय की पहल की सराहना की।
इससे पूर्व कुलपति प्रो. मुरली मनोहर पाठक ने मुख्यातिथि और अन्य गणमान्यों का स्वागत किया और संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यपाल ने आचार्य मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, वेद प्रकाश उपाध्याय, बालकृष्ण शर्मा और देवेंद्र नाथ त्रिपाठी और अन्य प्रतिष्ठित संस्कृत के विद्वानों और शिक्षाविदों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया।

उप मुख्यमंत्री आधी रात पहुंचे बस दुर्घटना स्थल भल्लू गांव, शोकाकुल परिवारों से मुलाकात कर उनका दुःख-दर्द साझा किया

मृतकों की संख्या हुई 16, प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश

बिलासपुर : उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने झंडूता तहसील के अंतर्गत ग्राम भल्लू में हुई दर्दनाक बस दुर्घटना स्थल का देर रात लगभग 1 बजे दौरा किया। उन्होंने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों, एनडीआरएफ और पुलिस टीम से घटनास्थल की स्थिति की जानकारी ली और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुःख-दर्द साझा किया। उन्होंने बरठीं अस्पताल में पहुंच कर अपने प्रियजनों को खो चुके शोकाकुल परिवारों से मुलाकात की और उनके प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इस कठिन घड़ी में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी लाने तथा प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।

यह हादसा सोमवार देर शाम उस समय हुआ जब मरोतन से घुमारवीं रूट पर जा रही एक निजी बस भूस्खलन की चपेट में आ गई। इस हृदयविदारक घटना में अब तक 16 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, जबकि दो बच्चे सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए हैं। एनडीआरएफ की टीम ने रातभर चले अभियान में 15 शवों को मलबे से बाहर निकाला जबकि एक बच्चे का शव आज सुबह बरामद किया गया।

उप मुख्यमंत्री अग्निहोत्री जो गत दिवस कुल्लू दशहरा उत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, ने हादसे की सूचना मिलते ही कार्यक्रम बीच में छोड़कर घटना स्थल के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने राहत दलों के साथ समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की।