किन्नौर वेलफेयर सोसाइटी करेगी 5 अप्रैल को तोशिम-2023 का आयोजन

तोशिम का मतलब होता है “मिलन” सम्मेलन अथवा गेट टुगेदर 

सोसाइटी का गठन 2007 में इस उद्देश्य के साथ किया गया था कि अपने सुबे के बाहर रहते हुए भी वे अपनी मिट्टी और जड़ों से किसी ना किसी रूप में जुड़े रहें

अपनी कला से रीति रिवाज, परंपरा, धरोहर का संरक्षण व संवर्धन मूल मकसद में शामिल

तोशिम में किन्नौर के पारंपरिक वाद्य यंत्रों की और कथंग यानी कि वहां की प्रसिद्ध नाटी की झलक देखने को मिलेगी

किन्नौर: किन्नौर वेलफेयर सोसाइटी शिमला शिमला द्वारा बुधवार 5 अप्रैल को तोशिम-2023 का आयोजन करने जा रहा है। शिमला के पीटरहॉफ में शाम 5 बजे से आयोजित होने जा रहे इस तोशिम में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिरकत करेंगे। वहीं प्रदेश के राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में तोशिम में मौजूद रहेंगे। मूलत: तोशिम का मतलब “मिलन” सम्मेलन अथवा गेट टुगेदर होता है। इसे प्राचीन समय से ही मनाने की प्रथा किन्नौर जिले में रही है इस प्रथा के नाम पर अब प्राय: किन्नौर से बाहर अस्थाई रूप से रह रहे यहां के लोग अपने स्तर पर ऐसे सम्मेलनों का आयोजन करने लगे हैं।

 उक्त सोसायटी चेयरमैन डीटी नेगी के मुताबिक इस सोसाइटी का गठन 2007 में इस उद्देश्य के साथ किया गया था कि अपने सुबे के बाहर रहते हुए भी वे अपनी मिट्टी और जड़ों से किसी ना किसी रूप में जुड़े रहें। इसके साथ-साथ अपनी कला से रीति रिवाज, परंपरा, धरोहर का संरक्षण व संवर्धन भी सोसाइटी के मूल मकसद में शामिल है। सोसाइटी जिले में सभी जरूरतमंद छात्रों और मरीजों की मदद रक्त दान शिविर लगाने तथा अन्य सामाजिक कार्यों में सहयोग को लेकर हमेशा सजग और प्रयासरत रहता है।

 ऐसे तोशीम मेल-मिलाप, नाच-गान के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय और उत्कृष्ट उपलब्धि वाले स्थानीय व्यक्तित्व को सम्मानित और ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा भी की जाती है। अपने गठन के 16 साल में मनाए जा रहे तोशिम में किन्नौर के पारंपरिक वाद्य यंत्रों की और कथंग यानी कि वहां की प्रसिद्ध नाटी की झलक भी देखने को मिलेगी।

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