हिमाचल: विधान सभा सचिवालय में 26 विधायकों का प्रशिक्षण शुरू, ई-विधान प्रणाली से कराया जाएगा अवगत

शिमला:   हिमालच  प्रदेश विधान सभा के  अध्यक्ष  कुलदीप सिंह पठानिया ने विधान सभा में 14वीं विधान सभा के लिए प्रथम बार निर्वाचित  हुए सदस्यों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करने से पूर्व  पठानिया ने सदन में आज शहीदी दिवस पर महात्मा गांधी के चित्र पर पुष्पांजली भेंट की। गौरतलब है कि आज गांधी जी  की 76वीं पुण्य तिथि है । इस अवसर पर पठानिया ने गांधी जी के आदर्शों तथा बलिदान को स्मरण करते हुए कहा कि कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें सदैव याद रखेगा। सदन में मौजूद सभी सदस्यों तथा विधान सभा  सचिव ने भी पुष्पांजली भेंट की।

शुभारम्भ अवसर पर अपना सम्बोधन देते हुए पठानिया ने कहा कि यह उदबोधन कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है तथा इसके माध्यम से  सदस्य जहां संसदीय प्रक्रिया के समझने में सफल होगें वहीं संवैधानिक विषयों के बारे भी विस्तृत जानकारी हासिल कर सकेगें।  पठानिया ने सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से सदस्य जान पायेगें कि उनकी क्या जिम्मेदारियां हैं और कैसे वे कम से कम समय तथा शब्दों में अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठा सकते हैं। विधान मण्डल की क्या कार्यप्रणाली है उन्हें कैसे अपने प्रश्नों के माध्यम से अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठाना है तथा कैसे उसका समाधान सदन में चर्चा के माध्यम से ढूंढना है यह सब महत्वपूर्ण रहेगा।

उन्होंने कहा कि दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जहां विधायक विधायन तथा विधायी रूझानों को समझनें का प्रयास करेगें वहीं कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों जैसे:- प्रभावी विधायक कैसे बन सकते हैं, समितियों में आपकी क्या भूमिका होगी, वित्तिय दावे तथा विशेषाधिकार (TA/DA/FTF), बजट दस्तावेजों को समझना तथा अपने राज्य की वित्तिय स्थिति को समझने का सुअवसर मिलेगा।

पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा का एक गरिमामयी इतिहास रहा है। इस  सदन को भूतकाल में विठ्ठल भाई पटेल, मोतीलाल नेहरू, लाला लाजपतराय जैसी महान विभूतियों ने अपने उच्च विचारों तथा प्रेरणामयी वाणी से सम्बोधित किया है।  पठानिया ने कहा कि इस सदन का सदस्य बनना अपने आप में गौरव का विषय है । उन्होंने कहा कि मैं आप सभी का आहवान करना चाहूंगा कि आप इस कार्यक्रम का फायदा सदन की कार्यवाही के दौरान किस तरह कम समय में अधिक मसले नियमों की परिधि में रहकर उठा सकते है के लिए करने का प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि सदस्य प्रशिक्षण के दौरान जान पायेगें कि उनके विषय क्या हैं उन्हें कौन-कौन सी सुविधायें जन कल्याण कार्यों के लिए विधान सभा सचिवालय से  मिलेगी, उनका उत्तरदायित्व क्या है और उनको समितियों की बैठकों में अपनी क्या भूमिका निभानी है तथा सदन की आन्तरिक कार्यप्रणाली व उनका क्या रोल है, हासिल कर सकेंगे।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधान सभा देश की प्रथम विधानसभा है जहां उच्च तकनीक युक्त ई-विधान प्रणाली का 4 अगस्त, 2014 को शुभारंभ हुआ है।  e-Vidhan प्रणाली कागज रहित तथा पर्यावरण मित्र प्रणाली है जिसके लागू होने से जहां हजारों वृक्ष प्रत्येक वर्ष कटने से  बच रहे हैं वही कार्य में पारदर्शिता तथा दक्षता आई है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में ई-विधान प्रणाली लागू होने के उपरान्त ऑनलाइन कार्य चल रहा है।  

कागज का इस्तेमाल वर्जित है जबकि सदस्यों की सुविधा के लिए टचस्क्रीन ई- बुक, टाइम मैनेजमेंट ऐप, डिस्प्ले वॉल पेनलज तथा ई-वोटिंग व ई-नोट्स की व्यवस्था की गई है।

सदन की समितियों का कार्य भी कागज रहित किया गया है तथा मीटिंग का एजेंडा व संबंधित विभागों के उत्तर भी ऑनलाइन हासिल किए जा रहे हैं। ई-निर्वाचन क्षेत्र प्रबंधन के लागू होने से जहां विधायक अधिकारियों तथा जनता से सीधा संवाद कर सकते हैं वहीं कार्य प्रगति तथा अधिकारियों द्वारा उस पर लिए गए निर्णयों को भी मोबाइल ऐप तथा एम.एल.ए. डायरी के माध्यम से उसका अवलोकन कर सकते हैं।

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