एनपीएस कर्मचारियों से मिले सुखविंदर सिंह सुक्खू, बोले-काग्रेस सरकार बनने पर पहला फैसला ओपीएस बहाली का होगा

शिमला: पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारी बीते लंबे समय से आंदोलन पर है। वहीं बीते तीन सप्ताह से वे शिमला में क्रमिक अनशन पर बैठे हुए हैं। लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। हिमाचल कांग्रेस इन कर्मचारियों की मांगों को लगातार उठा रही है। शनिवार को कांग्रेस प्रचार कमेटी के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू अनशन पर बैठे कर्मचारियों से मिलने पहुंचे। सुखविंदर सुक्खू अनशनकारी कर्मचारियों के साथ  धरने पर बैठे।  इस दौरान उनके साथ कांग्रेस मीडिया विभाग के चैयरमैन नरेश चौहान भी थे। सुक्खू ने कर्मचारिचों को आश्वास्त किया है कि सरकार बनते ही कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की जाएगी।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पहले दिन से सरकारी कर्मचारियों के साथ खड़ी है। कर्मचारी चाहे किसी भी  विभाग, यूनिवर्सिटी, सरकारी समितियों और निगमों का हो, कांग्रेस सभी कर्मचारियों के साथ है। कांग्रेस का हमेशा स्टैंड रहा है कि कर्मचारियों की ओल्ड पेशन बहाल की जानी चाहिए।  सुक्खू ने कहा कि वे खुद सरकारी कर्मचारी के बेटे हैं। इसलिए वे कर्मचारियों का दर्द और उनका आत्म सम्मान समझते हैं। उन्होंने कहा कि तीन माह बाद जब उनकी सरकार सता में आएगी तो सबसे पहले वे ओल्ड पेशन स्कीम लाएंगे। यह सब वे अधिकारियों और कर्मचारियों की सहमति से करेंगे। उन्होंने कहा कि  सरकारी कर्मचारी चाहे किसी भी विभाग में रहा है कि उसका हिमाचल के विकास में बड़ा योगदान रहा है। आज हिमाचल में जो भी विकास हुआ है वो कर्मचारियों की देन है। उन्होंने कहा कि छतीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, हिमाचल पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला, सहप्रभारी संजयदत्त  सहित सभी नेताओं ने मंथन किया और इसके बाद दस गारंटियों को जारी किया। दस गारंटियों में भी सबसे पहले ओल्ड पैंशन बहाली  है।

उन्होंने साफ कहा कि ये घोषणा पत्र नहीं बल्कि यह गारंटी है। उन्होंने  कहा कि कांग्रेस ने भाजपा के घोषणा पत्र का भी अध्ययन किया है  और पाया है कि उसमें कोई भी वादे पूरे नहीं किए हैं। प्रचार कमेटी के अध्यक्ष होने के नाते वे यहां आए ताकि कर्मचारियों को आश्वस्त किया जा सके। उन्होंनें कहा कि जहां जहां भी ये कर्मचारी आंदोलन पर बैठेंगे हैं, वहां  कांग्रेस के नेता और विधायक जाएंगे और यह आश्वस्त करेंगे कि कांग्रेस उनके साथ है और तीन माह बाद सरकार बनने पर पुरानी पैंशन बहाल की जाएगी।

 सुक्खू ने कहा कि साठ या  अठावन साल में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को आत्म सम्मान की जिंदगी जीने के लिए पैसा मिलना चाहिए। ताकि इनके परिवार और इनको खर्चा चाले। रिटायरमेंट के बाद सोशल सिक्योरिटी होगी उसमें वे सुरक्षित होंगे। सोशल सिक्योरिटी लागू करना हर सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन अफसोस है कि जयराम सरकार की कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही।

उन्होंने कहा जयराम सरकार भ्रष्टाचार में संलिप्त है। भाजपा नेताओं की गारंटियों और अन्य बयानों पर उन्होंने कहा कि इनको  इतने अहंकार में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता उनको इसका जवाब देगी।

बता दें कि हिमाचल में हिमाचल के नॉन पेंशन स्कीम  कर्मचारी काफी समय से आंदोलन पर  है। कर्मचारियों ने बीते विधानसभा सत्र के दौरान भी प्रदर्शन किया था। लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को मानने से इंकार किया है, इससे अब मजबूरन ये कर्मचारी क्रमिक अनशन कर रहे हैं।

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