धर्मशाला अस्पताल ने जीता कायाकल्प पुरस्कार

शिमला: स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत आंचलिक अस्पताल धर्मशाला को प्रथम कायाकल्प पुरस्कार प्रदान किया गया है, जबकि आंचलिक अस्पताल मण्डी को द्वितीय और क्षेत्रीय अस्पताल नाहन को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि कायाकल्प पुरस्कार राज्य में जन स्वास्थ्य सेवाओं में साफ-सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों का उद्देश्य ऐसी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को प्रोत्साहन देना व पहचान करना है, जो साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण में अनुकरणीय प्रदर्शन करती है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार इस पुरस्कार के लिए वित्तीय वर्ष के दौरान केवल जिला स्तर के अस्पतालों की ही सिफारिश की जाती है तथा ये पुरस्कार अंकों के आधार पर जिला पुरस्कार समिति द्वारा किए गए मूल्यांकन में 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले अस्पतालों को राज्य पुरस्कार समिति को जिलों के बाहरी मूल्यांकन के लिए सिफारिश करती है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये पुरस्कार राज्य पुरस्कार समिति द्वारा बाहरी मूल्यांकन में प्राप्त अंकों के आधार पर तीन उप श्रेणियों में दिए गए हैं। आंचलिक अस्पताल धर्मशाला को 50 लाख रुपये, आंचलिक अस्पताल मण्डी को 20 लाख रुपये और क्षेत्रीय अस्पताल नाहन को प्रशस्ति पुरस्कार के तौर पर 3 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। कौल सिंह ठाकुर ने इन अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, चिकित्सकों एवं समस्त स्टाफ को अच्छे प्रदर्शन एवं पुरस्कार जीतने के लिए बधाई दी है।

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