हिमाचल: अवैध रूप से शराब बेचने वालों के विरुद्ध कार्रवाई जारी…

निरीक्षण के दौरान प्लॉट में भारी अनियमितताएं पाई गई

हिमाचल: विभाग द्वारा मंडी के जोगिंदर नगर स्थित गलु बॉटलिंग प्लांट में गुप्त सूचना के आधार पर परिसर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान प्लॉट में भारी अनियमितताएं पाई गई परिसर में 11000 लीटर स्प्रिट की मात्रा कम है और ब्लेंडिंग स्पिरिट की मात्रा 7000 लीटर अधिक पाई गई । इन अनियमितताओं के चलते विभाग ने उक्त बॉटलिंग प्लांट का लाइसेंस निलंबित कर दिया और विभागीय अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई ।
विभाग द्वारा उपरोक्त प्लांट पर की गई कार्यवाही के बाद संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवम आबकारी मुख्यालय शिमला की अध्यक्षता में टीम गठित करके दिनांक 24 व 25 जनवरी को जिला कांगड़ा के तहसील पालमपुर के राजपुर टांडा में अंग्रेजी शराब के थोक विक्रेता एल 1 ओर एल 13 गोदामो का निरीक्षण किया गया जिसमें पाया गया की लाइसेंसियों द्वारा लाइसेंस में वर्णित शर्तों के अनुरूप रिकॉर्ड नहीं रखा जा रहा था जहाँ अंग्रेजी शराब के स्टाक में अंतर पाया गया वही एल 13 के गोदाम में 5500 पेटियां अधिक पाई गई। उक्त लाइसेंसियों पर आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की गई ।
टीम द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर राजपुर टांडा में ही देसी शराब का एक अवैध गोदाम पकड़ा जिसमें 1656 पेटियां प्योर संतरा थी, इस संबंध में आबकारी अधिनियम की धारा 39 के अंतर्गत मुकदमा बनाकर पुलिस थाना में एफ आई आर दर्ज की गई।
उपरोक्त सभी का backward linkage ढूँढते हुए ई वे बिल की चेकिंग के दौरान मिले इनपुट के आधार पर विभाग ने लॉजिस्टिक फर्म ऊना के रिकॉर्ड की छानबीन की गई तो पाया कि स्पिरिट की अवैध आपूर्ति करने वाले हिमाचल में विभिन्न फर्मों के नाम इथाइल मेडिकल अल्कोहल का आयात कर रहे
थे।
ई वे बिल डेटा एवम जिला मंडी स्थित गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए विभाग ने जिला सिरमौर के काला अम्ब एक औद्योगिक परिसर का निरीक्षण किया । निरीक्षण दौरान पाया गया कि उक्त परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था। उक्त इकाई ने वर्ष 2020-21 में 8.6 करोड रुपए की परचेज ई वे बिल के द्वारा की है और लगभग 4.77 करोड की बिक्री भी दिखाई गई है। इस कंपनी की अन्य इकाई डेनिश लैब के नाम से अंबाला में स्थित है इस फर्म द्वारा माह नवंबर एवम दिसंबर 2021 में चार कंसाइनमेंट जिसमें कि हैंड सैनिटाइजर दर्शाया गया था को सी एम ओ धर्मशाला के नाम पर भेजी है वही तीन कंसाइनमेंट हैंड सैनिटाइजर की राजकीय आयुष कॉलेज पपरोला के नाम भेजी गई थी। काला अम्ब स्थित फर्म डच फॉर्मूलेशन द्वारा भी आयुष कॉलेज पपरोला के नाम पर एक कंसाइनमेंट हैंड सैनिटाइजर की 7.50/- लाख रुपये की ई वे बिल द्वारा दर्शाई गई है। जब इन कंसाइनमेंट की दोनों विभागों से जांच करवाई गई तो पाया कि उक्त विभागों द्वारा हैंड सैनिटाइजर आयात करने का कोई भी आर्डर नहीं दिया गया और ना ही उन्होंने कोई कंसाइनमेंट प्राप्त की है। फर्मों द्वारा जारी किए गए ई वे बिल के अनुसार कुल 58.50/-रुपए की अवैध स्पिरिट की आपूर्ति दिखाई गई है। उपरोक्त फर्मों द्वारा हैंड सेनीटाइजर सप्लाई करने की आड़ में स्पिरिट की आपूर्ति की जा रही थीं इस संबंध में विभाग द्वारा फ़र्म के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज की गई है।

गोवर्धन बॉटलिंग प्लांट में पाई गई अनियमितताओं एवं ऑनलाइन डेटा में उपलब्ध ई वे बिल की जांच से यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं हैंड सैनिटाइजर की आड़ में उपरोक्त प्लांट में स्पिरिट का आयात तो नहीं किया गया।। इस संबंध में गठित टीम द्वारा स्पिरिट आयात के लिए जारी किए गए सभी पास परमिट एवं ई वे बिल की गहनता से जांच की कर रही है।

विभाग द्वारा बीते कुछ माह में आबकारी अधिनियम के अंतर्गत चेकिंग के अंतर्गत 164 मामले अनियमितता के पकड़े गए हैं और इन मामलों में 9.02/- करोड़ के लगभग जुर्माना लगाया है। विभाग पूर्ण रूप से सजग है, और दोषियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही कर रहा है। आबकारी विभाग द्वारा पुलिस विभाग से समन्वय बिठाकर आबकारी अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जा रही है और यह कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी।

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