निगम के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों ने भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री से त्यागपत्र देने की मांग पर जताई कड़ी प्रतिक्रिया

कहा, वीरभद्र सिंह के खिलाफ आधारहीन बयानबाजी करने से बाज आएं भाजपा नेता

शिमला: हिमाचल प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग निगम के उपाध्यक्ष रमेश चौहान, राज्य उद्योग विकास निगम के उपाध्यक्ष अतुल शर्मा तथा राज्य ऊन विपणन संघ के अध्यक्ष रघुवीर सिंह ने कुछ समाचार पत्रो में भाजपा नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से त्यागपत्र देने की मांग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यहां जारी संयुक्त वक्तव्य में उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र में भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार हिमाचल प्रदेश की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित लोकप्रिय कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की घटिया चालें चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश के लोगों द्वारा कांग्रेस को दिए गए इस जनादेश का सम्मान नहीं कर रही है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

चौहान, शर्मा तथा सिंह ने कहा कि विपक्ष के तौर पर भाजपा रचनात्मक भूमिका निभाने में असफल रहने के कारण भाजपा नेता आधारहीन एवं मनघड़ंत वक्तव्य दे रहे हैं ताकि लोगों का ध्यान बांटा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग भली-भांति समझते हैं कि उनका सच्चा हितैषी कौन है और कौन अपने राजनीतिक हित साधने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा में अनेक शक्ति केंद्र उभरने के कारण उनके नेता पार्टी में रहकर अपने को बड़ा दिखाने के लिए उतावले हैं और यही कारण है कि वे इस तरह की मनघड़ंत व अवांछित वक्तव्य जारी कर रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वीरभद्र सिंह प्रदेश के सम्मानित एवं वरिष्ठतम नेता हैं, जिन्होंने पांच दशकों से अधिक समय से प्रदेश की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कद्दावर नेता के खिलाफ बयानबाजी करने से पूर्व उन्हें अपने कद का ध्यान रखना चाहिए और बयानबाजी देने के बजाये प्रदेश के विकास में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी और प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ चट्टान की तरह खड़ी है और वह भाजपा के इस इस दुष्प्रचार से डरने वाली नहीं है।चौहान, शर्मा तथा सिंह ने कहा कि केंद्र में भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार में अपने वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के अनेक मामले होने के कारण अलग-थलक पड़ी भाजपा देश के सबसे वरिष्ठतम नेताओं में से एक झूठे एवं मनघड़ंत मामले बना रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा पूरी तरह बेनकाब हो गई है और मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र इत्यादि राज्यों के भाजपा मुख्यमंत्रियों को बचाने के लिए दोहरे मापदंड अपना रही है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं वरिष्ठ भाजपा नेता तथा केद्रीय विदेश मंत्री कराड़ों रुपये के आईपीएल घोटाले में शामिल वांछित अपराधी की सहायता करने में सीधे तौर पर शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ झूठे मामले बनाए गए और इन्हें लेकर व्यापक दुष्प्रचार किया गया। परन्तु, हर बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह न्यायालयों से पाक साफ होकर निकले। उन्होंने भाजपा नेताओं को परामर्श दिया कि वीभद्र सिंह के खिलाफ इस तरह की आधारहीन बयानबाजी करने बाज आएं, क्योंकि ऐसा करने से उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होगा बल्कि उन्हें ही नुकसान उठाना पड़ेगा।

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