नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेल कर्मचारियों के लिए उत्पादकता से जुड़े बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय द्वारा इस योजना की समीक्षा करने और इसे मंजूरी देने के फलस्वरूप पीएलबी स्कीम की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
(क) किसी भी वर्ष के दौरान उत्पादन (आउटपुट) की गणना समान शुद्ध टन किलोमीटर के जरिए की जाती है। इसके लिए निम्नलिखित को आपस में जोड़ा जाता है :
- कुल माल राजस्व शुद्ध टन किलोमीटर
- गैर-उपनगरीय यात्री किलोमीटर, जो 0.076 के कारक (फैक्टर) द्वारा परिवर्तित किया जाता है।
- उपनगरीय यात्री किलोमीटर, जो 0.053 के कारक (फैक्टर) द्वारा परिवर्तित किया जाता है।
ख. यहां पर इनपुट से आशय अराजपत्रित कर्मचारियों से है (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मचारियों को छोड़कर)। इसमें किसी भी वर्ष के दौरान पूंजी (पिछले तीन वर्षों के औसत से अधिक) में वृद्धिगत बढ़ोतरी/कमी के आधार पर इजाफा होता है। वृद्धिगत पूंजी रोलिंग स्टॉक तक सीमित है, जिसका इस्तेमाल रेलगाडि़यों की आवाजाही में होता है। यहां पर सापेक्ष भारांक दिया गया है, जो ट्रैक्टिव एफर्ट के लिए 0.50, वैगन क्षमता के लिए 0.20 और बैठने की क्षमता के लिए 0.30 है। इसके बाद कामगार संबंधी इनपुट यानि अराजपत्रित कर्मचारियों की संख्या को वृद्धिगत पूंजी में प्रतिशत के लिहाज से हुई बढ़ोतरी तक बढ़ाया जाता है।
- वित्त वर्ष 2010-11, 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के लिए 78 दिनों के वेतन के बराबर सर्वाधिक पीएलबी राशि दी गई थी। इस साल भी अच्छे वित्तीय प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए 78 दिनों के वेतन के बराबर पीएलबी दिया जाएगा। इससे कर्मचारियों को भविष्य में और बेहतर वित्तीय प्रदर्शन हेतु काम करने के लिए प्रेरणा मिलने की आशा है।
- रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के पीएलबी का भुगतान करने से 1030.02 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ने का अनुमान लगाया गया है। पीएलबी पाने के योग्य माने जाने वाले अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को इसके भुगतान के लिए पारिश्रमिक गणना सीमा 3500 रुपये प्रति माह तय की गई है। पीएलबी पाने के योग्य माने जाने वाले रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के लिए अधिकतम 8975 रुपये देय होंगे।
- इस निर्णय से तकरीबन 12.58 लाख अराजपत्रित रले कर्मचारियों के लाभान्वित होने की आशा है।
- रेलवे के उत्पादकता से जुड़े बोनस के दायरे में सभी अराजपत्रित रेल कर्मचारी (आरपीएफ/आरपीएसएफ कर्मचारियों को छोड़कर) आते हैं, जो देशभर में फैले हुए हैं।