करवा चौथ पर पांच साल बाद शुभ योग, सूर्य देव भी देंगे आशीर्वाद
करवा चौथ पर पांच साल बाद शुभ योग, सूर्य देव भी देंगे आशीर्वाद
पूजा का मुहूर्त:
विवाहिताओं के लिए पति की लंबी उम्र की कामना का महापर्व करवा चौथ इस बार कई अच्छे संयोग के साथ आ रहा है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 अक्टूबर रविवार को पड़ रही है। खास बात यह है कि पांच साल बाद फिर इस करवा चौथ पर शुभ योग बन रहा है। करवा चौथ पर इस बार रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा तो रविवार होने से व्रतियों को सूर्यदेव का आशीर्वाद भी मिलेगा. खास तौर पर सुहागिनों के लिए यह अखंड सौभाग्य देने वाला होगा। करवा चौथ के दिन मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय एवं गणेश सहित शिव परिवार का पूजन किया जाता है। मां पार्वती से सुहागिनें अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। इस दिन करवे में जल भरकर कथा सुनी जाती है। महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखकर चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ पूजन सामग्री: करवा चौथ व्रत पूजन के लिए सारी आवश्यक सामग्री एकत्रित कर लेनी चाहिए साथ ही जो भी खरीददारी करनी है कर लेनी चाहिए। इस अल्प समय में पूजा की कोई सामाग्री खरीदने से रह न जाये इस लिए आप इस लिस्ट से अपनी लिस्ट का मिलन जरूर करलें और जो आवश्यक हो उसे नोट भी कर लें। करवा चौथ व्रत में पूजा के लिए मिट्टी का करवा, ढक्कन, लोटा, गंगाजल, काली या पीली मिट्टी, कच्चा दूध, दही, देसी घी, अगरबत्ती, रूई, दीपक, अक्षत, पुष्प, चंदन, रोली, हल्दी, कुमकुम, मिठाई, शहद, बैठने के लिए आसन, इत्र, मिश्री, पान, खड़ी सुपारी, पंचामृत, छलनी, फल, महावर, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ी, कंघा और चुनरी की जरूरत पड़ती है।
पूजा का मुहूर्त: हिंदू पंचांग अनुसार 24 अक्टूबर दिन रविवार सुबह 03 बजकर 01 मिनट पर चतुर्थी तिथि शुरू होगी, जो 25 अक्टूबर सोमवार प्रात: काल 05 बजकर 43 मिनट पर खत्म होगी। चूंकि चतुर्थी में चन्द्रोदयव्यापिनी मुहूर्त 24 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है इसलिए इसमें ही करवा चौथ व्रत रखा जाएगा। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06:55 से 08:51 तक रहेगा। चंद्रोदय का समय रात 8 बजकर 11 मिनट होगा, लेकिन अलग-अलग स्थानों के हिसाब से समय में अंतर आ सकता है।