रामलाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार के जनमंच पर उठाए सवाल...

रामलाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार के जनमंच पर उठाए सवाल… (वीडियो)

शिमला : कांग्रेस विधायक राम लाल ठाकुर ने आज राजधानी शिमला में पत्रकारवार्ता की।  उन्होंने पत्रकारवार्ता के दौरान सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम जनमंच को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय भी प्रशासन जनता के द्वार कार्यक्रम होता था जिसको सरकार ने बदलकर जनमंच का नाम दे दिया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में विधायक द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह जवाब मिला था कि  जनमंच पर जनवरी 2019 तक 1 करोड़ 60 लाख 553 रुपए ख़र्च हुए है। सरकार कहती है कि एक जनमंच पर 2 दो लाख ख़र्च होता है जबकि प्री जनमंच व आफ़्टर जनमंच में अधिकारियों का खर्चा इसमें शामिल नही किया गया है। उन्होंने कहा कि इस जनमंच कार्यक्रम मे जनता के जिन मामलों का निपटारा नही होता उसे उपायुक्त को दे दिया जाता है,जिसका निपटारा उसे 15 दिन के भीतर करना होता है,लेकिन अधिकारी न जनमंच से पहले मिलते है न बाद में वह मिलते है। जिसके चलते उनके मामले अधर में लटक जाते है तथा जनता को जनमंच का लाभ नही मिलता।

वहीं विधायक राम लाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां तक कि आईपीसी व सीआरपीसी के मामले भी जनमंच में उठाये जाते हैं। पुलिस कर्मियों को उन मामलों में पूछताछ की जाती है जिन मामलों की छानबीन चल रही हो। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में जनमंच पर न ही मुख्यमंत्री, मंत्री व अधिकारी को पूछने का हक है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री के मन की बात की तरह ही जनमंच कार्यक्रम है जहां बात बोली जाती है सुनी नही जाती। प्रदेश में सड़कों की हालात ख़स्ता है जब सवाल पूछा जाता है तो रटा रटाया जबाब मिलता है। संपर्क मार्गों का काम नहीं हो पा रहा है। भाजपा प्रवक्ता रणधीर शर्मा पर निशाना साधते हुए ठाकुर ने कहा कि संपर्क मार्गों का पैसा एनएच पर ख़र्च हो रहा है। जब सवाल पूछा जाता है तो मंत्री की जगह प्रवक्ता जबाब देने लगते है। हिमाचल में बरसात से करोड़ों का नुकसान हुआ है किसानों बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन एक भी पैसा राहत के रूप में लोगों को नही मिला है। सरकार जनमंच की परिभाषा बताए व उठाए जाने वाले कामों को सूचीबद्ध करे।

वहीं उन्होंने पालमपुर में पत्र बम्ब पर बोलते हुए कहा कि सरकार यह जांच करे कि इसमें जो आरोप है वह सही है या नही,न कि यह कि यह पत्र कहाँ से आया। सरकार जनता के सामने इन आरोपों की सच्चाई ले कर आये।

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