शिमला : हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से भारी तबाही हुई है। प्रदेश में बीते 24 घंटो में 19 लोगों की मौत हो गई है। जिला शिमला में सबसे ज्यादा 10 मौतें हुई हैं। प्रदेश में सभी नदियां और नाले उफान पर है और जगह-जगह भू-स्खलन हो रहे हैं। शिमला-चंडीगढ़ हाईवे समेत प्रदेश में 400 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं। उधर जुब्बड़हट्टी के गांव सुजाणा में पशुशाला में आए भूस्खलन में दबने से महिला की मौत हो गई। महिला को स्थानीय निवासियों की मदद से पशुशाला से बाहर निकाला गया। महिला की उम्र 40 से 42 साल बताई जा रही है। उधर कुमारसैन में ढारे पर पेड़ गिरने से दो नेपाली मजदूरों की मौत हो गई, जबकि पांच गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में अर्जुन बुद्धा (19) और सन बहादुर (52) शामिल हैं।
पूरे प्रदेश में कई सड़कें और पुल ध्वस्त हो गए हैं। शिमला में भूस्खलन से एक ही परिवार के चार लोग दब गए। चंबा के बंदला में दीवार गिरने से दादा-पोती की मौत हो गई। पूरे प्रदेश में 102.5 मिलीमीटर रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है जो कि 24 घंटो में सबसे ज्यादा बारिश है। भूस्खलन से कालका-शिमला हेरीटेज ट्रैक भी बंद है। सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। घुमारवीं के कसारू में पहाड़ी दरकने से आठ मकान ध्वस्त हो गए हैं। कई पशु दब गए हैं। क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है।
भारी बारिश से हुए भूस्खलन और पेड़ गिरने से अभी तक शिमला में 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जिसमे एक व्यक्ति की मौत हाटकोटी में ट्रक पर चट्टानों के गिरने से हुई, जबकि दूसरा मौत से जंग लड़ रहा है। एक मौत सेमिट्री में घर में मलबा आने से हुई, जबकि इसका दूसरा साथी अस्पताल में अंतिम साँसे गिन रहा है। 3 मौतें शिमला
के आरटीओ ऑफिस के पास भूस्खलन से हुई है। जहाँ दो बेटियों सहित मां मलबे के नीचे दब गईं, जबकि पिता आईजीएमसी में गंभीर हालत में है। जबकि ठियोग में नाला पार करते हुए दो नेपाली महिलाएं बह गई। इसी के साथ नारकंडा में घर पर पेड़ गिरने से दो नेपाली व्यक्तियों की मौत हो गई। जबकि 5 घायल हो गए।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारी बारिश से अब तक प्रदेश में 490 करोड़ रूपए का नुक्सान हुआ जबकि 19 लोगों की मौत हो गई है। सरकार ने प्रशासन को अलर्ट पर रखा है और अगर कहीं हेलीकाप्टर की जरुरत महसूस हुई तो हेलीकाप्टर को भी रेस्क्यू के लिए लाया जायेगा।