मिड-डे मील के दौरान ग्रीन वेस्ट को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार को जारी किया नोटिस

मिड-डे मील के दौरान ग्रीन वेस्ट को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार को जारी किया नोटिस

  • ग्रीन वेस्ट को ठिकाने लगाने के दिए निर्देश

शिमला : बायोडिग्रेडेबल एंड नॉन डिग्रेडेबल ठोस कूड़ा बड़ी समस्या बनता जा रहा है। वहीं मिड-डे-मील योजना के तहत 15 हजार 500 स्कूलों में ग्रीन वेस्ट का उपयुक्त निपटारा नहीं हो रहा है। इसकी वजह से यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।

मिड-डे-मील प्रदेश के प्राइमरी व अप्पर प्राइमरी स्कूलों के पहली से आठवीं तक के 5 लाख से ज्यादा छात्रों के लिए पकाया व परोसा जाता है। इस कार्य के लिए स्कूल प्रबंधन कमेटियों ने 21 हजार 753 मिड-डे-मील वर्कर तैनात किए गए हैं। मिड-डे-मील की सर्विंग व कुकिंग की वजह से बढ़ रहे ग्रीन वेस्ट मसले पर एनजीटी सख्त हो चुका है।

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दिए जाने वाले मिड-डे मील के दौरान ग्रीन वेस्ट को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार को नोटिस जारी किया है। हालांकि इस संदर्भ में किसी ने भी एनजीटी से शिकायत नहीं की है, लेकिन मिड-डे मील के दौरान स्कूल प्रबंधनों द्वारा ग्रीन वेस्ट का सही प्रयोग न करने पर एनजीटी ने सरकार को नोटिस जारी कर ग्रीन वेस्ट के निपटारे के लिए ठोस प्रस्ताव मांगा है।

एनजीटी ने मिड-डे-मील योजना के तहत खराब सब्जियों, फलों एवं व्यर्थ भोजन से तैयार हो रहे ग्रीन वेस्ट को ठिकाने लगाने के लिए भी निर्देश जारी किए हैं। एनजीटी ने इसके निपटारे के लिए स्कूलों के समीप गड्ढा खोद कर इसे डंप करने के लिए कहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि इसकी वजह से प्रदूषण तो नहीं फैल रहा है। एनजीटी ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को निर्देश जारी किए हैं कि वह सभी प्राइमरी, अप्पर प्राइमरी के उपनिदेशकों के साथ-साथ ब्लॉक प्राइमरी अफसरों के तहत सभी स्कूलों में एनजीटी (NGT) के आदेशों की पालना सुनिश्चित करवाएं और एसएमसी की सहायता से स्कूलों के किनारे गड्ढे के लिए उपयुक्त स्थान देखकर ग्रीन वेस्ट Green Waste) को सही तरीके से डंप करें।

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