शिमला: हिमाचल के जिला चंबा, लाहौल और कुल्लू के एक-एक गांव के लोगों ने मतदान का पूर्ण बहिष्कार किया। चंबा के चुराह की आयल पंचायत के साहू बूथ में सड़क न होने के चलते मतदान का बहिष्कार किया गया। यहां भी कोई वोट नहीं पड़ा। कुल्लू की ऊझी घाटी के मेहा बूथ में सड़क की बदहाली पर वोट नहीं डाले गए। यहां 372 में से सिर्फ पोलिंग कर्मचारियों और दो ग्रामीणों ने वोट डाले। वहीं, चंबा के किहार में स्नूह पोलिंग बूथ-2 के बाहर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। बूथ बदलने से 300 मतदाताओं को वोट डालने के लिए दस किलोमीटर दूर आना पड़ा। तीन किलोमीटर की चढ़ाई चढ़ने के बाद वे यहां पहुंचे। कांगड़ा के नगरोटा बंगवा के समलोटी मतदान केंद्र में ईवीएम खराब होने से दो घंटे देरी से मतदान शुरू हुआ। गुस्साए लोग बिना वोट डाले चले गए।
चीन सीमा से मात्र 10 किमी दूर लाहौल स्पीति के ग्यू गांव के बाढ़ प्रभावित लोगों ने सुरक्षा दीवार न लगाने पर वोट नहीं डाले। इस गांव में 500 साल पुरानी बौद्ध भिक्षु की प्राकृतिक तरीके से बनाई गई ममी है। यहां 167 मतदाता हैं, एक भी ग्रामीण ने वोट नहीं डाला। मात्र पांच पोलिंग कर्मियों ने मतदान किया।