योजना के तहत किसानों व बागवानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड़ न होने पर बाल्दी ने जताई नाराजगी

योजना के तहत किसानों व बागवानों का डाटा पोर्टल पर अपलोड़ न होने पर बाल्दी ने जताई नाराजगी

  • किसानों का डाटा फसल बीमा पोर्टल पर शीघ्र अपलोड करें बैंकः डा. बाल्दी
  • ऋण प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता पर बल

शिमला: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तथा संशोधित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों व बागवानों का डाटा भारत सरकार के फसल बीमा पोर्टल पर अपलोड़ न किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने कहा कि किसानों को योजना का लाभ समय पर नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि डाटा अपलोड़ न होने से केन्द्र सरकार से बीमा राशि प्राप्त नहीं हो रही है। उन्होंने बैंकों से यह डाटा एक सप्ताह के भीतर ऑनलाईन अथवा ऑफ-लाईन अपलोड़ करने को कहा, अन्यथा बीमा राशि की रिकवरी सम्बन्धित बैंक प्रबन्धकों से की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत कवरेज केवल 14 प्रतिशत है और दावे भी बहुत कम है।

डॉ. बाल्दी आज यहां राज्य स्तरीय बैंकर समिति की 147वीं समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। राज्य सरकार द्वारा 2018-19 के बजट में की गई प्रमुख घोषणाओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना की घोषणा की गई है, जिसके अन्तर्गत 25 प्रतिशत निवेश अनुदान का प्रावधान है। इसी प्रकार, मुख्यमंत्री आजीविका योजना भी पहली अप्रैल से शुरू होगी, जिसके अन्तर्गत निवेश के लिए 80 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और 30 लाख रुपये तक ऋण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी क्षेत्र का विकास करना राज्य सरकार की प्राथमिक विकास कार्य सूची में है। उन्होंने कहा कि सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 250 करोड़ बजट के साथ नई योजना ‘जल से कृषि को बल’ की घोषणा की गई है। इसके अतिरिक्त, दो अन्य योजनाएं ‘बहाव सिंचाई योजना’ और ‘सौर सिंचाई योजना’ को शुरू किया गया है।

राज्य सरकार ने उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निवेश बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाने का प्रयत्न किया है। उद्योगों के लिए पट्टे की अवधि को 30 साल से बढ़ाकर 90 साल किया गया है। इसके साथ स्थानीय उद्यमों और राज्य के युवाओं को स्वाबलम्बी बनाने के लिए ‘मुख्यमंत्री स्वाबलम्बन योजना’ तथा ‘मुख्यमंत्री आजीविका योजना’ को लागू किया गया है।

डॉ. बाल्दी ने प्रायोजित योजनाओं में ऋण प्रदान करने के लिए प्रक्रिया के सरलीकरण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बैंक कृषि व बागवानी क्षेत्रों के साथ-साथ स्वरोज़गार के क्षेत्र में ऋणों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि बैंकों की कमी वाले क्षेत्रों में लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है। इस दिशा में बैंकों को वैकल्पिक प्रयास करने चाहिए। उन्होंने भू-अभिलेखों को ऑनलाईन करने को कहा ताकि किसान अनावश्यक औपचारिकताओं से बच सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान को ऋण के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी बैंकों को जिला स्तर की बैठकों में आवश्यक रूप से भाग लेना चाहिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बैंकों से आगामी 31 मार्च तक शत-प्रतिशत खातों को आधार से जोड़ने को कहा। उन्होंने कहा कि बीमा दावों का निपटारा समयबद्ध किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, अटल पैंशन योजना में कम नामांकन पर भी उन्होंने चिन्ता जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत राज्य में 27 लाख लोगों को शामिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बैंक खातों में भुगतान के लिए डिजिटल प्लेटफोर्म के उपयोग और कम नकदी समाज बनाने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान कर रही है। उन्होंने लोगों से नकदी मुक्त भुगतान के लिए बैंकों द्वारा प्रदान की जा रही विभिन्न सेवाओं को डिजिटल उत्पादों का उपयोग करने की अपील की।

 

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