शिमला: आगामी वित्त वर्ष के लिये मुख्यमंत्री आवास योजना में 42 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिसके अंतर्गत सामान्य श्रेणी के बी.पी.एल. परिवारों को आवास सहायता प्रदान की जाएगी। यह जानकारी ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार गांवों का समग्र विकास सुनिश्चित बनाने के लिये प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि राज्य प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से काफी संवेदनशील है और इन आपदाओं के कारण प्रायः लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। उन्होंने ऐसे आवासों के पुनर्निमार्ण के लिये इस योजना के अंतर्गत धन-राशि तुरन्त प्रदान करने की घोषणा के लिये मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। इसके अलावा, राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना तथा कल्याण विभाग के माध्यम से भी आवास योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं ताकि गरीब लोगों को आवास की सुविधा प्रदान की जा सके। विभिन्न आवास योजनाओं के लिए 2018-19 में 150 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। मंत्री ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत अकुशल कामगार को 100 दिनों का रोजगार प्रदान किया जा रहा है। राज्य में सूखे की स्थिति को देखते हुए आगामी वित्त वर्ष के दौरान रोजगार की संख्या को 100 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन करने का प्रावधान किया गया है। अतिरिक्त दिनों पर आए व्यय का वहन प्रदेश सरकार करेगी। इसी प्रकार, स्वयं सहायता समूहों को और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उनके रिवॅाल्विंग फंड को मौजूदा 25000 रुपये से बढ़ाकर 40000 रुपये किया गया है।
कंवर ने कहा कि राज्य सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन को लागू करने पर ध्यान देगी। मनरेगा में बेहतर पानी निकासी के लिये सड़क के साथ नालियों व मकानों के साथ छोटे पिट का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों के दौरान मनरेगा तथा स्वच्छ भारत के संसाधनों के उपयोग से पूरे प्रदेश में ठोस तथा तरल कचरा प्रबंधन की प्रभावी व्यवस्था स्थापित की जाएगी।