देवताओं की घाटी कुल्लू , हिमालय की शान मनाली

देवताओं की घाटी कुल्लू , हिमालय की शान मनाली

बिजली महादेव मंदिर

बिजली महादेव मंदिर

पर्यटन स्थल: रघुनाथजी मंदिर, बिजली महादेव मंदिर, कुल्लु दशहरा, वॉटर और एडवेंचर स्पोर्ट, कुल्लु के आसपास दर्शनीय स्थल, नग्गर, जगतसुख, देव टिब्बा, बंजार, मनीकर्ण और रुमसू।

रघुनाथजी मंदिर: इसी बीच कुल्लू के राजाओं की देवी हिडिंबा को मनाली से लाया जाता है। हिडिंबा का मंदिर मैदान से 45 किमी दूर है। देवी के पहुंचे बिना उत्सव प्रारंभ नहीं होता। दूसरी ओर समीपवर्ती सुलतानपुर के मंदिर से खूबसूरती से सजाए गए लकड़ी के रथ में श्री रघुनाथ जी को बैठाकर मेला मैदान में लाया जाता है। उनके पहुंचने पर अन्य सभी देवी-देवता रघुनाथ जी के चारों ओर घेरा बना कर खड़े हो जाते हैं। सुगंधित जल छिडक़ा जाता है। कुल्लू और शांगरी राजवंश के लोग प्राचीन परंपरा के अनुसार श्री रघुनाथ जी और अन्य देवी-देवताओं की बार-बार परिक्रमा करते हैं। इसके बाद श्रद्धापूर्वक श्री रघुनाथ जी के रथ को रस्सों से खींचते हुए मैदान के एक ओर ले जाया जाता है, जहां वह सात दिन तक रहते हैं। सभी देवी-देवताओं को उत्सव संपन्न होने तक मैदान में ही प्रतिष्ठित कर दिया जाता है। सारा वातावरण कई घंटों तक ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की ध्वनि से गूंजता रहता है। पहले दिन का पूरा कार्यक्रम शाम होने से पहले ही संपन्न हो जाता है। मलाणा के जामलू देवता भी इस अवसर पर आते हैं, परंतु वह पास ही बहती ब्यास नदी के दूसरी ओर ही रहते हैं और सातों दिन का कार्यक्रम देखते हैं। यह स्थान ढालपुर मैदान के ठीक सामने है। इस मंदिर का निर्माण राजा जगत सिंह ने 17वीं शताब्दी में करवाया था। कहा जाता है कि एक बार उनसे एक भयंकर भूल हो गई थी। उस गलती का प्रायश्चित करने के लिए उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां भगवान श्री रघुनाथजी अपने रथ पर विराजमान हैं। इस मंदिर में स्थापित रघुनाथ जी की प्रतिमा राजा जगत सिंह ने अयोध्या से मंगवाई थी। आज भी इस मंदिर की शोभा देखते ही बनती है।

बिजली महादेव मंदिर : कुल्लू से 14 किमी. दूर पहाड़ी पर बना यह मंदिर यहां का प्रमुख धार्मिक स्थल है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई चढऩी पड़ती है। यहां का मुख्य आकर्षण 100 मी. लंबी ध्वज़ (छड़ी) है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो यह सूरज को भेद रही हो। इस ध्वज़ (छड़ी) के बारे में कहा जाता है कि बिजली कडक़ने पर इसमें जो तरंगे उठती हैं वे भगवान का आशीर्वाद होता है। इस ध्वज पर लगभग हर साल बिजली गिरती है। कभी-कभी मंदिर के अन्दर शिवलिंग पर भी बिजली गिरती है जिस से शिवलिंग खंडित हो जाता है। पुजारी खंडित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ते हंै जिस से शिवलिंग फिर सामान्य हो जाता है। इस मंदिर से कुल्लू और पार्वती घाटी का खुबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है।

पुरे देश में प्रसिद्ध कुल्लु का दशहरा

पुरे देश में प्रसिद्ध कुल्लु का दशहरा

कुल्लु दशहरा: कुल्लु का दशहरा पुरे देश में प्रसिद्ध है। इसकी खासियत है कि जब पूरे देश में दशहरा खत्म हो जाता है तब यहां शुरु होता है। देश के बाकी हिस्सों की तरह यहां दशहरा रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन करके नहीं मनाया जाता। सात दिनों तक चलने वाला यह उत्सव हिमाचल के लोगों की संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक है। उत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ जी की रथयात्रा निकाली जाती है। यहां के लोगों का मानना है कि करीब 1000 देवी-देवता इस अवसर पर पृथ्वी पर आकर इसमें शामिल होते हैं। हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में यूं तो साल भर कोई न कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम होता रहता है, परंतु दशहरे का समय यहां के लिए खास तौर से उत्सवी हो जाता है। देश में जिन उत्सवों को देखने के लिए भारत ही नहीं, विदेशों से भी पर्यटक आते हैं उनमें कुल्लू के दशहरे का प्रमुख स्थान है। दशहरा यहां अनूठे ढंग से मनाया जाता है। कुल्लू दशहरे की खासियत यह है कि यह विजयदशमी को शुरू होता है, जबकि भारत के अन्य प्रांतों में दशहरा संपन्न होता है। सात दिन चलने वाले इस उत्सव के अंत में यहां रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले नहीं जलाए जाते। बल्कि बुराई के प्रतीक स्वरूप लंका का दहन जरूर किया जाता है। कुल्लू दशहरे का आयोजन ढालपुर मैदान में होता है। कुल्लू घाटी के अतिरिक्त सेराज और रूपी घाटियों तथा अनेक अन्य गांवों से स्थानीय लोग अपने देवी-देवताओं को मंदिरों से बाहर निकालते हैं। बड़ी श्रद्धा और पवित्रता से उन्हें सुंदर सजी पालकियों में बैठाया जाता है। इसके बाद पारंपरिक ढंग से पुजारी और उनके शिष्य तथा भक्तगण पालकियों के साथ ढालपुर मैदान की ओर ढोल-नगाड़े व तुरी आदि बजाते हुए चल पड़ते हैं।

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28 Responses

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  1. lalu prasad
    Jun 17, 2016 - 02:09 PM

    sardi ke mausam me vaha par log kaise rahte hoge………

    Reply
    • मीना कौंडल
      Jun 17, 2016 - 05:28 PM

      मौसम अनुसार यहाँ के लोग पहले ही अपने रहन-सहन का पूरा इंतजाम समयानुसार कर लेते हैं

      Reply
      • Atul singh
        Oct 28, 2016 - 12:35 AM

        Khubsurat

        Reply
      • ram sagar maurya
        Dec 14, 2016 - 07:39 AM

        15 january se 21 january tak manali kullu aane ka samay thik hai.

        Reply
        • मीना कौंडल
          Dec 14, 2016 - 07:36 PM

          जी बिल्कुल ठीक है

          Reply
          • diya
            Mar 30, 2017 - 11:33 AM

            Hello,
            Kya August main bhi aaskte hai,,,,, sbse accha konsa month hota h wnha ghumane ka…

  2. Khushi
    Jun 22, 2016 - 10:20 AM

    Nice👍🏻

    Reply
    • मीना कौंडल
      Jun 22, 2016 - 06:20 PM

      धन्यवाद जी।

      Reply
  3. L.Pd. Meena
    Jun 30, 2016 - 11:55 PM

    हमारा एक मित्र जो 13 जुलाई को शादी करके कुल्लू जा रहा है हनीमून के लिए और उनके साथ हम भी जा रहे है घूमने के लिए , तो क्या आप हमको बतेयेंगे कि कैसा लगता है कुल्लू में सैर करने के बाद।
    कृपया आप हमे अपना अनुभव बताने का कष्ट करें।
    आपका आभारी

    Reply
    • मीना कौंडल
      Jul 01, 2016 - 01:16 PM

      आपका हिमाचल की हसीन वादियों में स्वागत है। आप से हम इतना ही कह सकते हैं कि आप कुल्लू-मनाली पहली बार आ रहे हैं तो यहां एक बार आने के बाद आप बार-बार आने के लिए उत्सुक रहेंगे। धन्यवाद

      Reply
  4. sunilkandela@gmail.com
    Jul 10, 2016 - 09:46 PM

    कुल्लू मनाली की सही जानकारी देने के लिए बहुत धन्यवाद।अगले वर्ष निश्चय तौर कुल्लू मनअली के दौरे पर आएँगे।

    Reply
    • Faiz ahmed
      Aug 09, 2016 - 11:43 PM

      My children wants to play snow. So Feb or march me my waha barf snow rehta h ?

      Reply
      • मीना कौंडल
        Aug 10, 2016 - 08:16 PM

        जी हाँ, दिसम्बर, जनवरी, फरवरी में आप यहाँ आकर बर्फ का आनंद ले सकते हैं। और मार्च में भी कभी-कभी बर्फ यहाँ बर्फ गिरती हैं। हमेशा नहीं

        Reply
  5. golu chouhan
    Nov 23, 2016 - 10:33 AM

    Kullu jane ka acha mhina konsa h snow fal kb hota h

    Reply
    • मीना कौंडल
      Nov 23, 2016 - 06:37 PM

      दिसम्बर से मार्च, लेकिन बर्फबारी का आनंद लेने के लिए कुल्लू के साथ-साथ मनाली जरुर जाएँ।

      Reply
  6. Sandeep sharma
    Dec 02, 2016 - 09:11 AM

    Hello mam
    Kya aap bta sakti h ki rohtang January me ja sakte h ya Nahi?

    Reply
    • मीना कौंडल
      Dec 02, 2016 - 06:53 PM

      जी नहीं, रोहतांग छ: महीने के लिए बंद हो गया है

      Reply
      • Dr. R.M. Sharma
        Dec 06, 2016 - 07:33 PM

        नमस्कार मैम ।
        हम 12 se 17 December तक 56 लोगों का गुरू्प educational tour पर आ रहे है । इस समय मौसम कैसा रहने की सँभावना है ??

        Reply
        • मीना कौंडल
          Dec 06, 2016 - 07:46 PM

          फ़िलहाल अभी तक तो साफ है।

          Reply
  7. pinkidev
    Dec 04, 2016 - 10:56 AM

    Ji madam namskar main with family 30 dec to 1jan17 tak kon si jagh jaaker sanowfall ka maja le sakta hoon aur therne ka sahi intjaam kya h

    Reply
  8. Alok Dixit
    Dec 23, 2016 - 06:38 PM

    मै जनवरी में मनाली आना चाहता हूँ । क्या ये समय वहां घूमने के लिए सही है???

    Reply
    • मीना कौंडल
      Dec 24, 2016 - 06:37 PM

      जी बिल्कुल, सही समय है। आप जनवरी में मनाली घूमने आ सकते हैं और बर्फबारी का आनंद भी ले सकते हैं।

      Reply
  9. suneel Kumar
    Jan 30, 2017 - 05:58 PM

    रोहतांग कब से कब तक जा सकते है।क्या वहाँ मई के अंतिम सप्ताह में बर्फबारी देखने को मिल सकता है।

    Reply
  10. diya
    Mar 30, 2017 - 11:36 AM

    Hello, wanha aane ka sbse accha konsa month h….Kya August m bhi aaskte h…

    Reply
    • मीना कौंडल
      Mar 30, 2017 - 12:12 PM

      आप किसी भी महीने कुल्लू आ सकते हैं। अगस्त में तो यहाँ का मौसम और भी सुहावना होता है।

      Reply
  11. Rajesh
    Apr 29, 2017 - 04:34 PM

    Rohtang pass ka experience jaroor lijiye
    Ice n ice everywhere

    Reply
  12. Dinesh Singh
    May 28, 2017 - 08:22 PM

    देव भुमि पर अद्भुत नजारा

    Reply
  13. Nitin
    Jun 21, 2017 - 10:29 PM

    Hallo mam mii simla kullu manali july month me aana chahta hu kya acha rhega
    Bhut log bole baris ka musam hiii risk hii jana aap plz kuch bataiy

    Reply

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