सरकार लड़कियों की शिक्षा के लिये कृतसंकल्प : मुख्यमंत्री

  • जब हम एक पुरूष को शिक्षित करते हैं, तो केवल एक व्यक्ति ही शिक्षित होता है, लेकिन जब एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो एक पीढ़ी शिक्षित होती है’ : वीरभद्र सिंह
  • मुख्यमंत्री ने की पोर्टमोर स्कूल के वार्षिक समारोह की अध्यक्षता

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि ‘जब हम एक पुरूष को शिक्षित करते हैं, तो केवल एक व्यक्ति ही शिक्षित होता है, लेकिन जब एक महिला को शिक्षित करते हैं, तो एक पीढ़ी शिक्षित होती है’। अमेरिकन उपनिवेशवादी एवं संत, ब्रीघम यंग का यह कथन लड़कियों को शिक्षित करने की महत्ता को रेखांकित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा शक्तिशाली हथियार है, जो पीढ़ियों में बदलाव ला सकता है और ‘मेरा मानना है कि व्यक्ति शिक्षा से देश का एक अनुभवी नागरिक बन सकता है और इसके विकास में बेहतर योगदान कर सकता है’। शिक्षा से हृदय एवं मस्तिष्क आलोकित होता है, जिसका व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व, निजी उन्नति एवं अनुशासन पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार लड़कियों को शिक्षित करने के प्रयास कर रही है और इसके दृष्टिगत उन्हें घरद्धार के समीप मूल अध्ययन एवं उच्च शिक्षा की सुविधा प्रदान करने के लिए ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में अनेक पाठशालाएं तथा कालेज खोले गए हैं। राज्य की साक्षरता दर, जो वर्ष 1971 में 31.71 प्रतिशत थी, आज बढ़कर 84 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री शिक्षक सम्मान योजना’ के अन्तर्गत सरकार ने उन अध्यापकों की सेवाओं में एक वर्ष का विस्तार प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने गत पांच वर्षों के दौरान बोर्ड की परीक्षाओं में लगातार 100 प्रतिशत परिणाम दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा विकसित करने तथा पाठशालाओं में अध्ययन गतिविधियां सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ‘राजीव गांधी डिजिटल योजना’ के अन्तर्गत 10वीं तथा 12वीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को नेट बुकस प्रदान करने के अतिरिक्त अनेक छात्रवृति योजनाएं आरम्भ की गई हैं।

उन्होंने कहा कि ‘मुख्यमंत्री ज्ञानदीप योजना’ के अन्तर्गत बैंकों से शिक्षा ऋण प्राप्त करने वाले सभी हिमाचली विद्यार्थियों को ब्याज में 4 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, एम्स, आईआईटी इत्यादि जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 75 हजार रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। वीरभद्र सिंह ने पाठशाला में सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के लिए 50 हजार रुपये की राशि की घोषणा की और छात्रावास के रसोई घर का विस्तार करने के निर्देश दिए। उन्होंने पाठशाला परिसर में एक ‘कॉमन रूम’ के निर्माण की घोषणा भी की। उन्होंने स्कूल स्मारिका का विमोचन भी किया और खेलों, शैक्षिक तथा अन्य गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार भी वितरित किए। इससे पूर्व, स्कूल की प्रधानाचार्य निशा भलुणी ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी और मुख्यमंत्री को स्कूल की वार्षिक गतिविधियों के बारे अवगत करवाया। लड़कियों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की मुख्यमंत्री ने बड़ी सराहना की।

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