वीरभद्र सिंह का महर्षि वाल्मिकी के आदर्शों के अनुसरण पर बल

मुख्यमंत्री ने वाल्मिकी जयंती के अवसर पर सभा की ओर से एक केक भी काटा।

मुख्यमंत्री ने वाल्मिकी जयंती के अवसर पर सभा की ओर से एक केक भी काटा।

शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार वाल्मिकी मंदिर कृष्णा नगर (शिमला) की भूमि महर्षि वाल्मिकी समुदाय को हस्तांतरित करने पर विचार करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि समुदाय के लोगों को उनके ढारों को खाली करने को नहीं कहा जाएगा, जब तक उनके पास अपने घर न हो। मुख्यमंत्री वाल्मिकी सभा शिमला द्वारा आज यहां आयोजित ‘प्रकाश उत्सव’ में भाग लेते हुए बोल रहे थे। यह उत्सव वाल्मिकी जयंती समारोहों का एक भाग है। उन्होंने सभा के नाम मंदिर भूमि के हस्तांतरण संबंधी दस्तावेज सरकार को प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेगी। वार्ड में आवासीय कालोनी के निर्माण में देरी पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए जाएंगे और साथ ही क्षेत्र के सौंदर्यीकरण का समुचित प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ढारों में रह रहे लोगों के लिए पानी तथा बिजली के कनेक्शन पहले ही बहाल कर दिए थे और भविष्य में इनके उपयुक्त पुनर्वास के प्रयास किए जाएंगे।

वाल्मिकी जयंती के अवसर पर लोगों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने महर्षि वाल्मिकी द्वारा स्थापित आदर्शों, जिन्हें बाद में महात्मा गांधी ने समाज के पिछड़े वर्गों व दलितों के उत्थान के लिए प्रसारित किया, का अनुसरण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मिकी एक महान आत्मा थे, जिन्होंने भारतीय महाकाव्य रामायण लिखी, जो आज भी प्रेरणा एवं मार्गदर्शन का एक बड़ा स्त्रोत है। मुख्यमंत्री ने डा. वी.आर. अम्बेदकर के योगदान को भी याद किया और कहा कि वह न केवल भारतीय संविधान के निर्माता थे, बल्कि एक महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने कहा कि डा. अम्बेदकर के छुआछूत तथा जाति, भेदभाव जैसी सामाजिक बुराईयों को समाप्त करने के प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि वह आजीवन दलितों तथा अन्य पिछड़ा वर्गों के हक के लिए लड़ते रहे। यह उनकी दूरदर्शिता एवं योग्यता थी कि डा. अम्बेदकर पंडित जवाहर लाल नेहरू मंत्रिमण्डल में भारत के प्रथम कानून मंत्री नियुक्त किए गए।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान धर्म, जाति अथवा सम्प्रदाय पर आधारित नहीं है तथा सभी नागरिकों को समान अधिकार एवं अवसर प्रदान करता है, जिससे वह अपनी इच्छा व स्वतंत्रता से जी सकते हैं। उन्होंने बल देते हुए कहा कि राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता तभी कायम रह सकती है, यदि सभी धर्मों एवं सम्प्रदायों के लोग सौहार्दपूर्ण रहते हों। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ ताकतें सदैव ही सामाजिक परिवेश को परेशान करने में लगी रहती हैं और ऐसी ताकतों के विरूद्ध एक जुट कार्य करने की आवश्यकता है ताकि देश की धर्मनिर्पेक्षता को बनाया रखा जा सके। मुख्यमंत्री ने खुशी जाहिर की कि बीते वर्षों के मुकाबले आज वाल्मिकी समुदाय खुशहाली के मार्ग पर आगे बढ़ा है और अनेक ऐसे उदाहरण हैं, जहां समुदाय के लोग उच्च पदों पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के प्रयास किए जाने चाहिए, जो सफल जीवन का मूल मंत्र है। उन्होंने  वाल्मिकी जयंती के अवसर पर सभा की ओर से एक केक भी काटा। कृष्णा नगर वार्ड की पार्षद रजनी सिंह ने सभा की ओर से मुख्यमंत्री को सम्मानित किया तथा अपने वार्ड की मांगें रखीं।

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