केन्द्र सरकार से मिल रही धनराशि का प्रदेश सरकार जनहित में सही ढंग से खर्च कर पाने में नाकाम : प्रो. धूमल

  • भाजपा के पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत : प्रो. धूमल

शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि केन्द्र सरकार से आपदा प्रबन्धन के लिए मिल रही धनराशि का प्रदेश सरकार जनहित में सही ढंग से खर्च कर पाने में नाकाम साबित हो रही है। हिमाचल प्रदेश को एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड) के तहत वर्ष 2010-15 के लिए मात्र 650.30 करोड़ रू. मिले थे, जबकि मोदी सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 2015-20 के लिए 1304 करोड़ रू. स्वीकृत किए हैं, जो पूर्व की तुलना में दुगनी राशि है। इसी तरह एनडीआरएफ के तहत 2014-15 के लिए 71.534 करोड़ रू. स्वीकृत हुए थे, परन्तु सरकार भारी वर्षा से हुए लोगों के नुकसान की भरपाई करने में असफल सिद्ध हुई है।

प्रो. धूमल ने कहा कि पूर्व भाजपा कार्यकाल में प्रदेशभर में 4 लाख 50 हजार सोयल हैल्थ कार्ड बने थे। मोदी सरकार ने इस कार्य में तेजी लाने के लिए 453.85 करोड़ रू0 का धन आंबटित किया है, परन्तु इतने धन की स्वीकृति के बावजूद प्रदेश कांग्रेस सरकार पूर्व की तुलना में नगण्य है। इसी तरह भाजपा ने अपने कार्यकाल के पहले चार वर्षों में 8740 पॉलीहाउसों का निर्माण किया था, जबकि वर्तमान सरकार इस समयावधि में 879 पॉलीहाउस ही बना पाई है।

प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कांग्रेस सरकार द्वारा बैक डोर से और चिटों पर नौकरियां दिये जाने के अपने आरोपों को दोहराते हुए कहा कि भाजपा के पास अपने आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। कांग्रेस ने अगर कोई भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार नौकरियां देते समय नहीं किया है तो वह कांग्रेस सरकार को चुनौती देते हैं कि भाजपा के आरोपों की जांच करने के लिए एक निष्पक्ष आयोग की स्थापना करे। भाजपा अपने समस्त सबूतों को आयोग के समक्ष रखेगी, अन्यथा आगामी चार्जशीट में भी भाजपा इन सबूतों को जनता के समक्ष जगजाहिर करेगी।

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