गेहूं के आटे के सुदृढ़ीकरण को मजबूत करने पर राज्य स्तरीय कार्यशाला

शिमला: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने कर्नाटक हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) तथा ग्लोबल एलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिशन (जीएआईएन) के सहयोग से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीडीपीएस) में गेहूं के आटे के सुदृढ़ीकरण को मजबूत करने पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव आर. डी. नजीम ने मुख्य संबोधन में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने संस्थागत सुदृढ़ीकरण, विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय तथा सतत् तकनीकी सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि सुदृढ़ीकरण कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके। इस अवसर पर उन्होंने गेहूं के आटे के सुदृढ़ीकरण पर एक व्यापक नीति दस्तावेज का भी विमोचन किया, जो राज्य में भविष्य की कार्यान्वयन रणनीतियों का मार्गदर्शन करेगा।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा कि राज्य गुणवत्तायुक्त सुदृढ़ीकृत गेहूं के आटे के माध्यम से टीपीडीएस को मज़बूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे कमज़ोर वर्गांे की पोषण सुरक्षा में सुधार होगा।
केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई) के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक सुरेश सखारे ने तकनीकी सत्रों का संचालन किया। इन सत्रों में गेहूं के आटे के सुदृढ़ीकरण से जुड़े तकनीकी पहलुओं, नवाचारों तथा सर्वोत्तम प्रथाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
जीएआईएन की प्रिया भट्टाचार्य और केएचपीटी की मिहिका वखलू ने प्रक्रिया दस्तावेज़ के प्रमुख निष्कर्ष प्रस्तुत किए। उन्होंने कार्यक्रम के क्रियान्वयन ढांचे पर महत्त्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं तथा सुदृढ़ीकरण कार्यक्रमों की सफलता के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं और हितधारकों की सक्रिय भागीदारी के महत्त्व को रेखांकित किया।
कार्यशाला में जिला स्तर के अधिकारियों, मिल संचालकों तथा टीपीडीएस से जुड़े अन्य प्रमुख हितधारकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और सुदृढ़ीकरण के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए चुनौतियों एवं सुझावों पर विचार-विमर्श किया।

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