बिंदल बोले- मुख्यमंत्री जिन गारंटियों की बात बिहार में करके आए हैं उन गारंटियों का इंतजार हिमाचल की जनता आज भी कर रही है
बिंदल बोले- मुख्यमंत्री जिन गारंटियों की बात बिहार में करके आए हैं उन गारंटियों का इंतजार हिमाचल की जनता आज भी कर रही है
शिमला: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू जिन गारंटियों की बात बिहार में करके आए है उन गारंटियों का इंतजार हिमाचल की जनता आज भी कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 28 लाख महिलाएं है पर मुख्यमंत्री केवल 2.70 लाख महिलाओं की बात कर रहे है जिन्हें 1500 प्रति महीना मिल रहे है। यह साफ दिखता है कि महिलाओं के साथ किया वादा अभी तक मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस द्वारा पूरा नहीं किया गया है, प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए सभी वादा जनता के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर वर्ग के साथ की गई गारंटी अभी भी ठंडा बस्ती में है और यह पूरा देश जानता है। इसलिए मुख्यमंत्री का बिहार द्वारा किसी भी प्रकार का असर बिहार की जनता पर छोड़ने में असफल रहेगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के नेता जब दूसरे प्रांतों में जाकर हिमाचल के बारे में बात करते हैं तो यहां की जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस करती है। कई गारंटिया तो पहले कैबिनेट में पूरी होनी थी पर अभी तक वह पूरी नहीं हो पाई, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश में महिलाएं, किसान, कर्मचारी एवं युवा परेशान है। इस प्रकार का प्रचार दूसरे प्रदेशों में करना हिमाचल के जख्मों पर नमक छिड़कना जैसा है, यह सभी प्रचार अनुचित है। बिहार की जनता को भी पता है कि हिमाचल में दी गई गारंटियां ना तो पूरी हुई है ना तो आने वाले समय में पूरी होगी।
बिंदल ने कहा कि एनडीए ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है, जिसमें एक करोड़ लोगों को सरकारी नौकरियों का वादा किया गया है। इसके साथ ही रोजगार के नए अवसर सृजित करने का भी संकल्प लिया गया है। यह संकल्प सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि बिहार के विकास को नई दिशा देने का संकल्प है, जिसे भाजपा पूरी दृढ़ता के साथ आगे बढ़ाएगी। आज रेलवे का बजट बिहार के लिए नौ गुना बढ़ाया गया है, वर्तमान में बिहार से होकर 20 वंदे भारत ट्रेनें गुजर रही हैं और अमृत भारत एक्सप्रेस सर्विस की 26 ट्रेनें बिहार से संचालित हो रही हैं, मेट्रो का विकास भी जारी है। एक समय ऐसा था जब गांवों और शहरों में जनरेटर चलते थे, लोग अपने मोबाइल को चार्ज करने के लिए जनरेटर वाले को 10 या 12 रुपये देते थे। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है, पिछले 20 वर्षों में हर गांव तक बिजली पहुंचाई गई है और आज लगभग हर गांव में 23 से 24 घंटे बिजली उपलब्ध रहती है। यही बदलते बिहार की पहचान है।