मुख्यमंत्री ने की बड़सर अस्पताल को 100 बिस्तरों की क्षमता में स्तरोन्नत करने की घोषणा ; बोले- 65 करोड़ की योजना से बाबा बालकनाथ मंदिर का किया जा रहा सौन्दर्यीकरण

हमीरपुर: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर के बड़सर विधानसभा क्षेत्र में विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए बड़सर की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में अगले शैक्षणिक सत्र से सीबीएससी कक्षाएं आरम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब तक 20 सरकारी विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड की मान्यता दी गई है।
उन्होंने बड़सर अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता को बढ़ाकर 100 करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालय के कैंसर केयर संस्थान पर 300 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने बड़सर में इन्डोर स्टेडियम और पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय कॉलेज में एमए और एमकॉम की कक्षाएं आरम्भ करने और क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों और मुख्य बाजारों में सोलर लाइटें और हाइमॉस्ट लाइटें लगाने की भी घोषणा की।    
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल हमीरपुर में 7 विशेषज्ञ विभाग बनाने के लिये 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला की सभी सड़कों को डबल लेन किया जा रहा है और सलौणी-दियोटसिद्ध सड़क के लिए 37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़सर विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए 96 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। बाबा बालक नाथ तीर्थस्थल और उसके आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण के लिए 65 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृति की गई है।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने मिनी सचिवालय के निर्माण के लिए नाममात्र का बजट दिया था जबकि वर्तमान सरकार ने इसका निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए 16.50 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध करवाया। प्रदेश सरकार ने फर्नीचर और लाइब्रेरी के लिये भी धन आवंटित किया है।
भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान विकास के नाम पर 1000 करोड़ रुपये की लागत से जो भवन बनाए थे वे भवन वर्तमान में खाली पड़े हैं। इसके अलावा उन्होंने आम चुनावों से ठीक पहले बिना शैक्षणिक स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित किए 600 स्कूल खोलने की घोषणा की थी। उनकी गलत नीतियों के कारण ही शिक्षा के स्तर में भारी गिरावट आई और राज्य की रैंकिंग 21वें स्थान पर आ गई थी।
वर्तमान सरकार के लिए शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना शीर्ष प्राथमिकताओं में एक था। छात्र-शिक्षक अनुपात में संतुलन स्थापित करना महत्त्वपूर्ण था ताकि हर स्कूल में बच्चे को गुणात्त्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त शैक्षणिक स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित हो। सरकार के निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। सरकार के अथक प्रयासों से राज्य ने शिक्षा क्षेत्र में वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (असर) में पांचवा स्थान हासिल किया है।  
भाजपा ने कभी संसाधन जुटाने और लोगों के कल्याण के लिए संसाधनों और  धन का सदुपयोग करने के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए भाजपा ने नीतियों में बदलाव किया। इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा के शासनकाल में शराब की दुकानों के लाइसेंस के नवीनीकरण हर वर्ष 10 प्रतिशत प्रीमियम पर किया जाता था, जिसका सीधा लाभ भाजपा के लोगों को होता था। वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार संभालने के उपरान्त शराब की दुकानों की नीलामी करने का निर्णय लिया और इससे राज्य को प्रतिवर्ष 450 करोड़ रुपये से अधिक की आय सुनिश्चित हुई जबकि भाजपा अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में यह कार्य नहीं कर सकी।
इसके अतिरिक्त वर्तमान सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजे बंद कर 3000 करोड़ रुपये बचाए हैं और इस धनराशि से विधवाओं और बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं राजनीतिक संबद्धता के आधार पर लोगों या क्षेत्रों में भेदभाव नहीं करता, बल्कि सभी क्षेत्रों का समान विकास सुनिश्चित करना चाहता हूं। प्रधानमंत्री द्वारा आपदा प्रभावितों के लिये घोषित 1,500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की राशि अभी तक राज्य को प्राप्त नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी सात सांसदों से प्रधानमंत्री द्वारा आपदा प्रभावितों के लिये घोषित धनराशि प्राप्त करने में मदद करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की मुहीम को शुरू कर सरकार बीमार स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए दृढ़ प्रयास कर रही है। राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से बेहतर किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के आधुनिकीकरण और विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है। सरकार ने राज्य में 69 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान खोले हैं। इन संस्थानों के साथ-साथ राज्य के अन्य सभी स्वास्थ्य संस्थानों को सुदृढ़ करने के लिए उन्नत उपकरण खरीदे जा रहे है। आईजीएमसी शिमला और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में 19 से 20 साल पुरानी मशीनों को नई मशीनों से बदला जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने क्षतिग्रस्त गौशालाओं के मुआवजे के अलावा पूर्णतः और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए मकानों के निर्माण के लिए आपदा राहत कोष में वृद्धि की है। हम शीघ्र ही आपदा प्रभावितों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा करेंगे और आपदा प्रभावित परिवारों के लिए पर्याप्त प्रावधान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा बजट तैयार किया गया है। प्राकृतिक खेती से उगाई गई मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम और गेहूं का एमएसपी 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर 60 रुपये प्रति किलोग्राम किया गया है। सरकार ने प्राकृतिक खेती से उगाई गई हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 90 रुपये प्रति किलोग्राम तय किया है। उन्होंने कहा कि पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए सरकार ने गाय के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 45 रुपये से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का एमएसपी 55 रुपये से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है और इस संबंध में एक कानून भी बनाया गया है। सरकार अनाथ बच्चों की 27 वर्ष की आयु तक देखभाल करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने विधवाओं, तलाकशुदा और दिव्यांगजनों के 23,000 बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ आरम्भ की है।
इससे पहले, बड़सर पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। बड़सर मार्ग पर हज़ारों लोगों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।
उपमण्डलाधिकारी बड़सर राजेंद्र गौतम और उनके कार्यालय स्टाफ ने मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री को 51 हजार रुपये का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिये दिया। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश धर्मस्थल कर्मचारी संघ दियोटसिद्ध के पदाधिकारियों ने 1.04 लाख रुपये, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोटा के स्टाफ व विद्यार्थियों ने 61 हजार रुपये, बेरोजगार संघ ने 51 हजार रुपये, हिमाचल कल्याण संस्था ने एक लाख रुपये तथा डिग्री कॉलेज ऊना के विद्यार्थियों ने 2.21 लाख रुपये के चेक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दान किये।

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