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प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर पर फहराएंगे राष्ट्रीय ध्वज

  • लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वतंत्रता दिवस की 70वीं वर्षगांठ पर कल लाल किले के प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। राष्ट्रीय झंडा फहराने के बाद नरेन्द्र मोदी लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के लाल किले के लाहौरी गेट पहुंचने पर उनकी अगवानी रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे तथा रक्षा सचिव जी.मोहन कुमार करेंगे।

रक्षा सचिव दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी, दिल्ली क्षेत्र), लेफ्टिनेंट जनरल विजय सिंह का परिचय प्रधानमंत्री से कराएंगे। दिल्ली क्षेत्र के जीओसी प्रधानमंत्री को सलामी मंच तक ले जाएंगे और वहां सम्मिलित अंतर सेवाओं तथा पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सलामी देंगे। नरेन्द्र मोदी गार्ड ऑफ ऑनर (सम्मान गारद) का निरीक्षण करेंगे। प्रधानमंत्री को सम्मान गारद प्रस्तुत करने वाले दस्ते में सेना, नौ सेना, वायु सेना तथा दिल्ली पुलिस के 24 जवान और एक-एक अधिकारी होंगे। सम्मान गारद की स्थिति सीधे राष्ट्रीय ध्वज की ओर होगी।

इस वर्ष समन्वय का कार्य वायु सेना कर रही है। सम्मान गारद की कमान भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर के.श्रीनिवासन संभालेंगे। सम्मान गारद में थलसेना दस्ते की कमान मेजर महेश सिंह बिष्ट संभालेंगे जबकि दिल्ली पुलिस की कमान एसीपी प्रशांत प्रिय के हाथ होगी।

प्रधानमंत्री के सम्मान गारद के लिए थल सेना के दस्ते में 8वीं जम्मू और कश्मीर लाइट इनफैंट्री (सियाचीन) के सदस्य शामिल किये गए हैं। यह बटालियन पहली बटालियन बॉर्डर स्काउट के रूप में उन लोगों द्वारा बनाई गयी थी जिन्होंने 18 दिसंबर, 1947 को सांप्रदायिक उन्माद फैलने के बाद तथा पुंछ में कबाइलियों पर काबू पाने के लिए हथियार उठाये थे। 15 अप्रैल, 1948 को इस साहासिक बटालियन को 8वीं जम्मू और कश्मीर मिलिशिया का नाम दिया गया था।

1971 के युद्ध में बटालियन ने अपनी वीरता से छम्ब को अपने कब्जे में लेने के दुश्मन के सपने को चकनाचूर कर दिया था। इसके लिए बटालियन को युद्ध सम्मान- लालिली एण्ड पीक्वेट 707 मिला। रेजीमेंट को 27 अप्रैल, 1976 को नया नाम जम्मू और कश्मीर लाइट इन्फेंटरी दिया गया। सियाचीन में जून 1987 में बटालियन ने पाकिस्तान की “कैद चौकी” पर कब्जा करके इतिहास रच दिया। यह चौकी 21,153 फीट की ऊंचाई पर है। इस चौकी का नया नाम बाना टॉप। यह नाम नायक सूबेदार बाना सिंह, परमवीर चक्र के सम्मान में दिया गया। बटालियन को 2001 में जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में शानदार प्रदर्शन के लिए सेनाध्यक्ष का प्रशस्ति पत्र मिला। बटालियन ने 2006 में सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन स्थापित किया और सूडान के इतिहास में रक्तपात की लड़ाई से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र यूनिट प्रशस्ति पत्र 2007 में मिला।

बटालियन ने एक बार फिर 2008 में अपने साहस और शक्ति का प्रदर्शन किया। जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में नायब सूबेदार चुनीलाल, वीर चक्र, सेना पदक ने आतंकवादियों से लड़ते हुए भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा के अनुसार अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इसके लिए उन्हें शान्तिकाल का सर्वोच्च शौर्य सम्मान “अशोक चक्र” (मरणोपरांत) मिला। इस तरह यह बटालियन बहादुरों की बहादुर बटालियनों में शामिल हो गयी। बटालियन को 2009 में एक बार फिर जम्मू और कश्मीर मे नियंत्रण रेखा पर शानदार कार्य प्रदर्शन के लिए सेनाध्यक्ष का प्रशस्ति पत्र दिया गया। यह बटालियन भारतीय सेना की श्रेष्ठ बटालियनों में एक है। नायब सूबेदार चुनीलाल अशोक चक्र (मरणोपरांत), वीर चक्र, सेना पदक बटालियन के सर्वाधिक सम्मानित सैनिक रहे। अभी यह बटालियन राष्ट्रपति के रस्मी सेना गार्ड का प्रतिष्ठित कर्तव्य निभा रही है।

सम्मान गारद का निरक्षण करने के बाद प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर की ओऱ जाएंगे जहां उनका स्वागत रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, रक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष भामरे, सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह, वायु सेनाध्यक्ष मार्शल अरूप राहा तथा जल सेनाध्यक्ष एडमिरल सुनील लांबा करेंगे। दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए मंच तक ले जाएंगे।

झंडा फहराए जाने के साथ-साथ 2281 फील्ड रेजीमेंट (रस्मी) द्वारा 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल आदित्य कुमार देवरानी, शौर्य चक्र, सेना पदक तथा गन पॉजिशन अधिकारी लुईस दिरावियम होंगे। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के समय सेना, थल सेना, वायु सेना और दिल्ली पुलिस के – 32 जवान और एक-एक अधिकारी की टुकड़ी द्वारा राष्ट्रीय सलामी दी जाएगी। इस अंतर सेवा गार्ड तथा पुलिस गार्ड की कमान विंग कमांडर जयपॉल जेम्स संभालेंगे। राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए जल सेना दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट सीडीआर श्रीकांत सी जोशी करेंगे जबकि थल सेना के दस्ते का नेतृत्व मेजर अनुज कुमार तोमर, कोंगो वायु सेना के दस्ते का नेतृत्व स्क्वायड्रन लीडर विनायक गोडबोले तथा दिल्ली पुलिस दस्ते का नेतृत्व एडिशनल डीसीपी श्री एम.हर्षवर्धन करेंगे।

प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के समय जब राष्ट्रीय सलामी दी जाएगी उसी समय वायु सेना का बैंड दस्ता राष्ट्रगान बजाएगा। सभी सेनाकर्मी खड़े होकर सलामी देंगे। बैंड का नेतृत्व जेडब्ल्यूओ श्यामल कुमार मित्रा, 2 वायु सेना बैंड के म्यूजिशियन, करेंगे। प्रधानमंत्री के लिए एडीसी ड्यूटी के तौर पर सलामी मंच की दोनों ओर वायुसेना के दो अधिकारी फ्लाइट लेफ्टिनेंट निशंक अवस्थी तथा फ्लाइट लेफ्टिनेंट अभिषेक कश्यप रहेंगे। फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रभजोत कौर राष्ट्रीय ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता करेंगी।

राष्ट्रीय ध्वज गार्ड के लिए सेना के दस्ते में जाट रेजीमेंट की 11वीं बटालियन से जवान लिए गए हैं। यह 52 वर्ष पुरानी बटालियन है और इसने सभी स्थिति में हमारी सीमाओं की रक्षा की है। इस बटालियन का गठन 1 अप्रैल, 1964 को बरेली में दिवंगत मेजर भागु राम सहारन ने किया था। 2007 से 2010 के बीच तंगधार में अभियान के लिए बटालियन को थल सेना अध्यक्ष का प्रशस्ति पत्र मिला। बटालियन को क्रमशः 2006 और 2014 में जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (उत्तरी कमान) तथा जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (पश्चिम कमान) का प्रशस्ति पत्र मिला। 30 मई, 2016 से बटालियन की ड्यूटी दिल्ली में है और इसने संचालन की जिम्मेदारी संभाली है। वर्ष 2014-15 में अरुणाचल प्रदेश में तैनाती के दौरान इसे 71 इनफैंट्री डिवीजन में सर्वश्रेष्ठ बटालियन माना गया है। यह लगातार चौथा श्रेष्ठ बटालियन पुरस्कार है।

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद प्रधानमंत्री देश को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद स्कूली बच्चे और एनसीसी के कैडेट राष्ट्रगान करेंगे। इस वर्ष के झंडातोलन समारोह में दिल्ली निदेशालय के विभिन्न स्कूलों के 700 एनसीसी (सेना, थल सेना और वायु सेना विंग) कैडेट भाग ले रहे हैं। ये कैडेट स्कूली बच्चों के साथ देशभक्ति के गाने गाएंगे और राष्ट्रगान करेंगे। कुल 3,500 स्कूली छात्राएं राष्ट्रगान करेंगी। ये छात्राएं दिल्ली के शिक्षा निदेशालय के पूर्वी, उत्तर पूर्व, उत्तरी तथा मध्य क्षेत्र के 42 सरकारी स्कूलों की हैं। समारोह के दौरान छात्राएं विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी देशभक्ति गीत गाएंगी।

 

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