शिमला: जिला शिमला में विभिन्न विकास कार्यों के लिए पहल कार्यक्रम के अंतर्गत वनाधिकार अधिनियम में लगभग 30 कार्यों के लिए वन विभाग की मंजूरी लेकर जमीन उपलब्ध करवाई गई है। उपायुक्त शिमला रोहन चंद ठाकुर ने आज यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि उपमण्डल रोहड़ू में 11 कार्यों, उपमण्डल ठियोग में 4 कार्यों, रामपुर में 9 कार्यों, शिमला ग्रामीण में 6 कार्यों के लिए वन विभाग की मंजूरी प्राप्त कर निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि वन अधिकार अधिनियम-2006 के सैक्शन-3 व सब सैक्शन-2 के अंतर्गत यह प्रावधान है। उन्होंने बताया कि यह मंजूरी स्कूल, स्वास्थ्य संस्थान, आंगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकान, विद्युत अथवा संचार की लाईने स्थापित करने, टैंक अथवा अन्य जलागम कार्यों, पेय व अन्य जल वितरण पाईप लाईन बिछाने, वर्षा जल संग्रहण, सिंचाई कूहलों के निर्माण, गैर पारंपारिक ऊर्जा स्त्रोंतो व कौशल विकास अथवा वोकेशनल प्रशिक्षण केंद्रों के निर्माण, सड़क अथवा सामुदायिक केंद्रों के निर्माण के लिए प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि इन कार्यों के लिए भूमि एक हैक्टेयर से कम हो व पेड़ों की संख्या 75 पेड़ों से अधिक नहीं होनी चाहिए। विकास कार्यों की वन मंजूरी हेतु संबंधित ग्राम सभा अथवा नगर निगम वार्ड कमेटी प्रस्ताव की अनुमति अवश्य होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, राजस्व दस्तावेज संयुक्त जांच रिपोर्ट के साथ संबंधित डीएफओ को आवेदन करे। वन मण्डलाधिकारी मामले को यदि निरस्त कर दे तो उसे जिला स्तरीय वनाधिकार समिति के समक्ष अंतिम निर्णय के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। वन अधिकार अधिनियम के तहत लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग व विद्युत विभाग के अनापत्ति प्रमाण-पत्र के बाद भूमि हस्तांतरित की जाती है।